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Tuesday, May 31, 2011

कौवा बिरयानी सरकार ..जन लोकपाल बिल लोचे में पड़ा

" क्या सरकार जन लोकपाल बिल पास होने देगी  ? ..ये तो आनेवाला वक़्त ही बताएगा न मगर अगर सोचा जाये और जिस तरह से सरकार अपना पक्ष साफ़ कर रही उस हिसाब से सायद अन्ना हजारे जी को अब फिर से सायद सोचना पड़ेगा इन हरामी नेताओं को सीधे करने के लिए .. |" 
               
 * सरकार क्या कहेती है समिति की बैठक में :                                                                                    
                समिति की बैठकों में सरकार की ओर से कहा जा रहा है कि लोकपाल के दायरे में प्रधाननमंत्री को नहीं लाया जा सकता, न्यायपालिका के ऊपरी हिस्से को नहीं लाया जा सकता, सांसदों को नहीं लाया जा सकता और नौकरशाही में भी जॉइंट सेक्रेटरी स्तर के नीचे के अधिकारियों को इसके दायरे में नहीं लाया जा सकता। ' उनका कहना था कि अगर इन सबको लोकपाल के दायरे से बाहर रखा जाना है तो फिर लोकपाल बिल का मतलब ही क्या रह जाएगा ?..लो भाई इसको क्या कहे हम की उल्टा चोर कोतवाल को डांटे ...हैना ये सरकार उस कुत्ते की दम की तरह जो कभी सीधी नहीं होती | "


* अन्ना हजारे जी अब कुछ और सोचो : 
                                                            " आपके अहिन्षा के शस्त्र का असर इन कमीनो पर नहीं हुवा है और न ही होगा ये लोग वो कमीने है जो सिर्फ भगत सिंह ..सरदार पटेल , शुभास चन्द्र बोस की भाषा ही जानते है ..क्यों की कानून को कभी अपने हाथ से ये लोग जाना नहीं देंगे क्यों की कानून जब तक इनके हाथ की कठपुतली है तब तक इनके लिए क्या सजा ...और क्या जेल है ..\"


* इन चोरों को समिति में लेकर ही आपने गलत किया है सायद 


                                                            " क्यों की , जब जन लोक पाल बिल पास होगा तब तक ये लोग जन लोक पाल बिल में अपनी मनमानी कर चुके होंगे ..वो सब रास्तों का इन्तेजाम हो जायेगा जहाँ से भ्रस्टाचार करके भागा जाये ..और वो रस्ते ढूंढने के लिए तो ये सब खेल खेल रही है सरकार क्यों की सरकार जानती है की इस सरकार में चोर कौन नहीं है ये बताना मुश्किल हो गया है इस लिए सब मिलकर बचने के रस्ते बना रहे है और जन लोक पाल बिल अपने पक्ष में करने की चाल चल रहे है ... | 
              " क्यों की ये सरकार " कौवा बिरयानी " जो है | "
 

20 comments:

  1. on facebook..shailesh gupta ji

    कुछ भूत सिर्फ लातो की भाषा ही समझते है ..........

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  2. अब जो दंगे होंगे वो हिंदू मुस्लिम सिक्ख ईसाई या शिया सुन्नी या शुद्र या जाती के नाम पर नही होंगे अबकी दंगे लिखे जायेंगे भ्रष्टाचारीयों के खून से

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  3. लातों के भूत बातों से मानने वाले नहीं है

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  4. ये तो पहले ही दिख रहा था कि सरकार इसे लेकर कितनी संवेदनशील है और खासकर ये चोट्टी सरकार । अब समय आ गया है कि इन्हें शब्दों की भाषा के साथ जूते चप्पलों की भाषा भी समझाई जाए

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  5. सरकारी की गैरजिम्मेदार सोच को दिखता है यह ......

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  6. " ajay bhai aapke saath sahemat hai hum ab vo samay aa gaya hai ki inko jutoan ki bhasha bhi samjayi jaye ..taki janta janardan kya hai ye pata chale inko

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  7. इन नेताओं पे विश्वास करना एक ग़लती है .... इन्होने सुदारना ही नही था ... बस उस वक़्त का तक़ाज़ा था मनाने का ... और उन्होने अनशन ख़त्म करा दिया .... शर्म इन नेताओं को नही आने वाली ....

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  8. इन नेताओं को शर्म नहीं आने वाली तो हम लोग क्यूँ नई नवेली बहू बन कर घर मे चूड़ियाँ पहन कर बैठेंगे..

    पता नहीं क्यों ये सब पहले से ही मुझे महसूस हों रहा था शायद इसी लिए अपने आप ही ये लिखा गया था

    "
    जब हमने ६४ साल
    भोली जनता को मूर्ख बनाया
    तो भला अब क्यों हम रियायत दिखायेंगे

    फिर वो बोले इस बिल को
    हम खरगोश के बिल की तरह बनायेंगे
    जीसके कारण कभी भी हम भ्रष्टाचारी
    इमानदारी के साँप की पकड में नहीं आएंगे "

    सरकार के इस वक्तव्य से यही बात साबित हों रही है

    पर मैंने और भी लिखा था

    "
    जो हम सफल हुए तो
    भ्रष्टाचारीयों पर कई सोंटे बरसाएंगे
    और जो आप हुए सफल तो
    हम हार नहीं मांनंगे और उसी सोंटे पर
    इंकलाबी झंडा लगा कर

    फिर से दिल्ली कूंच कर जायेंगे
    और फिर भूख हड़ताल करेंगे
    और फिर सरकार को हमारे सामने झुकायेंगे
    लेकिन ये तय है
    की अब जो आगे बढ़ चुके हैं कदम
    तो उन्हें पीछे नहीं हटाएंगे,
    या तो जियेंगे शान से
    या इन्कलाब के इस तूफ़ान में
    अपनी ताकत देते हुए मिट जायेंगे
    पर अब हम एक अच्छा भारत बनायेंगे
    पर अब हम एक अच्छा भारत बनायेंगे
    "

    शायद इससे ज्यादा कुछ भी कहना मुमकिन नहीं है मेरे लिए

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  9. हमारे देश के सारे नेता एक से बढ़कर एक हैं! वोट के समय पर जनता को झूठा दिलासा देते हैं, उन्हें धोखा देते हैं, देश की उन्नति करने का एलान करते हैं इत्यादि और जब वोट मिल जाता है उसके बाद पलटकर भी नहीं देखते और पैसे लूटने में लगे रहते हैं! जनता बेवकूफ बन जाते हैं पर अब और नहीं ! हम सब मिलकर इस भ्रष्टाचार को ख़त्म करेंगे और नेताओं को अच्छी सीख देंगे! सच्चाई को बहुत ही सुन्दरता से आपने प्रस्तुत किया है! ज़बरदस्त पोस्ट!

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  10. log bhukho mar rahe hai ye saale apani manmani kar rahe hai. kahin gehun sard rha hai kahi chawal.saari partiyan sare neta saale vaise hee hai inki samajh mein nai aayega boss.Saala koi achha kam karna chahta hai toh ye karne nai dete inki phat ke hanth me aa jati hai.intna corruption fail chuka hai ke yeh is tarah se saaf nai hoga Arab countries jaisa kanoon lana hoga tabhi theek hoga.beech chaurahe pe saalo ko bhaga ke maaro.

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  11. कुंदन , हमने चुडिया नहीं पहेनी है मगर हम अक्सर जुक जाते है ...भूल जाते है सरकार का भ्रस्टाचार ..बस अब बहुत हो गया इनको सबक सिखाना ही पड़ेगा ..जागो ..उठो और अपने हक़ के लिए भ्रस्टाचार के खिलाफ लड़ो
    शानदार रचना के लिए तहे दिल से सुक्रिया भाई

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  12. नास्वा सर ..स्वागत है आपका आपने सही कहा अन्ना हजारे जी का अनसन ख़त्म करवाना ..ये राजनैतिक जरूरत थी ..मगर अब भी वक़्त है जागना तो पड़ेगा ही वरना ये नेता लोग हमारी सांस पर भी टेक्स डालेंगे और हमे लूटेंगे

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  13. बबली सिस्टर , बेहद ही सही वोते के समय झूठा दिलासा बाद में लूट और भ्रस्टाचार ..कानून इनके बाप की जागीर ... और भूख आम आदमी का साया ..आज आम आदमी का पसीना बेच कर भी ये लोग पैसा बटोर रहे है ..

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  14. उमा ..अरब देश की तरह ही कोई कानून लाना चाहिए इस देश में तभी ये लोग सुधरेंगे वर्ना नहीं ... या फिर जनता ने अब इन कमीनो को दौड़ा दौड़ा कर मरना ही चाहिए
    आप से सहेमत हु मै

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  15. मिल गए हैं रहजनों से लूटने के वास्ते
    मुल्क को चुनकर ये कैसे आपने रहबर दिए

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  16. हमने ही चुनकर दिए हुवे नेता के भ्रस्टाचार को चुनकर .. उनके द्वारा किये गए भ्रस्टाचार का जवाब देने का वक़्त अब आ गया है सर

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  17. जब सारा तंत्र ही भ्रष्ट हो तो ईमानदारी भैंस के आगे बीन बजाने जैसा ही है ना :)

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  18. vo bhens ko hum dande to maar sakte hai na

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  19. SARKAR KI NIYAT DEKHKAR LAGTA HA KI PUBLIC KA JUTA KHAYE BAGAIR YE SARKAR NAHI SUDHREGI.

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