* गुजरात न्यायतंत्र के इतिहाश में पहेली बार |
* मिली किसी रिश्वतखोर जज को सजा |
* २ बरस की जेल और १००० हजार का जुर्माना |
" जब पुरे भारत में जनता भ्रस्टाचार को मिटाने की बात कर रही है तभी आया हुवा ये फैसला ..जिसे हम क्या कहेंगे भारत की जनता की कामयाबी ..या जीत की शुरुवात |"
अब देखते है विस्तार से :
" प्रेमजी.एच.गोहिल नामके इस रिश्वतखोर जज को "एडिसनल कोर्ट" ने दी सजा , "प्रेमजी.एच.गोहिल" वलसाड के पारडी में "जुडिसिअल मजिस्ट्रेट फस्ट क्लास" के रूप में फर्ज अदा कर रहे थे उस वक़्त कई "वकीलों" अवं "बार कौंसिल" ने भी इनके खिलाफ रिश्वत लेने के आरोप लगाये थे ,और रिश्वत लेने के लिए इनके उप्पर मुक़दमा दर्ज किया था और इस पर "हाई कोर्ट" के "विजिलेंस विभाग" ने तपास आरंभ की थी २००२ में और तपास में मालूम पड़ा की इन भाई साहब के पास ३५ लाख का एक बंगला " मांगरोल " में भी है ..जो की प्रेमजीभाई ने बताया था की वो बंगला उन्हें भेट के स्वरुप सुदान में रहते उनके परिवार वालों ने दिया है सन २००५ में विजिलेंस ने प्रेमजीभाई , उनकी धर्म पत्नी शोभना , और प्रदीप मकवाना के खिलाफ चार्ज शीट फाइल की थी जिसका आज फैसला सुनते हुवे न्यायमूर्ति वी.के.व्यास ने प्रेमजी गोहिल को २ वर्ष की सजा सुनाई और साथ में १००० हजार का जुर्माना | "
* होस्टाइल वकील के खिलाफ की जाएगी कार्यवाही
" इस केश में दो वकील फरियादी थे मगर ट्रायल के समय अपनी जुबानी इन्होने बदल दी थी, देखा जाएतो वकील कभी होस्टाइल नहीं हो सकते है ये बात बार काउन्सिल के सामने रखते हुवे कोर्ट ने इस फैसले की एक कोपी बार कौंसिल को भी दी ताकि बार कौंसिल इन दो होस्टाइल वकील के सामने कार्यवाही कर सके |
* आरोपी ने किया था अपने पद का गलत इस्तेमाल
" कोर्ट ने अपना फैसला सुनते वक़्त ये भी कहा की न्यायमूर्ति को अपनी सारी सम्पति की जानकारी है कोर्ट को देनी चाइये मगर आरोपी ने ऐसा ना करके साबित कर दिया की उनका इरादा ठीक नहीं था ...और समाज के हित को ध्यान में रख कर इस आरोपी को कड़ी से कड़ी सजा मिलनी ही चाहिए ऐसा कहेकर आरोपी की धर्म पति और उनके साले को संका का लाभ देते हुवे छोड़ दिया | "
" वाकई में आज हर तरफ फैले हुवे भ्रस्ताचार और रिश्वत के माहोल में ये फैसला आम जनता के लिए योग्य ही रहा है | "
आप इसे यहाँ भी पढ़ सकते है :
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बहुत ही धमाकेदार ख़बर दिया है आपने! प्रेमजी.एच.गोहिल जैसे न जाने कितने रिश्वतखोर हैं हमारे देश में और अगर इसी तरह से न्याय मिलता रहा तब तो हमारे देश से भ्रष्टाचार कम होता दिखेगा! जैसी करनी वैसी भरनी! शायद सोचा था की जज होने पर कोई उनका बाल भी बांका नहीं कर सकता और आज उन्हें सज़ा मिल ही गयी ! ज़बरदस्त ख़बर!
ReplyDeleteएक जज या न्यायिक अधिकारी द्वारा रिश्वत लेना देशद्रोह से भी बरा जघन्य अपराध है...क्योकि पुलिस,मंत्री,प्रशासनिक अधिकारीयों के रिश्वत से एक व्यक्ति की मौत होती है लेकिन जब एक न्यायिक अधिकारी या जज रिश्वत लेता है तो सत्य,न्याय,ईमानदारी ,इंसानियत की मौत होती है जिससे पूरा देश व समाज की मौत हो जाती है..दिल्ली में भी एक ऐसा सर्वोच्च न्यायलय का रिटायर्ड मुख्य न्यायाधीश है जिसे तुरंत फांसी दिये जाने की जरूरत है जिसका नाम है Y.K .सभरवाल ,इस जज की हैवानियत व पैसे के प्रति लालच से आज दिल्ली नरक बन चुका है...ऐसे जजों को जबतक सरे आम फांसी नहीं होगी इंसानियत जिन्दा नहीं होगी...
ReplyDeleteachche snket hain lekin yeh to keval chhoti mchli hai bdhe mgarmchh to lokpaal se bhi bachna chahate hain ...........bhtrin jankari ke liyen shukriya . akhtr khan akela kota rasjthan
ReplyDeleteEk achhee shuruaat hai ye ... par maza tab hai jab bade log aur netaaon ko saja mile ...
ReplyDeleteshubh sanket desh ke liye....
ReplyDeleteबहुत खूब आप समझ सकते हैं कि मुझे कितनी प्रसन्नता हुई होगी अनौफ़िशयली :) :) :) :) :) :)
ReplyDeleteअजय जी के साथ देश को बधाई..
ReplyDeleteबबली , ये नतीजा जनता के जागरूक होने का ही है वर्ना आपने जो कहा है वो सही ही है की जज ने सोचा होगा की उसका कौन बाल बांका करेगा ,और बेहद ही सही कहा की अगर इसी तरह न्याय मिलता रहा तो देश में से भ्रस्टाचार ख़त्म करना आसन हो जायेगा
ReplyDeleteजय सर आप से मै सहेमत हु और आपने बिलकुल ही सही कहा है की एक पुलिस अधिकारी और कोई भी सरकारी अधिकारी का रिश्वत लेना याने मौत के बराबर है , न्यायिक व्यक्ति के इस तरह के बरताव से इंसानियत , और समाज की मौत होती है ...बहुत ही अच्छी टिपण्णी के लिए तहे दिल से सुक्रिया ...हम सब आशा करते है की न्याय तंत्र जो सो रहा था अब बस इसी तरह से न्याय देता रहे ताकि कोई कहे नहीं की कानून अँधा होता है
ReplyDeleteअख्तर सर हाँ ये अच्छे संकेत है और ये भ्रस्टाचार की दुनियाँ में रहनेवाली छोटी मचली जरूर है मग़र जिस तरह से न्याय तंत्र ने न्याय दिया है मनो वो अब अंगड़ाई लेकर फिर से अपने असली रूप में आ रहा है ..और उसे आना ही होगा क्यों की आज जनता खुद जाग उठी है
ReplyDeleteनास्वा साहब ..पकड़ी जाएगी एक दिन बड़ी मचलियाँ भी
ReplyDeleteअजय भैया , आपके जीतनी ही खुसी मुझे भी हुई के चलो आखिर हमारे देश का कानून जाग उठा :):):):):)
ReplyDeleteयह बहुत अच्छा हुआ!
ReplyDeleteन्यायाधीश ही जब रिश्वतखोर होंगे तो न्याय फिर कैसे मिलेगा?
काश, इससे अन्य जज भी सीख लेते।
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