" "कांग्रेस" हो या "बी .जे .पी "किसी ने इस देश को नहीं छोड़ा ..आप खुद देखिये इन तस्वीरों को ..ये आज बोलने लगी है की सच्चाई क्या है ?..कोई हिन्दू मुसलमान के नाम पर लड़वाता है तो कोई ..प्रांतवाद के नाम पर ..और हम बेवकूफ लड़ते है ..और अपने ही भाई या पडोशी का गला काटने पर दौड़ते है ..और बदले में मिलता क्या है ? ..ये ..कमरतोड़ महेंगाई , लड़ो ..लड़ो और लड़ो क्यों की ये नेता लोग जानते है की ये अब सुरविरो का देश नहीं बल्कि बुजदिलो का देश बन गया है ..यहाँ पर कोई अन्याय के खिलाफ आवाज़ नहीं उठाता ..वोटिंग करते वक़्त ये बात मत सोचना सिर्फ बटन दबाना..और किसी एक पार्टी का झंडा लेकर निकल पड़ना "
" हम सब जानते है की हमने जिसको चुन कर दिया है वो ५ साल तक दिखाई नहीं देता है ,हमारे प्रश्नों का निवारण नहीं होता है ..फिर भी हम पढ़े लिखे लोग उन जनता के सेवक को कुछ पूछते ही नहीं ..आपसे अगर मैंने ५०० रूपए लिए रहेंगे तो आप मुझे वक़्त आने पर वो पैसे लौटाने को कहोगे मग़र कोई नेता आपके देश के ५०० करोड़ खा जाता है तो आप उसे पूछते ही नहीं ..इसे क्या कहोगे ?..बेवकूफी ..समजदारी ...या नादानी ?..अरे हम जैसे पढ़े लिखे लोग जब अपनी देश के प्रति जिम्मेदारी भूल रहे है तभी तो ये नेता लोग नंगा नाच ..नाच रहे है वर्ना उनकी क्या मजाल थी की हमारे देश को इस तरह लुट सके "
" आप खुद ही देखिये इन तस्वीरों को ..देखिये किसने हमे क्या दिया है ?..हमने तो सिर्फ एक वोट दिया था इन कमीनो ने बहुत कुछ दर्द नाक दिया है पहले महेंगाई बढाओ ... जैसे चुनाव नजदीक आये ..सभी अत्यावश्यक चीजो के दाम में गिरावट करके हम दर्दी जीतलो ..सत्ता आपकी होगी यही मंत्र हो गया है इन लोगो का ..क्यों की ये जानते है की भारत की जनता भोली है "
" भारत के लोग कभी अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाते ही नहीं है ..ये बात भी वो जानते है सायद इसी लिए ही कुत्ते की दुम और इन नेता में कोई फर्क नहीं क्यों की कुत्ता भी अपने मालिक के आगे पूंछ पटपटाता है जैसे हम भी तो इस भारत के मालिक है ..फर्क इतना है की कुत्ता पाने मालिक के samne पूंछ पटपटाता है और ये नेता लोग हमारे सामने ..दोनों में मालिक हम ही है "
"जियो ..जियो अपनी अपनी तरह से ..मग़र एक बात मेरी हो सके तो याद रखना, जब तक हम लोग नहीं जागेंगे अपनी नींद में से तब तक ऐसा ही होता रहेगा ..कही कोई मस्जिद टूटेगी ..तो कही कोई ...और तेलंगाना होगा ..तो कही बिजली नहीं होगी "
" यु ही लुटते रहेंगे हम अपने नेताओ से आखिर कब तक चुप रहेंगे हम ? ..घर में से एक छोटी सी चीज चुराने वाले को हम पीट सकते है मग़र हम अपने सही मायने में घर कहे जाने वाले देश को लुटनेवाले ..हमारे नेता लोगों को हम पूछ भी नहीं सकते की आप ये कर क्या रहे हो ? "
" भारत के लोग कभी अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाते ही नहीं है ..ये बात भी वो जानते है सायद इसी लिए ही कुत्ते की दुम और इन नेता में कोई फर्क नहीं क्यों की कुत्ता भी अपने मालिक के आगे पूंछ पटपटाता है जैसे हम भी तो इस भारत के मालिक है ..फर्क इतना है की कुत्ता पाने मालिक के samne पूंछ पटपटाता है और ये नेता लोग हमारे सामने ..दोनों में मालिक हम ही है "
"जियो ..जियो अपनी अपनी तरह से ..मग़र एक बात मेरी हो सके तो याद रखना, जब तक हम लोग नहीं जागेंगे अपनी नींद में से तब तक ऐसा ही होता रहेगा ..कही कोई मस्जिद टूटेगी ..तो कही कोई ...और तेलंगाना होगा ..तो कही बिजली नहीं होगी "
" यु ही लुटते रहेंगे हम अपने नेताओ से आखिर कब तक चुप रहेंगे हम ? ..घर में से एक छोटी सी चीज चुराने वाले को हम पीट सकते है मग़र हम अपने सही मायने में घर कहे जाने वाले देश को लुटनेवाले ..हमारे नेता लोगों को हम पूछ भी नहीं सकते की आप ये कर क्या रहे हो ? "
" क्या इसी को मेरा भारत महान कहते है ?क्या इस देश को, आपके घर को लुटता हुवा आप देख सकते है ?"
"अपने देश को हमारी आँखों के सामने लुटता हम देख रहे है ,तो क्या हम आवाज़ तक नहीं उठा सकते ? भाई मै बुजदिल नहीं हु ..मेरे दिल ने कहा सही है ..सो मैंने लिख दिया ..अब देख ते है इस सच्चाई को गलत कहने वाले कितने है ..ये तस्वीरें जरूर देखना ..ये बेजान तस्वीरें आज बोलने लगी है "
" आओ हम मिलकर अपने देश को बचाए ..अपने अधिकार का उपयोग करे "
ध्यान दे :
" जाग्रति अभियान" अंतर्गत ये पोस्ट देश के सही प्रेमी और पढ़े लिखे वर्ग एवं बुद्धि जीवी वर्ग को समर्पित करता हु "
आओ हम मिलकर अपने देश को बचाए ..अपने अधिकार का उपयोग करे -सही आहवाहन!!
ReplyDeleteआपके इस बिचारोत्तेजक रचना के लिए आपका धन्यवाद /आपके इस सुन्दर और संदेशात्मक रचना की जितनी तारीफ की जाय कम है / आपके इस प्रयास के लिए आपको बहुत-बहुत धन्यवाद / ब्लॉग हम सब के सार्थक सोच और ईमानदारी भरे प्रयास से ही एक सशक्त सामानांतर मिडिया के रूप में स्थापित हो सकता है और इस देश को भ्रष्ट और लूटेरों से बचा सकता है /आशा है आप अपनी ओर से इसके लिए हर संभव प्रयास जरूर करेंगे /हम आपको अपने इस पोस्ट http://honestyprojectrealdemocracy.blogspot.com/2010/04/blog-post_16.html पर देश हित में १०० शब्दों में अपने बहुमूल्य विचार और सुझाव रखने के लिए आमंत्रित करते हैं / उम्दा विचारों को हमने सम्मानित करने की व्यवस्था भी कर रखा है / पिछले हफ्ते अजित गुप्ता जी उम्दा विचारों के लिए सम्मानित की गयी हैं /
ReplyDeleteकौन कहता है कि परिवर्तन नहीं होगा
ReplyDeleteइतिहास के पन्नों में लिखना ही होगा
बातों से नहीं, कर्म से नाद होगा
मैदान में अब संग्राम असली आजादी का होगा
- राम त्यागी
बिल्कुल वीर रस की तरह लिखा है आपने.. लेकिन चिंता मत करिए.. नई जनरेशन बहुत समझदार हो गई है.. अब नेता भी बदलेंगे और देश भी बदलेगा..
ReplyDeleteBechare kotonko neta ke saath jodkar kyon badnaam karen?
ReplyDeleteHaan, ekjut hon ham sab tabhi desh ka bhavishy sudhrega!
एक दिन जरूर बदलेगी तस्वीर
ReplyDeleteइसी तरह सब जागरूक हो जाएं .. तो देश की प्रगति में कोई बाधा न रहेगी !!
ReplyDeleteबहुत बेहतर चिंता और समग्रता से लिखा गया लेख! बहुत बेहतरीन तुलसी भाई
ReplyDeleteहमारी सबसे बड़ी समस्या है की हमने लोकतंत्र के लिए खुद को तैयार नहीं किया दोष महज़ नेताओं का नहीं है दोष तो सही मायने में हमारा है! हम नागर समाज विकसित ना कर पाने की सजा भुगत रहे हैं! हमारे समाज की प्रकृति की पहचान आज भी जाति और धर्म है ज़ाहिर है लोकतंत्र भी जातीय और धर्म आधारित होगा! देश में नागर आन्दोलन की कोई उपस्थिति नहीं कार्मिक संगठनों में भी जातीय धार्मिक बोलबाला दीखता है तो इसका सीधा असर राजनीति पर राजनीति का सीधा असर देश पर होगा! शायद हमारा देश एकलौता है जहाँ हर व्यक्ति असंतुष्ट नज़र आता है और देश अपनी गति से चलता जा रहा है! आवश्यक है की नागर समझ विकसित हो और सरकारें क्या कर रही हैं कैसे कर रही हैं और क्यों कर रही है इसकी समझ बन पाए! शुरुआत खुद से करनी होगी और उसे नागर आन्दोलन में बदलना होगा! व्यवस्था में सरकार में विश्वाश रखना होगा ताकि सब कुछ बिना किसी दबाव के सुचारू रूप से चल पाए!
अंत में कहूँगा की सार्थक लेखन विश्वाश रखिये आग कितनी भी बड़ी हो उसका अंत बुझना होता है हमने बहुत कीमत चुकाई अब वक़्त करीब है आग बुझनी है
is desh ko bachana hamari zimmedaari hai..
ReplyDeletenetaon ko dosh dena shayad uchit na ho kyunki woh bhi to hum mein se hi ek hain.....
phir bhi achhe wichaar hain...
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mere blog par is baar
तुम कहाँ हो ? ? ?
jaroor aayein...
tippani ka intzaar rahega...
http://i555.blogspot.com/
sabhi jimmedari se bhag rahe hai nahi to desh ki ye halat nahi hoti
ReplyDeletesayad apke is jagrukta bhare alekh se kuch ho jaye.soye huye bhartwaji jag jaye.......agar aisa ho gaya to kutte ki dum jaroor sidhi ho jayegi
समग्रता से लिखा गया सार्थक लेख...
ReplyDeleteसुन्दर प्रस्तुती! हमें सब मिलकर अपने देश को बचाना चाहिए! उम्मीद है कि हमारे देश में ज़रूर बदलाव आयेगी!
ReplyDeleteबहुत सही लिखा है आपने , अब समय आ गया है कि हम हिन्दू मुस्लिम का चक्कर छोड़े और देश के लिए लड़े । हमें देश को फिेर से आजाद करवाना पडेगा इन चोरो से ।
ReplyDeletebahut saarthak lekh hai...likhtey rahiye....aur in vicharon ko failaiye...
ReplyDeleteDear Patel Saheb,
ReplyDeleteApka lekh padha,achcha hai.Jahan tak mera sawaal hai main na raajniti ka vrodhi hoon na neta ka(maine apne lekh mein atal ji ko samman diaya hai),na BJP ka virodhi hoon na congress ka samarthak.
Mera to sirf itna manana hai ki jo samasya hai uska nidan kaise ho,na ki samasya kaise aayi.1984 mein desh ke haalat dusare the ,aaj dusare hain. aaj ke haalat mein naagrik bhi kaafi jaagrook hua hai,desh ne taraaki ki hai arthik aur raajnaitik taur pe,sakaratamak soch ke sath vipaksh kaam karega to haalat aur behtar honge
Dear lekhak mahoday aap ne thik likha hai lekin mashjid tutane ki photo dal diye hai lekin bahut sari mandire jo roj tutati hai usaki photo nahi dali hai or 1984 ke dango me bahut sare log mare the usaki photo aap ko nahi mili kaya ?
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