जनता दल यूनाइटेड के अध्यक्ष शरद यादव ने वोट की तुलना बेटी की इज्जत से की। यादव ने बुधवार को कहा कि बेटी से बढ़कर वोट की इज्जत है। बेटी की इज्जत जाती है तो परिवार और मोहल्ले की इज्जत जाती है लेकिन वोट की इज्जत जाने पर देश की इज्जत चली जाती है। इसलिए शराब और नोट के लिए गलत लोगों को वोट नहीं देना चाहिए।
शरद यादव मध्य प्रदेश के जबलपुर में राजा रघुनाथ और कुंवर शंकर शाह के बलिदान दिवस पर जदयू और गोडवांना गणतंत्र पार्टी (गोगपा) की सभा में बोल रहे थे।
उन्होंने आदिवासी नेता की बात पर जोर देते हुए कहा कि रानी लक्ष्मीबाई, तात्या तोपे, भगत सिंह व चंद्रशेखर आजाद का शहादत दिवस मनाया जाता है। उनके लिए हमारे दिल में सम्मान है। राजा शंकर शाह और रघुनाथ शाह को अंग्रेजों ने तोप के मुंह में बांधकर उड़ा दिया था, लेकिन वो आदिवासी थे इसलिए उनकी शहादत को स्थान नहीं मिला।
शरद ने कहा कि देश में नौ करोड़ से ज्यादा आदिवासी हैं और देश के किसी भी समुदाय से अधिक हैं लेकिन देश को अभी तक कोई आदिवासी प्रधानमंत्री नहीं मिला है।
जरा सोचो :
जब देश के मंत्रियो की सोच ही बेटी के प्रति ऐसी हो तो भला देश मे बेटियाँ सलामत कैसे रहे सकेगी ?
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शरद यादव समाजवादी हैं इनके लिए बेटी और माँ का कोई स्थान नहीं इतना ही नहीं ये देश से भी द्रोह करते हैं इन्हें तो केवल ओट चाहिए.
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