" गुजरात जेतपुर के पास के गाँव की घटना |
* लुटेरों ने लुटा जनता के रक्षक { पुलिस ) को |
* पुलिस की जीप और मोबाईल लेकर लुटेरे फरार |
* ये वारदात सुबह में ३ बजे हुई थी |
अब विस्तार से :
" नाइट पेट्रोलिंग के लिए निकले दो पुलिस कर्मी बलवंत जडेजा और जीप का ड्राइवर महेंद्र भाई जब जेतपुर के पास के गाँव मेवासा पहुंचे ..तो उनको सामने से आनेवाली रिक्शा पर शक हुवा और उन्होंने रिक्सा को रोका मगर रिक्सा में बैठे लोगों में से पुलिस जब पूछताछ कर रही थी तब पुलिस कुछ समजे इसके पहले ही लाठी लेकर टूट पड़े और महेंद्र भाई को पीटकर उनकी गाडी और उनका मोबाइल छिनकर फरार हो गए थे | "
" ये मामले की बात जब पुलिस ठाणे पर हुई तो पुलिस ने चारो तरफ नका बंदी कर दी थी मगर लुटी हुई पुलिस की जीप बहुत ही छान बिन के बाद सुबह में ७ बजे नजदीक के एक गाँव के पास से मिली जिसके कांच भी फोड़ दिए थे , पुलिस का कहेना है की रिक्सा में देसी दारू भरी हुई थी तो कुछ पुलिस का कहेना है की लोखंड की प्लेट भरी हुई थी ..आखिर सच क्या था ये तो अब लुटेरों के पकडे जाने के बाद ही पते चलेगा फिल हाल जखमी पुलिस में को अस्पताल में भर्ती किया गया है और लुटेरों को जल्द से जल्द पकड़ने के आदेश दिए गए है , इस बात की खबर लगते ही की पुलिस की जीप को लुटा गया है ..आस पास के गाँव के लोग भी परेशां हो गए है की जनता के रक्षक को भी जब लुटेरे नहीं छोड़ रहे है तो जनता की रक्षा पुलिस कैसे करेगी जब की पुलिस खुद की रक्षा करने में असमर्थ है ?
" ये लिखने तक वो ५ या ६ लुटेरों का कोई सुराग पुलिस लगा नहीं पाई है ..और पुलिस के तापस में ये मालूम पड़ा है की रिक्शा चोरी की थी और उसमे भरी हुई लोखंड की प्लेट भी चोरी की हुई थी , जनता ये सोच रही है की रात को जब पेट्रोलिंग कर रहे थे अकेले दो पुलिस में ही जीप में क्यों थे ..आखिर क्या है ये राज़ ?
यह तो वाकई में उलटी गंगा बह गयी...
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