""हमारी youtube चेनल Enoxo multimedia को Subscribe करके Bell icone दबाये और ज्ञानवर्धक एवं शानदार विडीओ देखे सरकारी योजनाओ की जानकारी,टेक्नोलोजी,फन्नी,कॉमेडी,राजकीय घटना क्रम से जुड़े शानदार विडीओ देखना ना भूले youtube : enoxo multimedia""

Friday, June 17, 2011

"राईट टु रिकोल " - एक जादुई छड़ी ,जानो इसे |

" क्या है ये "राईट टु रिकोल" कानुन ? "

" आज़ादी मिलने के इतने सालों बाद क्यों आज जरूरत है इस कानुन की ?

" क्या ये कानुन के आने से आएगा राजनीती में बदलाव ?

             * आज की स्थिति :
                                             " चुनाव के वक़्त हम हमारे नेता जी के भाषण सुनते है और उनके प्रलोभनोमे उनके द्वारा दिए गए वादों में हम आ जाते है और चुनाव ख़त्म होते ही हमारे नेता के पास वक़्त नहीं होता है जनता को दिए गए वादे निभाने का और हो जाते है नेता के द्वारा जनता को चुनाव के पूर्व दिए गए वादे हवा में विलीन ..याने जनता बनती है अगले पांच साल की सबसे बड़ी बेवकूफ ..यही तो है आज की स्थिति |"
  
             * ये जानते है : 
                                          " ये जानते है की चुनाव के वक़्त जनता को जो भी पार्टी सबसे अच्छा वादा करेगी जनता उसीको चुनती है और वही पार्टी बनाती है सरकार ..फिर बिना रोकटोक के जनता को अगले ५ साल तक बड़े ही इत्मिनान से चूसते रहते है क्यों की जनता इनका ५ साल तक कुछ बिगड़ नहीं सकती ,उन्हें सत्ता से बहार कोई भी नहीं कर सकता फिर चाहे उन्हें वोट देने वाली जनता ही क्यों न हो ? क्यों की जनता के पास वो कानुन नहीं है की जनता जिसका इस्तेमाल कर सके और इन भ्रस्ट नेता को या सरकार को झुका सके ? "

            * क्या आज़ादी के इतने सालो बाद जरूरत पड़ी इस कानुन की ?
                                         " मेरे कुछ दोस्त सोचेंगे की भाई देश आज़ाद हुवा उसको कई साल बीत गए फिर ये कानुन आज क्यों ? क्यों आज जरूरत है " राईट टु रिकोल " कानुन की ?..तो आपको बता दू की इस कानुन की जरूरत आज से पहले भी थी और आपको बता दू की इस कानुन की मांग "जय प्रकाश नारायण "ने ४ नवेम्बर १९७४" में इंदिरा गाँधी सरकार से की थी ..उसका क्या हुवा ये बाद में कभी बताऊंगा ...मगर अगर ये कानुन आज से पहले इस देश में आ जाता तो एक बात तय थी की हमे " बोफोर्ष , २ जी , तेलगी ,सुखराम ,चारा घोटाला ,सी.डब्लू.जी.... लिस्ट बहुत लम्बी है ऐसे घोटालों को झेलना न पड़ता और न ही ऐसे घोटाले करके आज जनता का खून हमारे ही द्वारा चुने हमारे ही नेता चूस सकते ..और न ही स्विस बैंक में "काला धन" होता | "
  
   * जानो "राईट टु रिकोल " कानुन क्या है ?
                                        " राईट टु रिकोल, कानुन जनता जनार्दन को ये हक़ देता है की वो किसी भी भ्रस्ट नेता को दरखास्त कर सकती है और चुनाव के वक़्त अगर किसी नेता ने जनता को दिए अपने वादे पुरे नहीं किये हुवे हो तो जनता इस कानुन का इस्तेमाल करके उस भ्रस्ट नेता को दिखा सकती है घर का रास्ता याने उसको अपने अधिकार खोने पड़ते है और फिर से आम आदमी बनना पड़ता है याने किसी भी बड़े नेता को जो भ्रस्ट है उसे " आम आदमी" बना सकती है जनता |"
                                       " ५ साल में एक बार दिखने वाले यही नेता आपके घर का दरवाजा इस कानुन के आते ही रोज खट खटाएंगे अब और अब तक जो जनता इन नेता की ताकत से डरती थी अब वही नेता जनता की ताकत से डरेंगे क्यों की जनता के पास होगा " राईट टु रिकोल " कानुन याने इस कानुन के आते ही जो आपको जुठे वादे देकर आपको सरे आम चुसते थे वे नेता अब आपको ५ साल तक हैरान नहीं कर पाएंगे और आप से डरेंगे जरूर , इस कानुन से आप भ्रस्ट लोगों से याने भ्रस्ट अधिकारियों से भी छुटकारा पा सकते है |"
      
* नेता की ताकत से जनता परेशान थी, मगर इस कानुन की ताकत से अब नेता परेशान होंगे |
                                      " आज नेता की ताकत से सब परिचित है और डरते भी है ..अभी अभी हमने इनकी ताकत का नमूना "रामलीला मैदान" में देखा है , मगर इस कानुन के आते ही कोई भी सरकार जनता पर जुल्म करने से पूर्व १०० बार सोचेगी ..क्या आप ऐसा नहीं चाहते है ? नहीं चाहते है की इन नेताओं पर भी कोई पाबन्दी हो ? क्या आप नहीं चाहते है की हमारे द्वार चुने हमारे ही नेता हमारी पगार खाकर ५ साल तक हमे चूसे नहीं ?..या फिर यूँही नेता के गुलाम बनाना कहेंगे आप जैसे की आज है ? "

* आपकी चीख और आपके आँसु से अब डरेंगे नेता :
                                     " आज आपकी चीख , आपके आँसु ना ही किसी नेता को सुने दे रही है और ना ही दिखाई दे रहे है और ना ही आपकी चीख और आपके आँसु ,नेता की कुर्शी को हिला पा रहे है , ना ही सरकार पर आपकी चीख का असर हो रहा है मगर इस कानुन के आते ही " सरकार , भ्रस्ट नेता , और भ्रस्ट अधिकारी आपको कहेंगे " जी हुजूर " और डरेंगे आप से क्यों की अब आपके पास चीख नहीं मगर " राईट टु रिकोल " कानुन है जिसका इस्तेमाल करके आप निकल सकते है किसी भी भ्रस्ट नेता , या अधिकारियों को ...या फिर सरकार को ....है ना ये जादूई छड़ी " राईट टु रिकोल " | "

* मै जुड़ा हुवा हु यहाँ  :
                                     ' इस कानुन को लेन के लिए हमने और कई सारे लोगों ने कमर कसी है आज ,और चल रही है एक साफ़ सुथरी बहस ..इस कानुन में क्या क्या सुविधाए होनी चाहिए इस बात को लेकर आपको पढ़नी है वो बहश तो कृपया यहाँ आये और हिस्सा ले देश के लिए एक नए कानुन लाने की इस मुहीम में |"

इस लिंक पर क्लिक जरूर करे ..आओ मिलकर देश बनाये ..एक नया कानून लाये 

                                   Right To Recall


तस्वीर गूगल से ली गयी है  :

17 comments:

  1. एक सार्थक चिंतन - काश ऐसा भी हो पाए?
    सादर
    श्यामल सुमन
    09955373288
    www.manoramsuman.blogspot.com

    ReplyDelete
  2. एक बहुत ही जरूरी पोस्ट और उससे भी जरूरी लडाई की अलख जगाने के लिए बहुत बहुत बधी और शुक्रिया तुलसीभाई । इस जज़्बे को बरकरार रखें आने वाले समय में देश को सबसे ज्यादा जरूरत इसी की पडने वाली है । शुभकामनाएं

    ReplyDelete
  3. आइना दिखाती हुई बढ़िया पोस्ट!

    ReplyDelete
  4. बहुत ही बढ़िया और सटीक पोस्ट! सार्थक चिंतन!
    मेरे नए पोस्ट पर आपका स्वागत है-
    http://seawave-babli.blogspot.com/
    http://ek-jhalak-urmi-ki-kavitayen.blogspot.com/

    ReplyDelete
  5. जनता के भेजे हुए लोगों को जनता चाहे जब वापस बुला सके...यह अधिकार तो मूल-सामाजिक अधिकार होना ही चाहिए....

    ReplyDelete
  6. सही अर्थ समझा दिया आपने और हम तो जुडे है ही इससे।

    ReplyDelete
  7. राइट टू रिकोल या जन लोक पाल आदि कानून फटे कपडे में पैबंद के समान है!अब पैबंद से काम नही चलेगा पूरा कपडा ही बदलना होगा!कानून बनाने का अधिकार सीधे जनता को मिले यानि कानून सत्तानुकूल(सत्ता-केंद्रित) न हो कर लोकानुकूल(लोक-केंद्रित) हो!राजनेता ,नोकरशाह जनता के सेवक की तरह हो क्योंकि वे जनता के लिए है जनता उनके लिए नही!उनका पोषण जनता के द्वारा होता है!अत:जनता को उन्हें दण्डित या पुरस्कृत करने का अधिकार होना चाहिए तभी सही मायनो में जनतंत्र कहलायेगा !अभी तो हम सत्तातंत्र में जी रहे है जिसमे जन का नहीं नेता का हित निहित है !

    ReplyDelete
  8. भारतीय नागरिक सर ..ये होना ही चाहिए |

    ReplyDelete
  9. श्यामल सर , अगर हम मिलकर करे प्रयाश तो कोई भी ऐसा काम नहीं की नामुमकिन हो जब १३० करोड़ की आबादी अगर एक साथ बोले तो सरकार को जुकना ही पड़ेगा

    ReplyDelete
  10. जाकिर अली सर, ये कानून जरूरी था और जरूरी है ,और जरूरी रहेगा भी क्यों की आज के हालात अगर ऐसे है जैसे तानाशाह तो सोचो जब जनता आगे जाकर जब आवाज़ उठाएगी तब क्या सरकार जनता पर गोलिया बरसा नहीं सकती है क्या ? और ये सब रोकने के लिए भ्रस्टाचार को रोकने के लिए और जनता की भलाई के लिए ये कानून का जरूरी है अस्तित्व

    ReplyDelete
  11. अजय सर , सुक्रिया आपका और ये होसला भी ऐसे ही बरक़रार रहेगा इस में भी कोई शक नहीं है ..आओ एक अलख जगाये ..एक अलख लगाये

    ReplyDelete
  12. सुक्रिया " मयंक " सर

    ReplyDelete
  13. डॉ.श्याम सर ..आपने सही कहा की ये अधिकार होना ही चाहिए जब जनता उन्हें भेज सकती है और वो सरकार में जाकर जब जनता पर जुल्म और भ्रस्टाचार कर सकते है तब जनता को ये अधिकार होना ही चाहिए की जनता उसे वापस बुला सके

    ReplyDelete
  14. वंदना जी , सुक्रिया आपका और यूँही जुड़े और डेट रहिएगा ..आओ मिलकर ये कानून को लेन की कोशिश करे

    ReplyDelete
  15. सत्ता तंत्र में जी रही हम जिसमे जनता का नहीं मग़रनेता का ही हित है ... बहुत बहुत सुक्रिया एक समाज भरी और सुजाव से भारी कमेन्ट के लिए " कैलाश काकार सर " सुक्रिया तहे दिल से ..

    ReplyDelete

Stop Terrorism and be a human