दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
रिश्वत, और भ्रष्टाचार है अपराध बड़े
इन अपराधों से टकराते जायेंगे
मिल कर के घूंस खोरो
और भ्रष्टाचारियों को मिटाते जायेंगे
दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
झूठ और लालच का है लाक्षग्रह बना
सच की आंच से मिल कर इसे जलाएंगे
फिर से न बनने देंगे इस नरक को
बनने पहले ही इसे मिटाते जायेंगे
दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
जो भी अब आएगा उन्नति की राहों मे
उसे मिल के मिटाते जायेंगे
आज के जयचन्दो को उनकी
औकात याद दिलाते जायेंगे
दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
जो देशप्रेम है हमारे भीतर भरा
उस सैलाब को बाहर लायेंगे
हर गद्दार को उस सैलाब
मे अब बहाते ही जायेंगे
दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
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" ये अल्फाज़ थे इस शानदार गीत के रचनाकार " मै कुंदन " के ..नाम की नहीं मगर देश में फैले भ्रस्ताचार के प्रति जो दिल में आग लगी है उसीका चित्रण यहाँ पर उन्होंने किया है इस रचना की हर कड़ी आपके दिल पर सिद्धा दस्तक देती है ..दिल पर दस्तक देनेवाली इस रचना को और इस के रचयिता " मै कुंदन " को सलाम , देश प्रेम से छलकती इस रचना को आप भी पसंद करेंगे इस में कोई शक नहीं है ...|"
" मेरा भाई " मै कुंदन " एक अच्छा कवी तो है ही मगर एक अच्छा इंसान भी है ...इन से मिलना चाहेंगे आप ...
इन्हें यहाँ मिले : " इस दिल से "
http://www.facebook.com/maikundan
चलो अब जोर से कहो तो सही :
दोस्तों अब एक अलख लगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
जो भी है सोये हुए, उनको जगाते जायेंगे
बहुत सुन्दर ग़ज़ल पेश की है आपने!
ReplyDeleteसुन्दर भाव और अभिव्यक्ति के साथ शानदार और लाजवाब ग़ज़ल लिखा है आपने! बधाई !
ReplyDeleteगीत बढ़िया,भाव बढ़िया, लेकिन हम लोग उस पर खरा उतर पाने में सक्षम नहीं..
ReplyDeleteJaikumar bhai (indian Citizen) mai nahi janta ki mai kaha tak is uddeshy me safal ho paoonga lekin ye janta hoon ki maine pahla kadam badha diya hai karva bane to sahi naa bane to sahi
ReplyDeletejab tak sans hai tab tak to aas bani rahegi
bhaiya mere geet ko yaha jagah de kar aapne mere pahle kadam ko jo majbooti dee hai wo hamesha mere liye ashirvad ban kar mere sath rahegi
ReplyDeleteकल्याणकारी आह्वान...
ReplyDeleteअसंख्य हृदयों के क्षोभ को आपने शब्द दिया है...
" मै कुंदन , मैंने तो सिर्फ आपकी इस रचना को जगह दी है मगर आपने जो नेक कदम उठाये है वो काबिले तारीफ है और आपके इस नेक कदम में मै भी आपके साथ हु और रहूँगा |"
ReplyDeleteजय सर जनता जरूर सम्जेगी एक दिन और वो दिन भी आएगा जाबी जनता करेगी फैसला
ReplyDeleteबबली जी आपका तहे दिल से सुक्रिया
ReplyDeleteमयंक सर ..आपकी टिप्पणी मेरे लिए ही नहीं बल्कि मै कुंदन के लिए भी महत्त्व पूर्ण रहेगी
ReplyDelete*ओसामा बिन लादेन और दिग्विजय सिंह में एक समानता है। ओसामा physically dead हैं और दिग्विजय सिंह brain dead!
ReplyDelete**ओबामा से जरदारी- साहब, मेरा इनाम!
**जहां तक मुझे याद है ओसामा बिन लादेन दूसरे ऐसे आदमी हैं जिसके मरने पर इतनी खुशियां मनाई जा रही हैं, पहले 'शायद' अर्जुन सिंह थे!
**ओसामा की पहचान के लिए अमेरिका अब उसका डीएनए टेस्ट करवाएगा मुझे डर है कि कहीं वो नारायण दत्त तिवारी का बेटा न निकले!
roshani sahu @ facebook उम्दा गज़ल. शुक्रिया कुंदन जी इस सुन्दर से ग़ज़ल के लिए
ReplyDeletesach kee alakh jagaaye rakhiye ! ham bhee sath hain ! jay ho !
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