सूरत के बेशरम .....
"ना पछतावा है चहरे पर , न डर है कानून का ..कानून के रखवालोने हमको सजाया है ,इम्पोर्टेड टी-शर्ट ,पेंट और क्लींन शेव के साथ निकली है सवारी हमारी | सायद इनको डर नही है कानून का क्योंकि कानून के रखवालो के बेटे जो है , क्या कहेंगे हम इन्हे "बिगडे हुवे सहजादे " ? क्या आपको दिख रहा है कोई डर इनके चेहरे पर ? "
" इम्पोर्टेड गाडिया ,मुहमांगी पॉकेट मनी का ये रहा नतीजा साथ में था पिताजी का पॉवर ,खैर छोड़ो भी मगर क्या इनकी हैवानियत का भोग बननेवाली मासूम बच्ची को न्याय मिलेगा ? ....या फिर से एक बार दोहराना पड़ेगा की कानून अँधा होता है ? क्या कानून की देवी अपनी आँखों की पट्टी दूर कर के न्याय देगी मासूम बच्ची को ? "
" क्या कहता है आपका दिल क्या न्याय मिलेगा ? या फिर से ये पॉवर वाले अपना करिश्मा दिखायेंगे ? क्यों इन अपराधियों को क्लीन शेव , इम्पोर्टेड जींस के साथ पेश कर रहे है कानून के रखवाले ? क्यो ज्यादा रिमांड मंजूर नही करते है
Aise logon ko sare aam faansee par chadaa denaa chaahiye..........Sharm ki baat hai
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