" देश की जनता को मै ये सन्देश देना चाहता था " ये बयां था सुरेश कलमाड़ी पर चप्पल का प्रहार करनेवाले युवक का | आखिरकार ऐसी नौबत क्यों आई जनता के सामने ? क्यों अपने ही चुने हुवे नेता को चप्पल से मारना चाहती है जनता ? "
" शर्मनाक बात "
" देश के एक युवक द्वारा सुरेश कलमाड़ी पर चप्पल का प्रहार और उसका बयां सायद बरसो से सो रही जनता को समाज में आये तो अच्छा क्यों की आज तक आम आदमी चुप बैठा है ,तभी तो देश में पिछले कुछ सालों से घोटाले हो रहे है अन्यथा क्या मजाल है देश के भ्रस्ट नेता की और सरकार की , की भ्रस्टाचार करने के बाद भी वो सत्ता में रहे सके |"
" प्रजा तंत्र में विश्वाश रखनेवाली भारत की जनता को आज अपने ही द्वारा चुने हुवे नेता परेशान कर रहे है आज भारत देश का ये हाल है की भ्रस्ताचारी नेता जब मौज मन रहे है तब भारत का आम आदमी अपना और अपने बच्चों का पेट भरने के लिए जुन्ज रहा है ... महेंगाई , भ्रस्टाचार ,और कई विवादों भारत में आग लगी हुई है और सत्तारूढ़ कांग्रेस सरकार "फिडल" बजा रही है ..कभी पेट्रोल के दाम ..तो कभी प्याज ..कभी अनाज का सड़ना ... कोर्ट का भी नहीं मानना ये सब क्या है भाई ?"
* देश भर में आज तक जितने भी घोटाले हुवे है उन पर एक नजर डालो |
" अगर हम देश आजाद हुवा तब से लेकर आज तक जितने भी घोटाले हुवे है उन पर एक नजर डालेंगे तो पता चलेगा की जनता का गुस्सा जायज है या नहीं है ? आज तक हुवे घोटाले में सभी जगह कांग्रेस और उनका सहयोगी दल ही नजर आएगा ..आओ नजर करते है
कॉमनवेल्थ गेम्स
चारा घोटाला
आदर्श सोसायटी
२ जी घोटाला
बोफोर्ष घोटाला .......... लिस्ट बहुत लम्बी है ..सायद यहाँ जगह कम पड़ेगी ...आप खुद ही ट्राय करना जरूर |"
* कांग्रेस की फितरत क्या सही है ?
" देश में अगर कुछ होता है तो कांग्रेस फ़ौरन वहां के मुख्यमंत्री को पद छोड़ने के लिए मजबूर करती है या फिर " राष्ट्रपति शाशन " की मांग करती है मगर जब खुद के ही मंत्री दल ने इतने सारे घोटाले किये है तब ना सत्ता छोड़ रही है ना ही दे रही है न्याय ..हजारों करोड़ों के घोटाले के बावजूद भी सत्ता पर चिपक कर बैठी हुई कांग्रेस की सरकार ना ही घोटाले की जिम्मेदारियां ले रही और ना ही सत्ता छोड़ रही है इसे हम क्या कहे बेशर्मी , बेशर्मी की हद होती है या नहीं ? "
* जन लोकपाल और कांग्रेस का डर ..|"
" जन लोकपाल कानून को लेकर सारा देश उत्तेजित है वही पर कांग्रेस के भ्रस्ट नेता में मचा है तहेलका ..क्यों मनाने जा रहे है कभी "बाबा रामदेव "को तो कभी "अन्ना हजारे जी "को ..तो सिद्धि बात है की यही लोग जो चोर है और ये लोग नहीं चाहते है की ऐसा कोई कानून आये और उनकी भ्रस्टाचार की दुकान बंध हो जाये और वो भी कानून के दायरे में आये फिल हाल ही कांग्रेस ने कहा था की " देश के प्रधान मंत्री जैसे गरिमा पूर्ण पद को जन लोकपाल के दायरे में ना लिया जाये " क्यों भाई ..इस वक़्त जब देश के प्रधान मंत्री मनमोहन को सब पता है फिर भी वो भ्रस्टाचार के खिलाफ कुछ बोल नहीं रहे है तो फिर क्यों इस पद को भी इस दायरे में ना लिया जाये ..उनका मौन ही देश के लिए सबसे बड़ा खतरा जो है अगर वो सच्चाई बयां कर देते तो देश के करोडो रुपये बच जाते और भ्रस्टाचारी नेता को मिलती सजा , "
" आज तक सत्ता का दुरुपयोग करके भ्रस्टाचार करनेवाली सबसे निक्कमी सरकार है कांग्रेस , अरे ये तो दिग्विजय जैसे लोगों को भी चुप रहेने का आदेश नहीं दे पा रही है ..बड़े होसियार है ये दिग्विजय जिनकी नजर में " ओसामा " .." ओसामाजी " जो है ..वो भला देश के बारे में क्या अच्छा सोच और बोल सकते है |"
* कांग्रेस अब देश को लूटना बंध करो
" महेंगाई पर महेंगाई आम आदमी को देने वाली ये सरकार खुश कर सकती है सिर्फ और सिर्फ उधोगपतियों को क्यों की इस सरकार को आम आदमी के दर्द की कुछ पड़ी ही नहीं है ..आपको देखनी है सच्चाई की क्या हालत है देश के गरीब लोगों के तो फिर यहाँ जाओ और पढो .. " एक रोटी चाहिए मुझे ..एक सच्ची घटना | "|"
"मगर इस से भी कोई फर्क नहीं पड़ेगा सरकार को क्यों की ये सरकार ना सुनती है ...ना देखती है ..और ना ही बोलती है ये सिर्फ देश की जनता को लूटना और भ्रस्टाचार करना ही जानती है ..कभी ifpri की वेब साईट पर भी जाना जरूर भारत की असलियत का पता चल जायेगा |"
इस शानदार कार्टून के लिए दीपक जी मै आपका आभारी हु
घोटाले ही घोटाले,घोटालों की भरमार,
ReplyDeleteअब तो निपटाओ,घोटालों की सरकार।
मुझे तो ऐसा लगता है कि अगर आज देश के पास एक भी बेहतर विकल्प होता तो नौबत मध्यावधि चुनाव की आ जाती । हश्र सरकार खुद देख लेती अपना । लेख दमदार बन पडा है तुलसीभाई , तेवर बरकरार रखिएगा
ReplyDeleteपाप का घड़ा भर गया है.....बल्कि ओवर फ्लो हो रहा है अब तो.
ReplyDeleteशानदार आलेख.
मेरा भी यही मानना है की प्रधानमंत्री का चुनाव करने का अधिकार जनता को होना चाहिए। और चुनाव हर तीन साल बाद होने चाहिए। इससे सरकार ज्यादा जिम्मेदारी से काम करेगी।
ReplyDeleteलोग कहते हैं की अच्छे व्यक्ति को वोट दो, पर कोई ये तो बताए की वो अच्छा है कौन?
लोकजनपाल बिल भी ये अपनी मर्जी से ही बनाएँगे या तो बनने ही नहीं देंगे।
रामदेव बाबा को भी बेवकूफ बना दिया सरकार ने। कहा है की कमेटी बनाएँगे और 6 महीने में काम हो जाएगा। पर ये नहीं कहा कि अगर 6 महीने मे काम पूरा नहीं हुआ तो क्या?
क्योंकि मुझे तो नहीं लगता इतनी जल्दी ये कुछ कर सकते हैं। ये तो बस मामले को लटकाने कि फिराक मे हैं।
सुरु से ही इनका ध्यान लोकपाल विधेयक और काला धन वापसी आंदोलन को दबाने को ब्लेक मेलिंग का रहा है आपने सुना होगा कि जब बाबा रामदेव अपनी भारत यात्रा पूर्ण करके दिल्ली पहुंचे तब सोनिया सरकार के चार-चार मंत्री हवाई अड्डे पर ही बाबा के स्वागत के लिए पहुच गए ! आम तौर पर ऐसा स्वागत किसी विदेशी राष्ट्राध्यक्ष को ही मिलता है भारत आगमन पर ! परन्तु बाबा के पास ये चारों मंत्री पहुंचे और उनसे हवाई अड्डे पर ही घंटों लम्बी बात-चित चली ! बाबा के समर्थकों और देश भक्तों को ऐसा लगा कि काँग्रेस के ये नेता बाबा से अनुनय-विनय कर रहे होंगे कि आप अपना सत्याग्रह वापस ले लो ! परन्तु वहाँ ग्रीन रूम में कुछ और ही कहानी चल रही थी ! बाबा से मिलते ही प्रणव मुखर्जी ने अपनी मक्कारी दिखाई ! और बाबा को ५० से अधिक अपराधियों के नाम की सूचि थमाई ! बाबा ने कहा मुखर्जी साहब यह सूचि आपको मुझे नहीं पाकिस्तान को देना चाहिए ! तो प्रणव मुखर्जी ने कहा की बाबा ये पाकिस्तानी नहीं हैं ! बाबा ने पूछा, फिर ???? तो प्रणव मुखर्जी ने कहा ये सारे लोग हिन्दुस्तानी हैं ! तो बाबा ने कहा की फिर ये सूचि आप CBI, IB या RAW को दीजिये ! इनको पकड़ने का काम वो करेंगे ! या फिर मुम्बई ATS को दे दीजिये ! तो प्रणव मुखर्जी ने कहा कि बाबा ये उन अपराधी कि सूचि हैं जिन्होंने आपके पतंजली योग पीठ को १० लाख से अधिक की दान राशी भेजी है ! आपको इस अपराध के एवज में गिरफ्तार किया जायेगा और आपके खिलाफ मुकदमे चलाये जायेंगे ! बाबा तनाव में आ गए ! उन्होंने अपने एक करीबी को फोन मिलवाया और पूछा कि प्रणव मुखर्जी ने मुझे इस प्रकार की सूचि सौंपी है इसका सच क्या है ? तो उन्होंने बताया, ''यह सच है कि हमारे पास इन लोगों की दान राशी आई है ! हमारा खाता नंबर तो इंटरनेट, अखबार, समाचार चैनल हरेक जगह दिखता है ! इसका लाभ उठाकर हमें कोई भी अपनी दान राशी भेज सकता है ! परन्तु इस दान के लिए हमारी जिम्मेवारी तब हो जाती है जब योग पीठ उनको पावती (रशीद) जारी कर देती है ! हमने अभी तक उन्हें पावती नहीं दिया है ! बल्कि उल्टा हमने उन्हें नोटिस भेजा है उनके चेकबुक के आधार पर उनका पता ट्रेस करके कि वो सभी लोग अपनी पहचान हमारे सामने घोषित करें !'' फोन डिस्कनेक्ट होने पर बाबा ने यह बात प्रणव मुखर्जी को समझाई ! यह सुनकर प्रणव की सारी मक्कारी हवा हो गयी ! और बैताल एक बार फिर पेंड़ पर लटक गया ! तो आप अच्छी तरह समज गए होंगे की किस प्रकार कोंग्रेश का दूत बाबा के पास सौदा करने गया था. जी कोंग्रेसी नहीं चाहते की लोक पाल विधेयक पास हो. और विदेशी बेंको में इनका जमा रुपया भारत वापस आये.
ReplyDeleteबाबा लगे रहो, पूरा देश साथ में है...
ReplyDeleteललित सर ...ये देश घोटालों का ..यहाँ जब देश का प्रधान मंत्री ही घोटालों के बारेमे कुछ ना बोलता हो तो फिर वो कहावत है ना " अंधेर नगरी में ..."
ReplyDeleteअजय भाई ..आपका कहेना उचित है माना की हमारे पास और कोई विकल्प नहीं है मग़र जब जनता जनार्दन सत्तारूढ़ पक्ष को घोटाले के बारे में पुचना चालू करेगी तब ...फिर आने वाला कोई भी पक्ष कम से कम ये तो सोचेगा ना की जनता ने कांग्रेस का जिस तरह से बुरा हाल किया था कही उनका भी ना हो ...गलती की सजा देने का वक़्त अब शायद आगया है
ReplyDeleteसमीर सर ..आपका कहेना उचित है गुरुदेव ..पाप का घड़ा अब ओवरफ्लो हो रहा है..
ReplyDeleteधीरज , सही कहा अब यही ठीक रहेगा की प्रधान मंत्री का चुनाव जनता करे ..और ये भी सही है की ये सरकार सिर्फ और सिर्फ उल्लू बनाना ही जानती है ..पहले आम आदमी को...फिर अन्ना हजारे जी को ...अब शायद बारी है बाबा रामदेव जी को
ReplyDeleteब्लॉग तकनीक साहब दुरुस्त फ़रमाया है आपने ... भैया यही तो है सरकार गरीबों को लुटना और गद्दारी करना , इनका पुराना धर्म है
ReplyDelete" भारतीय नागरिक सर आप नहीं है क्या बाबा के साथ ..अन्ना हजारे के साथ ...आम आदमी के साथ ..अगर है तो फिर लगे रहो बाबा नहीं ...भ्रस्टाचार हटाओ कहो दोस्त
ReplyDeleteबिल्कुल साथ में हूं, हम सब साथ हैं...
ReplyDeleteवही हुआ जिसका डर था, अनशन पर पुलिस का डंडा चल गया...
सोच सकता हूं कि अंग्रेजों के राज में कैसा होता होगा... क्या इसी दिन को देखने के लिये भगत सिंह ने शीश चढ़ाया था..पंडाल में कुछ पुलिस वाले मुंह पर कपड़ा लपेटे थे. क्यों .. क्या यही होता है गणतन्त्र, जनतन्त्र और लोकतन्त्र....
बर्बरतापूर्ण कदम!
ReplyDeleteदुर्भाग्यपूर्ण है!
एक और पुलिसिया अत्याचार , और सरकार जिम्मेदार , दुखद घटना
ReplyDeleteशानदार और ज़बरदस्त आलेख! प्रशंग्सनीय प्रस्तुती!
ReplyDeleteसुनील कुमार सर ..सही कहा आपने पुलिश की इस कार्यवाही को देखकर ऐसा प्रतीत होता है की जलियांवाला बाग़ और आज की घटना में कोई फर्क नहीं है सायद ..क्यों की ये लड़ाई भी तो काला धन वापस लाने के लिए ही
ReplyDeleteबहुत ही हिम्मतपूर्ण कदम सरकार का,भ्रष्ट तो बाबा भी हैं,करोड़ों का आश्रम सफेद लोगों के चंदे से नहीं बनता,
ReplyDeleteविवेक जैन vivj2000.blogspot.com
" विवेक सर आप से मै एक सवाल पुचता हु अगर बाबा चंदा ले रहे है तो देश के काला धन के बारे में लड़ भी रहे है मगर ये नेता लोग चुनाव का फंड इक्कठा करते है और देश को करोड़ों का चुना लगते है क्या ये सही है ..फिल हाल तो जनता का फायदा बाबा को सप्पोर्ट करने में है ..क्यों की मै भी चाहता हु की देश का काला धन देश में वापस आये ..क्या आप नहीं चाहते है ?
ReplyDeleteroshani ji on facebook : Blogtaknic सूचना देने के लिए धन्यवाद. असलियत यह थी अब पूरी बात समझ में आई. और यह भी समझ में आया कि दिन में सम्मान और रात में अपमान क्यों? तुलसी भाई जी आपने तो सरकार के सारे चिट्ठे ही खोलकर रख दिए. शुक्रिया. अब बाबा जी आगे कि रणनीति क्या है इसे देखते हैं. इस टिपण्णी के माध्यम से हम बाबा जी को यह कहना चाहते हैं कि आप हमारी आवाज़ हो और अब कोई हमारी आवाज़ कुचल नहीं सकता. और माँ बहनों का सम्मान नहीं करने वाली चाबिनुमा सरकार जो सोनिया के दम पे चल रही है उसे हटाना है. और साथ यह भी देखना है कि कोई गलत आदमी दोबारा फिर से सत्ता पे न आ जाये चाहे वह किसी भी पार्टी से हो. धन्यवाद.
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