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Tuesday, August 27, 2013

राहुल गांधी की मानसीकता : पगला कही का ?

              " गरीबी एक मानसिकता है कुछ ऐसा कहते है राहुल गांधी .... इसे कहो की 10 जनपथ की गुफा से बाहर आए और जेब मे सिर्फ 500 रुपये लेकर कभी सिर्फ सब्जी मंडी सब्जी लेने सिर्फ एक बार जाए फिर पता चलेगा इसको की गरीबी क्या है ? और कैसे रुला रही है प्याज ...ये सब हरामी मुफ्त का खाते है और जो जी मे आए बक बक करते रहते है "

             " कभी कोई कहेता है की 12 रुपये मे पेट भर खाना मिलता है तो कोई कहेता है की 1 रुपये मे मिलता है .... गरीबो का ऐसा मज़ाक उड़ानेवाले नेता को " माननीय " कहेकर बुलाना पड़ता है यही भारत के संविधान का सबसे बड़ा अपमान है ... अपने मास्टर ब्लास्टर बकवास किंग दिग्विजय तो महिलाओ की इज्जत का फ़ालूदा बना रहे है " 100 टंच माल " ये नया स्लोगन दिया है उन्होने देश के युवाओ को ...सोचिए क्या कभी ऐसे नेता देश को सही तरक्की की ओर ले जा सकते है ? "

            " बीवी पुरानी हो जाए तो मजा नहीं आता है " ऐसा कहनेवाले नेता को इस देश का कानून माफ कर देता है क्यू की ऐसा बोलनेवाला " माननीय " है ...बात हो रही थी राहुल गांधी की जिसने कभी कहा था की उसे भारतीय कहेलाने पर शर्म आती है ....क्यू बे ? तुझे अगर भारतीय ना कहे तो क्या इटालियन कहे क्या ? "

            " हर कोंग्रेसी चिल्लाता है की काँग्रेस महिलाओ की इज्जत करता है मगर सच देखा जाए तो कुछ ओर ही है ...भूल गए क्या ...इन लोगो को ?

मदेराना
तिवारी
कांडा
संघवी

         " ये वही लोग है जो महिलाओ की इज्जत करते है ...और ऐसी इज्जत करते है की देश का महिला संगठन भी इन लोगो का कुछ बिगाड़ नहीं सकता है ...अभी सुना की किसी महिला संगठन ने इन लोगो के खिलाफ तेज कार्यवाही की या कोई अभियान चलाया ....... सुनोगे भी कहाँ से भाई ये कोई मेरे तुम्हारे जैसे लोग नहीं है ये सब " माननीय " लोग है भाई "

          " ये सब अगर रोकना है तो 2014 का चुनाव आ रहा है ...ओर ऐसे हरामियो को सिर्फ जनता जनार्दन ही ठीक कर सकती है ...मेरा वोट तो ऐसे हरामि ....भ्रष्टाचारी लोगो के खिलाफ ही जाएगा .....मगर आपका वोट ? ....सोना छोड़ो ओर जागो और देश को बचाओ वरना कल आपकी बहन... बहू .....बेटी ...को भी ये माननीय " 100 टंच का माल " कहेंगे  |"

तो क्या बोलते हो ...इस बार 2014 मे इन हरामियो को दिखा दे की .... " 100 टंच का माल " ओर " गरीबो की मानसिकता " क्या कर सकती है ?
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Monday, August 26, 2013

नेहरू और CIA : दस्तावेज़ ने किया खुलासा

* आखिर गोपनीय सूची से ये दस्तावेज़ क्यू हटाया गया ?
* जासूसी विमानो की उड़ानों के कार्यक्रम के ब्योरो मे मतभेद
* दस नवंबर 1963 या फिर 29 सितंबर 1963 ?
* ओड़ीसा के छारबतिया हवाई अड्डे का किया गया था इस्तेमाल
* आज़ादी अधिनियम के तहत ये दस्तावेज़ प्राप्त किए गए
 * 3 जून 1963 की बैठक क्या थी ?


              " भारत ने 1962 के युद्ध की पराजय के बाद चीनी क्षेत्रों को निशाना बनाने के लिए अमेरिका को सीआईए के यू-2 जासूसी विमानों में ईंधन भरने के लिए अपने एक वायुसैनिक अड्डे के इस्तेमाल की इजाजत दी थी। गोपनीय सूची से हटाए गए एक दस्तावेज से यह जानकारी मिली है। "

                 " राष्ट्रीय सुरक्षा अभिलेखागार (एनएसए) ने सीआईए से हासिल और हाल में गोपनीय सूची से हटाए गए दस्तावेजों के आधार पर तैयार एक रिपोर्ट में बताया है कि तत्कालीन प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने 11 नवंबर 1962 को चीन के साथ लगे सीमावर्ती इलाकों में यू-2 मिशन के विमानों को उड़ान भरने की इजाजत दी थी। ये दस्तावेज सूचना की आजादी अधिनियम के तहत प्राप्त किए गए हैं। "

                  " एनएसए ने सीआईए की 400 पन्नों की रिपोर्ट के आधार पर बताया है कि तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति जॉन एफ कैनेडी तथा भारतीय राष्ट्रपति एस राधाकृष्णन के बीच 3 जून 1963 को एक बैठक में ओडि़शा में द्वितीय विश्व युद्ध काल के खाली पड़े छारबातिया वायुसैनिक अड्डे के इस्तेमाल पर सहमति बनी थी। लेकिन, इस अड्डे में सुधार के लिए भारत को उम्मीदों के विपरीत काफी समय लगा और इसीलिए मिशन को थाइलैंड के ताखली से संचालित किया गया। "

                 " रिपोर्ट में 1954 से 1974 के बीच विमानों द्वारा संचालित जासूसी कार्यक्रमों का ब्यौरा दिया गया है जो बताता है कि दस नवंबर 1963 का यू-2 मिशन 11 घंटे 45 मिनट का था और यह यू 2 का सर्वाधिक लंबा मिशन था। इस मिशन के बाद पायलट इतना थक गया था कि परियोजना के प्रबंधकों ने भविष्य में ऐसी उड़ानों को अधिकतम दस घंटों के लिए सीमित कर दिया। "

                  " रिपोर्ट में बताया गया है कि वास्तव में यू 2 का सर्वाधिक लंबा मिशन 29 सितंबर 1963 को ताखली से संचालित किया गया मिशन था। एनएसए ने कहा है कि छारबातिया में मई 1964 में पहली तैनाती को नेहरू के निधन के कारण समाप्त कर दिया गया। एनएसए द्वारा सूचना की आजादी के अधिकार के तहत यू 2 मिशनों के बारे में सीआईए के गोपनीय सूची से हटाए गए इतिहास से ली गयी जानकारी के अनुसार, सीआईए के यू 2 विमानों द्वारा भरी गयी ये उड़ानें गोपनीय थीं। सीआईए ने इन्हीं उड़ानों के आधार पर भारत को उसके क्षेत्र में चीनी घुसपैठ के स्वरूप के बारे में बताया था। "

                      " रिपोर्ट कहती है, 'छारबातिया 1964 की शुरुआत में भी इस्तेमाल के लायक नहीं था, इसलिए 31 मार्च 1964 को डिटैचमैंट-जी ने ताखली से अन्य मिशन शुरू किया। छारबातिया से पहला मिशन 24 मई 1964 तक संचालित नहीं हो सका था। तीन दिन बाद प्रधानमंत्री नेहरू का निधन हो गया तथा आगे के मिशनों को स्थगित कर दिया गया। "


                  " वक़्त मिले तो इन सवालो पर गौर करना दोस्त "

आभार : तेज न्यूज
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Friday, August 23, 2013

पाकीस्तान से आई चिट्ठी ...दर्द ओर नपुसक सरकार ( चिट्ठी पढ़िये )

पाक जेल में बंद भारतीय कैदियों का दर्द !
भारतीय कैदी मांग रहे है मौत
पडौसी मुल्क पाकिस्तान की लखपत जेल में बंद करीब अठाईस भारतीय कैदी मौत मांग रहे हें। इनमे से सतरह कैदी मानसिक रूप से विक्षिप्त हो चुके हें जिनमे बोलने सुनाने और समझने की शक्ति समाप्त हो चुकी हें। लखपत जेल से एक कैदी ने सभी कैदियों के हस्ताक्षर शुदा चिठ्ठी हें। इन कैदी में तीन कैदी बाड़मेर जिले के भी हें जो विक्षिप्त हो चुके हें।


* आखिर इतना दर्द क्यू ?
पाकिस्तान की जेल में भारतीय कैदियों को इतनी शारीरिक और मानसिक यातनाए दी जा रही हें की उनके जीने की इच्छा ख़त्म हो गई। उन्होंने अपने पत्र में लिखा हें की दोनों देशो की संयुक्त न्यायिक कमेटी को जेलों के निरिक्षण करना बंद कर दे क्यूंकि इस कमिटी का कोई महत्त्व। दूसरी बात लिखी हें की भारतीय दूतावास इसलामाबाद को आदेश जारी करे की पाकिस्तान की जेलों में किसी भी भारतीय कैदी से ना मिले क्यूंकि उनके हाथ में कुछ नहीं हें नहीं कर सकते। तीसरे बिंदु में लिखा हें की पाकिस्तान सरकार को इतनी सत्ता प्रदान करे की वह हमें शूट के घात उतार दे ताकि हमारे कष्टों और नर्क सामान जीवन का अंत हो जेलों लाहौर के कोट लखपत जेल में बंद 28 भारतीय कैदियों ने अपने 'दुखभरे जीवन' से मुक्ति पाने के लिए मौत मांगी है।


* देश की मीडिया ओर सांसदो से अपील की गई है
सांसद अविनाश राय खन्ना और मीडिया संस्थानों को संयुक्त रूप से संबोधित किए गए बयान में कैदियों ने भारत और पाकिस्तान सरकार से अनुरोध किया है कि उन सभी को गोली मार दी जाए ताकि वे अपने 'दुखभरे जीवन' से छुटकारा पा सकें क्योंकि 'बिना किसी लक्ष्य या उद्देश्य के' यह जीवन नर्क के समान है।


* कौन कौन कैदी है ?
हिन्दी में लिखे इस पत्र पर कैदियों कृपाल सिंह, कुलदीप सिंह, धरम सिंह, मोहम्मद फरीद, तिलक राज, मकबूल लोके, अब्दुल माजिद, सम्भु नाथ, सुरज राम, मोहिन्दर सिंह और पुनवासी के हस्ताक्षर हैं।


* पत्र मे किया गया दावा
पत्र में यह भी दावा किया गया है कि कोट लखपत जेल में 'बहुत ज्यादा प्रताड़ना' के कारण चार महिलाओं सहित अन्य 21 भारतीय कैदियों ने अपने होश गंवा दिए हैं और उन्हें अपने नाम भी नहीं पता। राज्यसभा सदस्य खन्ना ने आज पत्र की प्रतियां संवाददाताओं को उपलब्ध करायीं और कहा कि वे इस मुद्दे को संसद में उठाएंगे। बीजेपी नेता ने कहा कि आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक पाकिस्तानी जेलों में कम से कम 200 भारतीय कैदी हैं।

आभार : तेज़ न्यूज




Thursday, August 1, 2013

राहुल बाबा मोदी तो आएंगे ही मगर आपका क्या होगा ?

राहुल कहेता है मोदी को गुजरात से बाहर मत नीकलने दो
मोदी के भ्रष्टाचार को उछालो
....अबे घोंचू ....
मोदी तो दिल्ली मे आएंगे ओर प्रधानमंत्री बनेंगे ही मगर देखना इस देश की जनता काही तुम्हें ही देश से बाहर निकाल ना दे
- क्या काँग्रेस के भ्रष्टाचार जनता भूल पाएगी ?
- क्या काँग्रेस के द्वारा चलाया जा रहा जातिवाद भूल पाएगी जनता ?
- क्या 28 मे अमीर बननेवाली जनता " मज़ाक " भूल पाएगी ?
- पंजाब के युवा नशेड़ी होते है क्या ये भूल पाएगी जनता ?
- यू पी भीख मांगे ..... का आपका बयान जनता भूल पाएगी
- भारतीय होने मे शर्म आती है क्या ये भूल पाएगी जनता ?
- भगवा रंग आतंकी का है क्या ये भूल पाएगी जनता ?
- कसाब जैसे आतंकी को जमाई बनाकर रखा क्या ये भूल पाएगी जनता ?
- सूर्यनल्ली बलात्कार के आरोपी राज्यसभा मे उपसभापति बनाए जाते क्या ये भूलेगी जनता ?
- 2जी,cwg घोटाले के आरोपियों को राज्यसभा मे सनमनीय पद दिया जाता है क्या ये भूलेगी जनता ?
- महेंगाइ मे पीस रहे हो जनता को ओर खुद के ही पगार बढ़ते है की महेंगाइ है तो क्या ये भूलेगी जनता ?
- इशरत को हेडली आतंकी कहेता है ...मगर तुम्हारी सरकार उसे निर्दोष बेटी कहेती है क्या ये भूलेगी जनता ?
- 4 जून की काली रात क्या भूल सकेगी जनता ?
          ये मत समजो की लाठी चलन सिर्फ तुम्हें ही आता है ...जनता जिस दिन लाठी लेकर निकाल पड़ी तो क्या होगा भाई ?
ऐसे तो बहुत सारे सवाल है भैया राहुल
इस देश के युवाओ को अब ओर मत उकसाओ ओर खुद के दामन मे लगे दाग को साफ करो

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