" आज रस्ते से गुजर रहा था तो मैंने देखा की रोड पर काम करनेवाला एक मजदूर अपनी बेटी को पीट रहा था, मैंने उसे पीटने की वजह पुछी ..उसका जवाब सुनकर मेरे दिल से आह निकल गयी, पता है उसका जवाब क्या था ? .. उस नन्ही कली ने अपने पिता से "रोटी" मांगी थी ..महेंगाई के ज़माने में महेनत करनेवाले एक अपने बच्चे का पेट भी भर नहीं सकते और हमारे हरामी नेता करोड़ों के घोटाले करके खुद " दूध के धुले है ऐसा साबित करते है , सच्चाई जो मैंने देखी वो या फिर नेता कहते है वो है ..आम आदमी ..बेहाल आदमी | "
" क्या हो गया है मेरे देश को , आज ये हालात मेरे देश के क्यु ऐसे है ?जहाँ मजदूर आदमी अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है भुख से ..आज इस देश में भय है और भ्रस्टाचार है इस भय भ्रस्टाचार से आम आदमी को फर्क पड़ता है मगर इन्ही आम आदमी के द्वारा चुने हुवे नेता को कुछ फर्क नहीं पड़ता, चाहे आम आदमी जिए या मरे... आज इस देश की आनेवाली पीढ़ी को मैंने " एक रोटी " के लिए तडपते देखा वही एक आमआदमी को जो "बाप" है उसके हाथो अपने ही संतान को "एक रोटी " के लिए मारते भी देखा क्या गुजरती होगी उस बाप के दिल पर और क्या गुजरती होगी उस नन्ही कली बेटी के दिल पर |"
" ये सरकार गरीबी हटाओ कहे रही या फिर गरीब हटाओ "
" जहाँ इस देश का आम आदमी तड़प रहा है वही पर सरकार भ्रस्टाचार पर भ्रस्टाचार कर रही है ... इस देश का आम आदमी सुखी हो ऐसा सरकार कभी सोचेगी भी नहीं क्यु की अगर आमआदमी को रोटी की भुख नहीं रहेगी तो पैसे देकर वोते कैसे खरीदेंगे ये हरामी नेता ..और कैसे बनायेंगे सरकार |"
* यहाँ नेता जीता है और प्रजा मरती है, गलती किसकी ?
" शरद पवार , कलमाड़ी , रजा , और न जाने कितने नेता है जो सरे आम चोर है ये सब जानते है मगर कुछ फर्क पड़ा ..नहीं फर्क इस लिए नहीं पड़ा है क्यु की हम आम आदमी को कानून का पता नहीं है ..और इस हद तक हम इन नेताओं के शिकार बन चुके है की हमे अपने परिवार को दो वक़्त की रोटी देने से ही फुरसत नहीं मिल रही है तो भला ऐसे हरामी नेता का हम विरोध ही कब करे ..मगर एक बात याद रखना दोस्तों आज हम विरोध नहीं करेंगे तो यक़ीनन आज जो इस देश की असली सच्चाई मैंने देखि है वो सच्चाई कल आप से भी जुड़ सकती है ..आपके घर तक भी पहुँच सकती है |"
* फेसबुक पर मेरा यही स्टेटस था देखो कमेन्ट क्या मिली थी क्या कहा मेरे दोस्तों ने |
" क्या हो गया है मेरे देश को , आज ये हालात मेरे देश के क्यु ऐसे है ?जहाँ मजदूर आदमी अपनी जिंदगी के लिए लड़ रहा है भुख से ..आज इस देश में भय है और भ्रस्टाचार है इस भय भ्रस्टाचार से आम आदमी को फर्क पड़ता है मगर इन्ही आम आदमी के द्वारा चुने हुवे नेता को कुछ फर्क नहीं पड़ता, चाहे आम आदमी जिए या मरे... आज इस देश की आनेवाली पीढ़ी को मैंने " एक रोटी " के लिए तडपते देखा वही एक आमआदमी को जो "बाप" है उसके हाथो अपने ही संतान को "एक रोटी " के लिए मारते भी देखा क्या गुजरती होगी उस बाप के दिल पर और क्या गुजरती होगी उस नन्ही कली बेटी के दिल पर |"
" ये सरकार गरीबी हटाओ कहे रही या फिर गरीब हटाओ "
" जहाँ इस देश का आम आदमी तड़प रहा है वही पर सरकार भ्रस्टाचार पर भ्रस्टाचार कर रही है ... इस देश का आम आदमी सुखी हो ऐसा सरकार कभी सोचेगी भी नहीं क्यु की अगर आमआदमी को रोटी की भुख नहीं रहेगी तो पैसे देकर वोते कैसे खरीदेंगे ये हरामी नेता ..और कैसे बनायेंगे सरकार |"
* यहाँ नेता जीता है और प्रजा मरती है, गलती किसकी ?
" शरद पवार , कलमाड़ी , रजा , और न जाने कितने नेता है जो सरे आम चोर है ये सब जानते है मगर कुछ फर्क पड़ा ..नहीं फर्क इस लिए नहीं पड़ा है क्यु की हम आम आदमी को कानून का पता नहीं है ..और इस हद तक हम इन नेताओं के शिकार बन चुके है की हमे अपने परिवार को दो वक़्त की रोटी देने से ही फुरसत नहीं मिल रही है तो भला ऐसे हरामी नेता का हम विरोध ही कब करे ..मगर एक बात याद रखना दोस्तों आज हम विरोध नहीं करेंगे तो यक़ीनन आज जो इस देश की असली सच्चाई मैंने देखि है वो सच्चाई कल आप से भी जुड़ सकती है ..आपके घर तक भी पहुँच सकती है |"
* फेसबुक पर मेरा यही स्टेटस था देखो कमेन्ट क्या मिली थी क्या कहा मेरे दोस्तों ने |
- Shekhar Patil hey bhagwan !19 hours agoShekhar Patil Patel ji....iss photo dekh k mujhe hi rona araha hai.......mann ko chhunewala pic hai......
- Ram Bansal Neither any God nor the tears in eyes are going to feed the need of the hungry children. We have to wake up to the reality and act courageously, like the French did in their 'revolution'.
- Tulsibhai Patel shakhar sir .. aaj ki sacchai dekho aaj hamare hi dwara chune huve neta ne kya halat bana di hai ek ROTI ke liye ek majdoor baap apni LADLI per haath utha raha hai ..dekhana ek din yahi majboor baap neta ke khilaf shastra uthayega ..ye din door nahi
- Tulsibhai Patel revoluation aayega ram sir
- Tulsibhai Patel is sataus ko like karne wale sabhi mere aadarniy dostoan ka shukriya
Rameshwar Aryaaaj ek surve ke mutabik 84,00,00,000 se adhiik log sirf 20 Rupees per day ke hisab se kama rhe the me kisi neta se nahi ye baat me sabsr poochhna chahta hoon kya aap 20 rupye me kitna breakfast, kitna lunch aur kitna dinner kar sakte hain a...ur kitni saving humare bharat me ek jagah log khana fenk dete hain aur ek jagah kisi ke paas khane ke liye bhi sochna padta hai poochhna padta hai ki kitni mutthi chawal doon hum sab ko swami ramdev ji ka tan man dhan se sath dena chahiye wo hi hain jo is desh ka bhala kar sakte hai aur jitne jyada hum log unse judenge utna hi jald bhrashtahar khatam hoga apna Swabhiman jagao Bharat swabhiman se jud jao 4th june shanivaar 12.00 Ramleela maidan Delhi Bharat Mata ki Jai Vandematram Jai hind....See More- Anil Pusadkar gareebi hatane ka dava karne wale netaon ko hata do desh se gareebe apne aap door ho jayegi,gareebi netaon ne hi failayi hai
Rameshwar Arya Anil ji me kal jantar mantar pe tha ,march me india against corruption ke wahan har vyakti yahi chah raha tha ki jald se jald bhrashtachar khatam ho ab ye bhujni nahi chahiye jald se jald bhrashtchariyon ko fansi chadhana hai inke khilaaf sakht se sakht kanoon lana hai- Swatantra Awaz sonia aunty 100 umar se kam bharat mata ke bachon ko god le rahi hai .......
- Ratnesh Tripathi तुलसी भाई अपने देश में महिला बाल कल्याण नामक सरकारी संस्था है जो कभी एसी मीटिंग से बाहर ही नहीं निकलती ...इन्हें ये नहीं दिखाई देता ...सबसे पहले तो इस संस्था के अधिकारिओं को नंगा करके १ महीने भूखा रखना चाहिए शायद उसके बाद इन कमीनो को भारत के ये बच्चे नजर आयेंगे |
- Swatantra Awaz supreme court ka aadesh hai ki community kitchens banao lekin sarkar kehti hai agar inka pet bhar gaya to ye vote piasa leke bhi hamko nahi dalne wale
- Vikram Adetay This photo is just an eye opener , thousands are in such conditions .
- Swatantra Awaz thousand nahi ji 80% of population are below poverty line according to world bank and u n report
- मै कुंदन इसे Like नहीं कर पाऊँगा ये तो dislike करने वाला विषय है :( जानकारी नहीं मै इस तरह भूखे होने की बात को कह रहा हूँ
क्या हम इन स्थितियों को देख कर सिर्फ चंद आंसू ही बहा सकते हैं और कुछ नहीं कर सकते :( - मै कुंदन : : :
मैंने एक कविता लिखी थी वो क्या वो कल आयेगा उसकी कुछ पंक्तियाँ यहाँ लिख रहा हूँ
लेकिन फिर दिल में ये सवाल आता है
क्या सच में कल एक नई सुबह होगी
क्या सच में कल आज से अलग होगा
...
क्या सच में वो कल आएगा
जिसके सपने दिखा कर
एक गरीब इंसान अपने
आंसू छुपाते हुए भूखे
बच्चो को कहता है आज
इस आधा पेट सूखी रोटी
को खा कर रह लो
कल मै भरपेट अच्छा खाना लाऊंगाSee More - Swatantra Awaz mangi lal soni ji tulsi bhai ko apni sone ki chain de rahe hain taki vo inke khane ka pakka bandobast karein...............mangi
lalsolanki seervi ki jai ho jai ho jai ho - Vandana Gupta yahii hai raungte khade karne wala sach aur jo dekhta hai ya sahta hai usse poochiye kya gujrati hai us par magar ye neta kaise samajh sakte hain ...........unka pet bhare to aage ki sochein aur unke pet to aisa andha kuan hai jo kabhi nahi bharta phir chahe insan ka khoon bhi kyon na nichod liya jaye
- Kailash C Sharma अंदर तक हिला देती है यह फोटो..लेकिन कितने और परिवार इस दर्द से गुजर रहे होंगे...नेताओं को तो इसके बारे में सोचने की फ़ुरसत ही नहीं है..मेरी एक कविता की कुछ पंक्तियों में भी इसी तरह के भाव हैं..
मरने पर तो लाश जानवर की भी जग में बिक जाती है,
लेकिन मानव का कोई भी मूल्य नहीं होता इस जग में.
मूल्य अगर होता कुछ भी तो कौन हिचकता बिकजाने में,
जब कि भूखे पेट तडपते बालक होते उसके पथ में. - Shreyas Negi runh tak kaap jaati hai ese vakiye dekh ke aur un saalo ke kaano par joo bhi nahi rengti........its quite depressing.....and i totally agree with kailash sir.......ye saara natak band hona chahiye the whole system is flaw
- Tulsibhai Patel ratnesh ..bilkul sahi kaha bhai ..in netaoan ko to 1 mahina bhukhe hi rakhana chahiye taki inko bhi pata chale ki bhook kya hoti hai ...roti kya hoti hai
- Tulsibhai Patel kailasha sir aapki rachana ..gaherai bhari aur dard bhari sacchai bayan karti hai
- Tulsibhai Patel mai kundan , kya sach me aayega vo din ..bahut hi bhavnatamak tarike se lijhi hui rachana bhai
- Deepak Patel WARNING
Ye hamare saath bhi ho sakta hai agle kuch saalome... Agar CORRUPTION khatam nahi hua to...
Socho Samjo aur JAaaaaaGO - Roshani Sahu This is called Incredible India!
- Roshani Sahu meri dadi kahti hai is photo ko dekhkar- "Baba Raamdev ko bharat ka luta hua paisa lane me sahyog kariye taki ye sthiti se lada ja sake."Rakesh Karzdar सूरज से ताप मिले तन को चंदा की किरणें दुलरातींाजीने को सांस हवा देती थपकी दे धरा सुलाजातीाबादल से पानी मिलता है बस रोटी और बरसजातीाहुकूमत करने कौम सियासी सचमुच बहुत तरसजातीाा" मेरे दोस्तों का कहेना है, ये आप का क्या कहेना है आज की इस सच्चाई पर ? "
आज कलमाड़ी ने खाया है जूता ..मगर यही हालात रहे तो एक दिन ऐसा भी आएगा जब हर आम आदमी के हाथ में हथियार होगा ..क्यु की हर कोई माँ हो या पिता अपने बच्चे की भुख को कब तक सहेगा ..एक दिन उसके सब्र का बांध जरूर टूटेगा और जिस दिन ये बांध टूटेगा उस दिन सैलाब आएगा |"* ये चित्र मैंने गूगल से लिया है ..मै चाहता तो वो तस्वीर भी ले सकता था मगर ..हिम्मत नहीं जुटा पाया ..मै नहीं चाहता था की एक बाप की मजबूरी और बच्चे की भुख का ...आह ! वो द्रश्य मेरी नजरों से दूर ही नहीं हो रहा है वो हाथ जो बेटी के सर पे रहते है आज वही हाथ उसे पीट रहे थे..| इस पोस्ट में पोस्ट किये चित्र से भी भयानक और दर्द भरा था वो द्रश्य |"फेसबुक पर मुझे यहाँ मिले :
वोट हैं, क्या वोटों को भी खाने की जरूरत पड़ती है..
ReplyDelete" bhartiy nagarik sahab ..hamare VOTE kha khaker hi hamare upper anyay karne wale netaoan KA KHURAK hi hamare vote hai ..ek din aisa bhi aayega jab yahi haath joote aur danda uthayega ..khair joote to uthane chalu ho gaye hai ..dande baki hai ..dekhate jaiye sir
ReplyDeleteIt is painful and makes me sad this is the harsh reality behind manmohan/montek's rosy GDP numbers
ReplyDeleteआपकी बात पढ़ के तो मुझे अपनी ये कविता याद आ गयी "शायद मंजिल मिल जाए....."
ReplyDeleteआज निकल पड़ा हूँ राहो पर, मुझे भटकने दो शायद मंजिल मिल जाए,
मैं मानता हूँ कई उलझन है किस्मत की बुनाई में,
सुख के धागे अटकने दो शायद मंजिल मिल जाए,
जरूर तिनअक्ती होगी मेरा नाम सुन सुन के वो,
उसे पल्लू झटकने दो शायद मंजिल मिल जाए,
जी जले होगे आप लू की तपिश में
मुझे बर्फ में जलने दो शायद मंजिल मिल जाए,
ये जो आसू जमे है, उनकी ही महरबानी है,
कुछ अश्क पिघलने दो शायद मंजिल मिल जाए,
आएगा "प्रभात" जब है अभी निशा
सूरज को ढलने दो शायद मंजिल मिल जाए,
लोग कहते है दर्द टपकाता है पन्नो पर "प्रभात"
मुझे इसे ही लिखने दो शायद मंजिल मिल जाए,
आज निकल पड़ा हूँ राहो पर, मुझे भटकने दो शायद मंजिल मिल जाए,
मुझे इसे ही लिखने दो शायद मंजिल मिल जाए,
मुझे इसे ही लिखने दो शायद मंजिल मिल जाए.....
प्रभात कुमार भारद्वाज "परवाना"
और चाहिए क्लिक करे http://prabhat-wwwprabhatkumarbhardwaj.blogspot.com/
जिन्हें नाज़ है हिंद पर वो कहाँ है...????कहाँ हैं? कहाँ हैं ? कहाँ हैं??????
ReplyDeleteचिन्ताजनक स्थिती है लेकिन उमीद जिस पर करें वो इमानदार कहाँ है?
ReplyDeleteदुर्भाग्यपूर्ण....घोर दुर्भाग्यपूर्ण !!!
ReplyDeleteऔर सबसे दुर्भाग्यपूर्ण ये की यह सब देख सुन हम केवल आंसू बहा सकते हैं,इनके लिए कुछ कर नहीं सकते...
बाप रे
ReplyDeleteइधर देखना जरूरी है पर बेचारी सियासत
जब भूक कि शिद्दत से तड़पेंगे मेरे बच्चे
ReplyDeleteदीवार पे रोटी की तस्वीर बना दूंगा
आपने सच्चाई को बहुत सुन्दरता से प्रस्तुत किया है! हमारे देश में गरीबी बढ़ती जा रही है और इसका कारण है नेता जो जनता से पैसे लुटने में व्यस्त हैं! अगर हमारे देश के नेता सभी लोगों के लिए सोचते, उनकी मदद करते, हर काम में साथ देते तो आज बच्चे भूखे न मरते और न ही कोई अशिक्षित होते !
ReplyDeleteजैसी आँधी अरब देशों में आई है उसकी यहाँ भी बहुत जरूरत है। मेरा तो जी करता है कि ऐसे नेताओं को लाइन से खड़ा कर के गोली मार दूँ या कपड़े उतारकर कड़ी धूप मे खड़ा कर दूँ।
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