"सभी कांग्रेसी नेता मीटिंग में व्यस्त थे ..देर रात तक मीटिंग चलती रही आखिरकार कोई नतीजा नहीं निकाला और थककर सभी वही पर ही सो गए थे ..सुबह सुबह जब हॉल साफ़ करनेवाला आया तो उसने सभी लोगों को जगाने की खूब कोशिश की मग़र कोई उठता नहीं था ..ऐसे में उस हॉल साफ़ करनेवाले का छोटा बच्चा आया उसने देखा की उसके पिताजी इन सभी नेताओं को जगाने की बहुत ही कोशिश कर रहे है मग़र कोई उठता नहीं है कुम्भकर्ण की नीद से सो रहे है सब ...तो उसने पिताजी से कहा " हटिये ..अब देखिये मै कैसे जगाता हु इन सबको ..एक ही मिनिट में पुरा हॉल खाली हो जायेगा |"... "वो कैसे ? "उसके पिता ने कहा ... " आप सिर्फ देखिये ..आप इन सब से डरते है मग़र ये किस से डरते है वो भी देख लीजिये |"..." पप्पू , तु कोई शरारत तो नहीं करेगा ना ? " .."नहीं ..नहीं |"
" पप्पू आगे आया और जोर से जैसे ही चिल्लाया " अन्ना हजारे | " ..वैसे सभी कांग्रेसी नेता उठ उठ कर भागने लगे ..सभी को भारी सरीर लेकर भागने में बड़ी ही दिक्कत हो रही थी ..मग़र बिल्ली का नाम पड़ते ही जैसे चूहे भागते है वैसे भागने लगे थे ये सब " ये दरवाजा खोलो जल्दी ...जल्दी खोलो भाई |"एक नेता चिल्ला रहा था ..तभी पीछे से पप्पू ने उसकी टांग पर कसकर घुसा लगाया और कहा " अबे ...ओ अकल के खोटे ..और दिमाग के लोटे ये खिड़की है दरवाजा नहीं |".."तो फिर दरवाजा कहाँ है | " ..आपको दिखाई नहीं देता है क्या ? पप्पू बोला " अबे छोकरे दिखाई तो देता था मग़र जल्दबाजी में मैंने " मनमोहन " के चश्मे पहन लिए है |" तभी किसीने पानी से भरी बाल्टी को लात मरी ..पुरा हॉल पानी पानी ... " एय ..मुझे बता रास्ता कहाँ है |"..उस पर पप्पू ने कहा .." ये रहा |" ..नेता दौड़कर दरवाजा खोलकर अन्दर गया ..वैसे ही किसीने अन्दर से धक्का दिया नेताजी गिर पड़े ..उनके पास में ही साबुन की टिकिया भी पड़ी " नेताजी चिल्लाये " कौन है भाई ? इतनी जोरो से धक्का मारा...ऐसा गिरा हु ऐसा गिरा हु आज अरे ऐसे तो मुंबई शेर बाजार के अंक भी नहीं गिरते है | " ... पपू ने कहा "उठिए नेताजी | "..ये लीजिये चश्मे ..और फेंक दीजिये वो मनमोहन के चश्मे | "
" हाँ , छोकरे ये तुने ठीक किया ..ये मनमोहन के चश्मे ने तो हमारी हालत ही बिगाड दी है |" कहते दुसरे चश्मे पहने " अरे ये क्या इस चश्मे से तो सभी चीजे छोटी छोटी दिखाई देती है "..टेंशन मत लो ..ये प्रणब के चश्मे है | " ..नेताजी मुस्कुराये और " ये चश्मे प्रणब के है मग़र प्रणब कहा है ? " ..तभी नीचे से आवाज़ आई " उल्लू के पट्ठे तु मेरी पीठ पर खड़ा है नीचे उतर |" ये आवाज़ प्रणव की थी " ओह प्रणव तुम गिर कैसे पड़े ? "...उस पर " किसी नालायक ने ..साबुन की टिकिया फेंकी है ..मग़र कोई ये बताओ की दरवाजा किस तरफ है |" ..ये सब दरवाजा ढूंढ़ रहे थे की पप्पू बाहर निकल गया |
" अपनी फटी चड्डी को ठीक करते करते वो जा रहा था ..शायद उसकी फटी चड्डी के गुनेहगार भी यही नेता ही थे ..मग़र फिर भी वो हस्ते हस्ते जा रहा था उसके चहरे पर एक अजीब सी शांति थी ..रस्ते में बैठे एक भिखारी की तरफ उसका ध्यान गया ...वो भिखारी बुजुर्ग था ..उस भिखारी की आँखे कमजोर थी शायद ..पप्पू उसके पास गया और अपनी जेब से एक चोकलेट नीकाल कर उस भिखारी को देते हुवे कहा " बाबा , मै ये चस्मा आपको नहीं दे सकता हु ...क्यों की ये चस्मा एक नेता का है जिसे भ्रस्टाचार करके लिया गया है ..मै बड़ा हो जाऊंगा ना तो आपको एक मस्त चस्मा अपनी खुद की महेनत की कमाई का लेकर दूंगा ... | " कहेकर पप्पू चलने लगा ...उसके हाथ में रहे नेताजी के चश्मे और मोबाइल को कचरे के ढेर में फेंक कर अपनी नाक साफ़ करते करते वो बिंदास्त जा रहा था ,भिखारी देख रहा था चुपचाप ...उजवल भारत का उज्जवल नसीब |"
चित्र गूगल से साभार , ये चित्र जिस किसीने बनाया है उस हस्ती को सुक्रिया |
वाह क्या बात है। बहुत खुब।
ReplyDeleteहा हा ... भाई साहब ये आपने साही कमान संभाल रखी है| पीड़ा को व्यंग के माध्यम से सामने रख रहे हैं|
ReplyDeleteशानदार...
वाह रे पप्पू!!!
ReplyDelete" " गुरुदेव , आपकी कमेन्ट देखकर मजा आ जाता है ... सुक्रिया तहे दिल से | "
ReplyDelete" ये पप्पू का फंडा है जो आनेवाली कल की तस्वीर है ...दिवास सर , ये भी तो सच है की आज बच्चों की फटी चड्डी की वजह ये नेता ही है ..बस इसी लिए ये मैंने लिख दिया था ..आपको अच्छा लगा ये मेरे लिए बहुत ही अच्छी बात और खुश किस्मती सम्जुंगा मै | "
ReplyDeletemaza aa gaya tulsi ji !
ReplyDeletethe great great post !
बहुत खूब .....आनंद आगया पढ़ के .
ReplyDeleteपप्पू के क्या कहने ....!
ReplyDeleteवाह! क्या बात है! पप्पू के क्या कहने! बड़ा ही मज़ेदार, शानदार और ज़बरदस्त प्रस्तुती!
ReplyDeleteकेवल राम सर ... सही कहा है आपने पप्पू के क्या कहने ?
ReplyDeleteबबली जी , तहे दिल से सुक्रिया
ReplyDeleteदेवेश सर ... आपके आनंद में ही मेरी ख़ुशी है
ReplyDeleteअलबेला जी , आपको देखकर बहुत ही ख़ुशी हुई और उस से भी ज्यादा ख़ुशी आपको ये पोस्ट पसंद आई इस बात की हुई है ..आपका स्नेह और आशीर्वाद यूँही बनाये रखना
ReplyDeleteजय हो
ReplyDeleteबहत बढ़िया!
ReplyDelete--
अन्ना जी को ताकत देना, लोकपाल को लाने की।
आज जरूरत है जन-मन के सोये भाव जगाने की।।
bahut hi badhiya vyang.sadhuwad
ReplyDeleteमैं भी चिल्लाऊँ .......
ReplyDeleteअन्ना हज़ारे....!!