" एय "मनमोहन सिंह की दहाड़ सुनकर सभी कांग्रेसी चुप हो गए " बहुत हो गया ..अब बस्स ! और नहीं ..नाही तर माझी सटकेल " ... सभी कांग्रेसी एक दुसरे का मुहं ताक रहे थे और सोच रहे थे की ये अचानक " गूंगी गुडिया " से " एंग्री ओल्ड मेन " कैसे बन गया ?..की एक कांग्रेसी बोला " इतना गुस्सा अच्छा नहीं है "..." तु सिखाएगा मुझको "मनमोहन के ऐसे कहने पर " ए , इज्ज़त से बात कर ..जनता है मेरी ताकत को ..और मेरी औकात को |"..." दो टके का मामूली भ्रस्टाचारी है तु , जिसकी कोई इज्ज़त नहीं होती है |"
* वांधे हो जायेंगे ..वांधे |
" ये, मामूली भ्रस्टाचारी किसको बोला ? "..उस पर दुसरे कांग्रेसी ने कहा " आपको सर "...." एय , समजा ..समजा इसको मै कौन हु ? मेरी ताकत क्या है ? "..." तु तो गुंडा है जो आज सांसद बनकर बैठा है ..जिस पर लगे दर्जनों केस की फाइल आज भी कई पुलिश स्टशन में सड रही है..बड़ा आया मुझे औकात बतानेवाला | " ...उस पर " एय , समजा ..समजा इस "ओल्ड मेन" को वर्ना कुर्सी बचाने के भी वांधे हो जायेंगे | " ...चल रे तुजसे कौन डरता है , आज से मै अन्ना हजारे को समर्थन दे रहा हु और भ्रस्टाचार के खिलाफ कड़क कानून लाकर ही रहूँगा ..समजा | "मनमोहन बोले
* अभी के अभी ... एक शेर ही काफी है |
" बहुत अकड़ है ना " अन्ना हजारे के आन्दोलन" पर ? मै चाहू तो ये आन्दोलन कुचल सकता हु ..अभी के अभी ..एक फ़ोन पर दिल्ली की पुलिश खड़ी कर सकता हु ..अभी के अभी ...तुझे पता भी नहीं चलेगा की कब आन्दोलनकारियों पर लाठियां चलाकर और अश्रु गोले फेंककर चली जाएगी पुलिश ...अभी के अभी |"...कांग्रेसी के कहने पर ..... " ओ कभी कभी ...एक बात सुन ले तेरे एक फ़ोन पर पुलिश आएगी और मेरे एक फ़ोन पर १२० करोड़ जनता आएगी ..मग़र कुत्तों का शिकार करने के लिए ..ये ...मनमोहन सिंग्हम ..एक शेर ही काफी है .....आता माझी सटकली आहे रे | "
* आली रे आली आता तुझी बारी आली
" आता दाखवतोय मी तुम्हाला तुमची औकात " कहेकर मनमोहन ने एक फाइल निकाली " ये , ये देख ..ये जो फाइल है उस में बंद है सबके काले कारनामो का सबूत ..इस में बंद है तुम सबने किये a टु z घोटाले ..जो मै आज जनता के सामने पेश करने जा रहा हु ..किसका पैसा स्विस बैंक में है ? और कौन कौन है घोटालेबाज ये सब नाम के साथ लिखा है इस फाइल में ... आली रे आली आता तुझी बारी आली | " कहेकर मनमोहन दरवाजे की तरफ बढे और अचानक ही पीछे मुड़कर बोले ...." तु लूट गया रे गोट्या |"
काश :
" ऐसा होता हमारा प्रधान मंत्री ..तो आज देश के हालात ऐसे ना होते और ना ही बुजुर्ग " अन्ना हजारे जी " को "भूखे "बैठना पड़ता ..और ना ही इस तरह a टु z घोटाले में पूरी "ए बी सी डी " ख़त्म होती |"
"जिसमे नहीं है दम ..तो फ़क्त .....मनमोहन सिंग्हम "
जल्द ही आपके नजदीकी सिनेमाघरों में धूम मचाएगी ये फिल्म " मनमोहन सिंग्हम "
इस फिल्म को देखना ना भूलिएगा ऐसे मौके बार बार नहीं आते ..
*** बनानेवाले ने भी क्या मस्त विडियो बनाया है
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व्यंग : मनमोहन तु झुका क्यों ? ( अन्ना के विडियो के साथ )
इस ब्लॉग में पढने लायक पोस्ट :
" व्यंग : पप्पू से पंगा ( विडियो के साथ ) "
" व्यंग - जंडू बाम ,सरकार और च्विंगम "
waah........
ReplyDeletejai hind !
वाह! तुलसी भाई।
ReplyDeleteअरे वाह!!
ReplyDeleteshandar
ReplyDeleteवाह क्या बात है।
ReplyDeleteसमा बाँध दिया आपने तो।
वन्देमातरम्।
ओ जी कमाल है.
ReplyDeleteनई पुरानी हलचल से आये हैं.
पर यहाँ तो मनमोहन सिंग्हम का तूफान ही आया हुआ है.
सुन्दर प्रस्तुति के लिए बहुत बहुत बधाई.
अपनी 'सच्चाई' के मेरे ब्लॉग पर भी दर्शन कराएँ.
आभार.
वाह काश ये मन्नू ऐसा ही सिंघम होता।
ReplyDeleteवाह ! बहुत बढ़िया … आदरणीय तुलसी भाई पटेल जी !
ReplyDeleteबहुत बधाई !
ई पंडितजी ! की पीड़ा ही मेरी पीड़ा है … 'काश ! ये मनमोहन जी कहीं से तो सिंह भी होते … '
अब भ्रष्टाचारियों और तानाशाहों से मुक्ति पाने के लिए
लगातार यह याद रखना है , और संपर्क में आने वाले हर शख़्स को निरंतर याद दिलाते रहना है , प्रेरित करते रहना है कि चुनाव के वक़्त सही आदमी को वोट देना है …
और मतदान आवश्यक कार्य मानते हुए पूरे दायित्व तथा समझ के साथ सही व्यक्ति/सही पार्टी को वोट देना है !
waw sandar hai
ReplyDeletebahut khoob tulsi bhai ...
ReplyDeletemazaa aa gaya ...
:):) बहुत बढ़िया ..
ReplyDeleteअरे वाह सर, मनमोहन ऐसा सिंग्हम बन जाता तो सारा फसाद ही ख़त्म हो जाता| सिंग्हम तो क्या, मन्नू तो हैड कॉन्स्टेबल सावलकर भी नही बन सका| याद है आपको सावलकर? उसका भी ज़मीर जाग गया था, लेकिन मनमोहन तो मंदमौन है ...
ReplyDeleteवीडियो शानदार लगा...कहाँ से लाते हैं आप ऐसे वीडियोज? बेहतरीन...
सपना तो अच्छा दिखाया है आपने, अब नींद तो आने से रही। नींद में इतने बढि़या सपने कहां आते हैं
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