* भेंस अच्छी मगर ये सरकार नहीं :
" भेंस जब भी पुंछ उठाती है तब वो गाना नहीं गाती है ..गोबर ही करती है ,और ये कांग्रेस सरकार भी जब भी आती है तब ईमानदारी नहीं मगर भ्रस्टाचार और सरकारी अफसरों का दुरुपयोग ही करती है ..मगर भेंस फिर भी अच्छी ...मगर ये सरकार नहीं ...क्यों की भेंस कम से कम अपने मालिक को दूध तो देती है ..लेकिन ये सरकार उसके मालिक को देती है डंडे और जब भी ये " हाथ "चुनाव जीत कर आता है तब, करारा तमाचा यही हाथ "आम आदमी" के मुंह पर मारता है | "
* भेंस काम की मगर ये सरकार .... |
" भेंस का दूध आम आदमी के बच्चों को काम आता है भेंस का "गोबर" भी आम आदमी के चूल्हों में आग लगाकर आम आदमी के लिए रोटियाँ बनाकर देने में काम आता है मगर ये सरकार सिर्फ काम आती है स्विट्जर्लैंड की सरकार को और स्विस बैंक को ..भेंस को लकड़ी के डंडे से मारने पर भी वो दूध तो देती ही है ,मगर ये सरकार को पुछने पर भी जनता को डंडे मारती है मानो जैसे सरकार करे वो लीला और जनता करे वो पाप, भैया देखना एक दिन सोनिया का रसोइया जो हैना वो भी हमारा राष्ट्रपति बनकर आएगा और ...जनता का मस्त फ्राय करके खायेगा ..क्यों की कांग्रेस अपने चापलूसों को हमारे सर पर बिठाती है फिर चाहे वो जनता को फ्राय करे या फिर सेंडविच बनाकर बिना सोस के खाए | "
* दिमाग नहीं है इसके पास ..फिर भी सलाह देता है |
" दिग्विजय सिंह ,याने फटे पायजामे का वो नाडा है जिसे लगता है की मै कांग्रेस सरकार की इज्ज़त बचा लूँगा मगर इस नाड़े को ये पता नहीं है की सुरक्षा में बैठा है तब तक तु बोल सकता है जिस दिन सत्ता से बहार हो जाओगे न ..तब न सुरक्षा होगी और न ही कोई आपकी रक्षा कर पायेगा क्यों की जनता जानती है नाड़े का दूसरा इस्तेमाल अरे कपडे सुखायेगी और दोनों तरफ खिंच कर बांध देगी,.. कोई भी मामले में ये पहुँच जाता है अपनी टांग अड़ाने फिर चाहे वो "जन लोकपाल" हो या "काले धन" का मुद्दा ..जनता को क्या गोबी के फूल समज रहे हो दिग्विजय ? ..अरे ये पब्लिक है ये सब जानती है और याद रहे १३० करोड़ की जनता है और २६० करोड़ जुते रहते है इनके पैर में ..ये बात मत भुलाना कभी ..अरे दाया ..बाया पैर मिलाकर हुवे न २६० करोड़ बस फिर इसका इस्तेमाल जनता करे इसके पहले सुधर जाओ और चुप चाप बैठो, घर में जाकर उप्परवाले का नाम लो ..अरे उप्परवाला मतलब ..भगवान .., सोनिया नहीं | "
* राहुल बाबा आप कहाँ है :
" देश में अभी कुछ ही महीनो पहले राहुल गाँधी ने कहा था की "मै इस देश में हो रहे भ्रस्टाचार के खिलाफ हु और भ्रस्टाचार के खिलाफ कड़ी कार्यवाही होनी ही चाहिए | " मगर जब देश में अन्ना हजारे और बाबा रामदेव ने भ्रस्टाचार के खिलाफ आवाज़ उठाई तो उसमे राहुल ने इंटेरेस्ट भी नहीं दिखाया ..और जब बाबा रामदेव पर डंडे बरसाए गए उसके कुछ ही दिनों में राहुल ,सोनिया ,प्रियंका ...स्विट्जर्लैंड गए भैया आपको इसी वक़्त ये स्विस क्यों याद आया ? आपतो देश में हो रहे भ्रस्टाचार के खिलाफ हो न तो फिर आपको सायद "बाबा रामदेव" और "अन्ना हजारे जी" के साथ होना चाहिए ..मगर आपतो लापता है , किशानो के लिए आप दौड़े थे वे किशान एक ही राज्य के थे, मगर " काले धन " के मुद्दे को लेकर जो धरना दे रहे थे वो जनता एक राज्य की नहीं थी मगर पुरे देश की थी और पुरे देश के हित की बात को लेकर बैठी थी जब उन पर आपकी सरकार ने लाठिया बरसाई तब आप कहाँ खो गए ? आपको तो देश की जनता के साथ भ्रस्टाचार को मिटाने के लिए साथ देना चाहिए ..अरे आपके दिग्विजय सिंह तो कहते है की आप भावी "प्रधान मंत्री" है मगर आप ऐसा ही करते रहोगे तो क्या अगला चुनाव जीत पाओगे ? क्यों की आप तो जनता को मुसीबत के वक़्त अकेली छोड़कर भाग गए है | "
* जनता को पता है :
" जिस दिन स्विस बैंक में पड़े काले धन की सूचि बहार आएगी उस दिन उस सूचि में कही पर भी आपका और आपकी सरकार के किसी भी मंत्री का नाम शामिल नहीं होगा इस बात को जनता जानती है की अब कौन सी बात पर उन्हें बेवकूफ बनाया जायेगा ...और जनता इस सरकार को सुक्रिया जरूर कहेना चाहेगी क्यों की इन दो साल में जितना कानून और अपने हक़ क्या क्या होते है ये पता चला है तो सिर्फ यही सरकार के काले और मस्त दमदार कारनामे की वजह से इस लिए तो जनता इस सरकार को सुक्रिया कहे रही है की अगर ये सरकार इतने अच्छे और तगड़े घोटाले एक साथ नहीं करती तो जनता सायद अब भी सोई हुई ही रहेती ..जनता को जागरूक करने के लिए इस सरकार का बहुत बहुत सुक्रिया ...| "
* अंडरवर्ल्ड के डोन से भी आगे निकल गयी ये सरकार :
" अंडरवर्ल्ड के डोन भारत में न रहेकर, याने पीछे से वार करते है मगर ये सरकार की हिम्मत देखो सामने से करती है वार ..साबास ..और अगले चुनाव में तो जनता आपको आपके खुबसूरत कारनामो के लिए मेडल भी देंगी इस बात में भी कोई शक नहीं है ..लगे रहो ...लगे रहो ..यूँही देश की जनता को लुटते रहो, मगर याद रहे २६० करोड़वाली बात ... | "
नोट : " ये व्यंग आप सभी को सायद पसंद आये या न भी आये ,मैंने तो देश हित के लिए ये लिखा है ..मेरी नजर से आप देखो तो इस सरकार से भेंस अच्छी है ..मगर मुझे पता नहीं है की आपकी नजर से भेंस अच्छी है या फिर ये सरकार या फिर किसी फटे पायजामे का नाडा | "
बढिया करारा व्यंग्य है,
ReplyDeleteसुपर रिन की धुलाई,
झमाझम चमक आई।
जबरदस्त व्यंग्य सरकार क्या करेगी आपको सब मालुम है|
ReplyDelete" सुनील सर , मैंने वही लिखा है जो मुझे सरकार में दिखता है ..क्या आपको भेंस से भी ये सरकार अच्छी लगती है ..मुझे तो नहीं लग रही है ..और जो मैंने देखा है इस सरकार में वही लिखा है | "
ReplyDelete" ललित सर , ये धुलाई अब चालू ही रहेगी ...अब बस और नहीं इस सरकार ने तो जीना मुस्किल कर रखा है |"
ReplyDeleteहज को तो चली सरकार
ReplyDeleteपर भैंस को साथ ले गई
या छोड़ गई बरखुरदार
दो सालो के कान के नीचे ...
ReplyDeleteमाना कि आप की पोस्ट इक आम नागरिक की दृष्टि से सच्ची है
ReplyDeleteपर आप में सिर्फ और सिर्फ एक उत्तेज़ना दीखती है
आप इसका विकल्प भी सुझाएँ
और एक आम व्यक्ति किसको चुने
यह भी स्पष्ट बताएँ ....
आप का लिखना सार्थक होगा
और हम अज्ञानी जनों का मार्ग दर्शन होगा
" राज भाई ..पहले तो आप मेरी पोस्ट शांति से पढ़िए .और हो सके तो मेरी पुराणी पोस्ट भी पढ़िए जरा ..मै कभी उत्तेजित हो कर नहीं लिखता हु और ..मै एक आम आदमी हु ..इस में भी कोई शक नहीं है क्या आप आम आदमी नहीं है ? .और भला कौन सी बात आपको इस पोस्ट में झूठी लगी ये तो बताओ ? वैसे मै इस देश के लिए एक सच्चाई तो लिख रहा हु .. और यही है सच्चाई ..और रहा इसका विकल्प तो एक बात बता दू आपको ..सिर्फ इंतज़ार करो ..जनता ने विकल्प तैयार ही रखा है ..और विकल्प की बात आप जैसे करे ये मुझे ताज्जुब हो रहा है क्यों की आप तो पढ़े लिखे है ना ? कोई अनपढ़ तो नहीं आप ..अब देखिये १८५० करोड़ का खर्चा जब सोनिया के निजी प्रवाश में हो रहा हो और आप कहे की हमे विकल्प धुन्धन चाहिए ..भैया पहले आई इस मुसीबत से तो निपटो ..आप के पैसे और टेक्स क्या मुफ्त में आते है ..आप से निवेदन है की मेरे ब्लॉग की जरा पुराणी पोस्ट को आप पहले पढ़े
ReplyDeleteधन्यवाद्
बहुत सन्नाट कटाक्ष......गज़ब!!!
ReplyDeleteराज जी, विकल्पों की चिन्ता में दुखी न हों |
ReplyDeleteअज्ञात भविष्य के प्रति भयभीत भीरु ही कर्म करने के पूर्व कुतर्क करते हैं |
धर्मनिष्ठ (कर्तव्यनिष्ठ) सदैव अपने धर्म (कर्तव्य) का पालन करता है - परिणाम शुभ ही होते आयें हैं |
संभवतः आप गीता के इस श्लोक से अनभिग्य हैं : "कर्मण्येवाधिकारस्ते मा फलेषु कदाचन | मा कर्मफलहेतुर्भूर्मा ते सङ्गोऽस्त्वकर्मणि ||"
अर्थात मनुष्य को कर्म (ड्यूटी = कर्तव्य = धर्म निभाना) करने का अधिकार (डिजर्व) है - न कि उसके फल (परिणाम) के विषय में चिंतित होने अथवा अपेक्षा (लाभ) रखने का |
भारत में आम आदमी को एक शगल है - इनके (नेता ) बाद कौन ? जैसे कि कोई विकल्प है ही नहीं !
बढ़िया व्यंग्य |
ReplyDeleteपर भाई इस सरकार रूपी भेंस की मालकिन सोनिया है जिसे ये खूब कमाकर दे रही है !!
बहुत बढ़िया और ज़बरदस्त व्यंग्य ! उम्दा प्रस्तुती!
ReplyDeleteमेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
http://seawave-babli.blogspot.com/
बहुत सशक्त और सटीक व्यंग...आभार
ReplyDeletebahut acchha vyangya hai tulsi bhai lage raho hamne bombay mein IAC ka jhanda utha rakha hai inhe maaf nahi karna hai
ReplyDelete" जय हो अविनाश सर ...ही ही ही "
ReplyDelete" सुक्रिया गुरुदेव "
ReplyDelete" शिवम् भाई , इनके कान के नीचे अब जनता जनार्दन मस्त फटका मारनेवाली ही है ..बस्स इंतज़ार करो
ReplyDelete" आनंद शर्मा सर , आपका बहुत बहुत शुक्रिया इस उम्दा कमेन्ट के लिए ..बहुत ही अच्छी कमेन्ट दी है आपने "
ReplyDeleteबबली जी सुक्रिया आपका
ReplyDeleteरतन सिंह सर , ये जो भेंस लेकर गए है उसके पास से अब जनता ही वापस लाएगी :))))))) "
ReplyDeleteकैलाश जी , आप सब को ये पोस्ट पसंद आई यही मेरे लिए सौभाग्य की बात है
ReplyDeleteजी , रवि सर ..अब ऐसे भ्रष्ट लोगों को फिर चाहे किसी भी पार्टी के हो ..उन्हें छोड़ना नहीं है..
ReplyDeleteअरे वाह साहब! यह तो हद हो गई
ReplyDeleteसरकार भैंस से भी गई बीती हो गई.
बड़े अरमानों से बनाई थी यह सरकार
अब चिल्लातें हैं सब,जब लगा दी थोड़ी सी मार.
भृष्टाचार कब नहीं था,जरा यह तो बताएं
पहले कुछ पर्दा था, अब नग्न हो गया.
सुन्दर व्यंग्य केलिए बधाई.
मेरे ब्लॉग पर आपका स्वागत है.
'सरयू' स्नान से कुछ मन हल्का हो जाये शायद.
आदरणीय तुलसी bhai aaj पहली आपके ब्लॉग पर आना हुआ, बहुत ख़ुशी हुई...
ReplyDeleteआपकी यह नयी पोस्ट बहुत अच्छी लगी...मेरी दृष्टि में तो भैंस अधिक अच्छी है...कुछ काम की तो है यह सरकार न तो किसी काम की ऊपर से काम तमाम करने की है...
swagat hai er.diwas sir aapka ..
ReplyDeleterakesh kumar sir ..sahi kaha aapne ..sahemat
ReplyDeleteभाई सरकार के बदले सोनिया लिखा होता तो मामला और भी संगीन बन जाता :)
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