" मेरे ब्लॉग पर आकर ,मेरी पोस्ट पर कोई गलत टिप्पणी दे जाता है ..तो कोई मेरी सराहना भी करता है..जब सराहना करता है कोई तो अच्छा लगता है मगर जब गलत टिप्पणी देता है तब बात आती है हिंदी ब्लॉग जगत को अलविदा कहेने की ...क्या ये रास्ता सही है ? तब हम भूल जाते है की हम यहाँ अनेको वजह से आते है मगर उनमे एक वजह होती है हिंदी भाषा को बचाना और उसका प्रचार करना "
" मै ये नहीं कहेता की गलत टिप्पणी का जवाब नहीं देना चाहिए ..देना ही चाहिए जवाब ,...मगर वो जवाब हिंदी ब्लॉग जगत को "टाटा या अलविदा " कहेके नहीं बल्कि अगर आप सही है तो ईट का जवाब एक ही बार दो मगर पत्थर से दो ...और अगर आप गलत है तो दिल खोल कर माफ़ी मांग लो, क्यों की माफ़ी मांगने से इंसान छोटा नहीं बन जाता "
"एक दुसरे पर आरोप लगाने से क्या मिलेगा आपको ...सुकून या बैचेनी ?...आज ब्लॉग जगत में यही देखने मिलता है हर दिन कोई न कोई ब्लॉगर किसी अन बन के कारन ब्लॉग जगत को छोड़ के जा रहा है ..सोच लो ..अगर इसी तरह होता रहा तो क्या हम हिंदी भाषा का प्रचार कर सकेंगे ? क्या हम हिंदी भाषा को बचा सकेंगे ?"
" किसी के सामने उंगली उठाने से पहले ये सोचना चाहिए की दो उंगली सामने के तरफ है तो ३ उंगली ...उंगली उठाने वाले की तरफ होती है ये तु ..तु ..मै ..मै का फंडा अब बंध हो तो ही अच्छा है .....मेरे लिए ...आपके लिए ..हम सब ब्लॉगर भाई के लिए और खासकर मेरी प्यारी हिंदी भाषा के लिए ॥
आप सभी को नम्र निवेदन ॥
"हो सके तो एक बार "थ्री इडीयट" देख लेना जिसमे फिल्म का नायक "रेंचो" कभी मुस्केलियोँ से भागता नहीं था , बल्कि मुस्केलियोँ का सामना करता था "
" इस पोस्ट से मै किसी का दिल दुखाना नहीं चाहता ..मगर गौर से पढोगे तो पता चलेगा की मेरे हर अल्फाज़ में हिंदी भाषा के प्रति लगाव और चाहना है "
" आओ हम मिलकर हिंदी भाषा का मान पुरे संसार में बढ़ाये "
" ये पोस्ट पर मुझे टिप्पणी नहीं चाहिए ...ये पोस्ट उन लोगो के नाम जो "हिंदी" को चाहते है , मेरे ब्लॉगर भाई बहेन के नाम , फिर भी आपको अगर कोई भी सिकायत हो तो महेरबानी करके मुझे एक इ-मेल भेजिएगा जरूर "