पिछली रात यमराज से मुलाक़ात हुई
गुजरे साल के बारे मे भी उनसे बात हुई
यमराज से मैने पूंछा,
इस साल आप कईयों को ले गये
बताओ कुछ कमीने नेताओं को कब ले जायेंगे
वो बोले नर्क मे यातनाएं बहुत है
नर्क वासियों को सहने हेतु
उन बेचारो को हम और कितना तडपाएंगे
मैने कहा आप कुछ नेताओं को तो ले जा सकते हो
हम भारत वासियों से आप ढेर सम्मान पा सकते हो
वो बोले ठीक है नाम बताओ
हम चित्र गुप्त से इस बारे मे बात करेंगे
अगर मिली इजाजत हमें नर्क से
तो पूरी तुम्हारी ये फरियाद करेंगे
मै बोला ठीक है आप भौंकने वाले सिंह को ले जाओ
हम लोगो को उसकी भौंका पंती से मुक्ति आप दिलाओ
यमराज बोले अगर मै उसे ले कर जाऊँगा
तो बड़ी भारी मुश्किल मे फंस जाऊँगा
ये कुत्ता तो नर्क मे जा कर भी भौंकने से बाज ना आएगा
हिंदू मुस्लिम की राजनीती से वहाँ भी फूट डलवाएगा
इस कुत्ते के लिए पहले हम एक नया नर्क बनाएंगे
उसके बाद ही इस इंसानी कुत्ते को हम ले कर जा पाएंगे
मैने कहा ठीक है आप उसे मत ले जाओ
पर क्यों ना आप कुटिल वकील को अपना ग्रास बनाओ
यमराज बोले उसे ले जाने से तो और मुश्किल हो जायेगी
उसके होते नर्क की व्यस्था संभालने मे हमें बड़ी तकलीफे आएँगी
वो नर्क मे आ कर घटिया दिमाग से फालतू के कानून बनाएगा
अपनी वकालत के चक्कर मे फंसा कर वो नर्क की सजाएं रुक्वायेगा
उस कुटिल वकील की शह पाकर तो नर्क मे भी भ्रष्टाचार बढ़ जायेगा
यमराज बोले इस कुटिल वकील के लिए भी हमें नया नर्क बनाना होगा
वो नया नर्क ही इस कुटिल पापी का मरणोपरांत नया ठिकाना होगा
यमराज के तर्कों को सुन कर मेरा भेजा चकराया
फिर मैने बिना भेजे वाले अमूल बेबी का नाम सुझाया
यमराज बोले इसको ले जाना तो और बड़ी मुसीबत है
नर्क मे अन्न की पहले ही बहुत ज्यादा जरूरत है
ये बिना भेजे वाला अमूल बेबी आधी रात को नर्क वासियों को जगायेगा
फिर उन्हें दलित बोल कर के उनका थोडा बहुत खाना भी खा जायेगा
मजदूरों के संग रीबोक के जूते पहन प्लास्टिक की खाली तगाड़ी उठाएगा
और अखबारों मे दलितों गरीबों का साथी खुद को कहलवायेगा
खुद जहाँ से चुनाव लड़ेगा वहाँ के किसानों के लिए गुस्सा दिखायेगा
दुसरे क्षेत्रों मे किसानों पर चलती गोलियों के बाद कही छुप जायेगा
चमचों के जरिये दूसरों की मेहनत का फल अपने नाम पर करवाएगा
इस को ले जाने से तो नर्क का वातावरण भी दूषित हो जायेगा
हम इसके लिए भी एक नया ही नर्क बनाएंगे
इस अमूल बेबी को भी हम तब ही ले कर जा पाएंगे
इसके बाद मैने मेरे दिमाग के घोड़े को दौडाया
मेरे दिमाग ने इटली वाली माता का नाम सुझाया
इटली वाली माता के नाम पर यमराज तो भडक गये
मै देश का दुश्मन हो वो तो इस बात पर अटक गये
मैने आश्चर्य से यमराज की तरफ सर घुमाया
तो यमराज ने मुझे बड़े ही प्यार से समझाया
बोले इस इटली की माता ने भारत देश का बहुत धन खाया है
उस धन को इसने अपने सम्बन्धियों तक भी पहुँचाया है
इस माता के खिलाफ एक देशभक्त कानूनी तौर पर लड़ रहा है
इसे सजा दिलाने को वो दिन रात एक कर रहा है
जब ये इटली वाली माता कानून की पकड मे आ जायेगी
तब उसके जरिये भारत की लक्ष्मी वापस भारत मे आ जायेगी
तू उसकी मृत्यु की कामना कर के देश का नुकसान मत कर
एक देशभक्त की वर्षों मेहनत का तू ऐसे अपमान मत कर
और तुझे मै ये आश्वाशन देता हूँ, जब वो उसके किये की सजा पा जायेगी
उसके तुरंत बाद ही मेरी यम सेना उसे उठा कर ले आएगी
उसके लिए भी एक नए नर्क की पूरी तैयारी है
जहाँ माँ भारती की ये अपराधन अपने किये की पूरी सजा पाएगी
मैने कहा ठीक है आप बिना दांत बिना पंजो वाले सिंह को ले जाओ
कम से कम थोड़ी सी कृपा तो माँ भारती पर तुम दिखाओ
वो बोले मै रोबॉट को तो ले कर चला जाऊँगा
पर इस रोबॉट को बिना रिमोट कैसे चलाऊंगा
और यूँ भी इस रोबॉट ने आज तक भला कहाँ अपना मुह खोला है
मैने कहाँ यही तो इनका अपराध है की इन्होने कभी कुछ नहीं बोला है
मेरी बात सुन कर यमराज थोडा सा उदास हो गये
इस सिंह को छोड़ देने की प्रार्थना करते हुए निराश हो गये
मैने यमराज को जब इस हालत मे पाया
तो उन्हें झकझोर कर उनकी हताशा से जगाया
वो बोले देश मे एक ही तो ईमानदार नेता है उसे नहीं ले जा पाऊंगा
तुम किसी और का नाम बताओ उसे जरूर उठा ले जाऊँगा
यमराज की ये बात सुन कर मै थोडा निराश हो गया
ये सभी तो जल्दी नहीं मरने वाले इस बात का विश्वाश हो गया
मै अभी अगले नाम पर विचार कर रहा था की अचानक भूंकप जैसा कुछ आया
भूकम्प से आँख खुल गई और समझा की ये तो पत्नी ने ]नींद से है जगाया
मन मे सोचा की थोडा और सोता तो कुछ नेताओं के नाम और गिनाता
सपने मे ही सही उनकी मौत की किसी से चर्चा तो कर पाता
हार कर मैने पत्नी से पूंछा
क्या हुआ क्यों इतनी जल्दी जगाया
क्या बाढ़ आ गई या कहीं भूचाल है आया
वो बोली ये नेता मरते भी नहीं
पेट्रोल के दाम फिर ३ रूपये बढ़ने वाले हैं
मै बोला इन नेताओं से यमराज भी डरते हैं
ये नेता इतनी जल्दी कहाँ मरने वाले हैं
धार्मिक बातो को व्यंग्य में मत घसीटो .
ReplyDelete"ब्लॉगर्स मीट वीकली
(24) Happy New Year 2012": में आयें .
आपको यहाँ कुछ नया और हट कर मिलेगा .
एक बेहद शानदार, बेहतरीन और गज़ब की व्यंगात्मक कविता| ये नेता सच में किसी बीमारी से कम नहीं हैं|
ReplyDeleteआपने लाजवाब और ज़बरदस्त कविता लिखा है ! उम्दा प्रस्तुती!
ReplyDeleteकुंदन जी,...एक सुंदर सपना टूट गया,काश.....ने जगाया न होता.
ReplyDelete"काव्यान्जलि":
नही सुरक्षित है अस्मत, घरके अंदर हो या बाहर
अब फ़रियाद करे किससे,अपनों को भक्षक पाकर,
bahuthi umda kabita aapka jabab nahi
ReplyDeleteKishan
ha ha mazedaar...
ReplyDeletenice one.....
ReplyDeleteBAHUT ACHHA HRIDYANDOLIT PRASHNNTA PURN BYANG ,KE LYE DHNYABAD ,AUR AAGE BHI AISI KRITIYO KE LIE AASHWANT RAHUGA ,TAKI INE HRIDYANGM KR MN ABIKRATI-PURN/AANANDIT KIA JASAKE .
ReplyDeleteBahut satik kavita likhee patel ji. hamari sahanubhuti yamraj ke saath hai. Halanki mujhe lagta hai ki hamare desh ki politics mein unka bhi haath hai.
ReplyDeletesukriya KUNDAN ...aur tahe dil se sukriya aap sab ka jinhone KUNDAN ka hosla badhaya hai ..sukriya dosto
ReplyDeleteहौसला अफजाई के लिए आप सभी का शुक्रिया
ReplyDeleteबस दिल मे ख्याल आते गये, बड़े भैया का आशीर्वाद रहा और कविता बनती गई
कोशिश करूँगा आगे भी आप की कसौटी पर खरा उतर सकूं
वाह ... गज़ब का व्यंग है ...
ReplyDelete