" तेरी मुस्कान .....,
छीन ली नींद मेरी, तेरी इस मुस्कान ने ,
इरादों को तेरे, मै समज न सका ,
तुझको पाकर भी, पा न सका ,
आज भी मै ,तुझको भुल न सका ,
तेरी मुस्कान ने ...........
दिल मेरा जलाकर ,किसी की डोली में बैठ गई ,
दफ़न करके मेरे प्यार को ,
मुस्कान का तेरी , कफ़न पहेनाया .........,
तेरी मुस्कान ने ......
जहाँ दफ़न किया प्यार को तुने ,
उस मजार पर आज भी ढूंढ़ता हु ,
तेरी प्यार भरी मुस्कान को ,
तु बेवफा थी , तेरी मुस्कान तो नही ,
तेरी मुस्कान ने .......,
शादी का जोड़ा किसी के नाम पहेनकर,
हमारे प्यार को क्यों "कफ़न" पहेना दिया,
तेरी मुस्कान को पाने हम आज भी ,
हमारे प्यार की मजार पर , पटक रहे है सर अपना "
---- eksacchai " टूटा ताजमहेल "
सुन्दर रचना है .... नवदुर्गा पूजन और दशहरे की शुभकाननाएं
ReplyDeleteरचना अच्छी है भावनाओं से ओतप्रोत मगर अब उसकी मुस्कान ढूँढने से क्या होगाीआप अपनी मुस्कान बनाये रखिये शुभकामनायें
ReplyDeletenice
ReplyDeleteभावः विह्वल करती रचना !
ReplyDeleteमेरी मजार पर साजे इक तार लेकर
उम्मीद अभी भी इक गीत गा रही है
bahut achi soch he aapne apni rachan main pyar main dhokha khaye huye insaan ke dil ki baat kah di
ReplyDeleteapni muskaan ko bhoolker
very nice
but aapki likhabut main ek kami he marta ka dhyan rakhiye
if u dont mind
ReplyDeleteदादा
नमस्कार
आज आप के ब्लाग पर पहली बार आना हुआ.
आते ही मुझे " तेरी मुस्कान " पढ़ने मिली. उम्मीद है . आगे खुशियों के ठहाके भी पढ़ने मिलेंगे.
आपकी प्रोफाइल में आपके सच्चाई के भाव जान कर खुशी हुई.
शृंगार और विरह की रचना तेरी मुस्कान अच्छा प्रयास है..
आपकी एक पंक्ति """ तू बेवफा थी , तेरी मुस्कान तो नहीं """ बहुत अच्छी बन पड़ी है.
- विजय तिवारी " किसलय "
Behad sundar! sdaqe jaaun!
ReplyDeletehttp://shamasansmaran.blogsot.com
बहुत अच्छी रचना!
ReplyDeleteवाह क्या बात है, आपने अपनी भावनाओं को अपने रचना के माध्यम से लाजवाब तरीके से प्रस्तुत किया है। बहुत-बहुत बधाई इस उम्दा रचना के लिए।
ReplyDelete" aapka swagat hai " teri muskaan " post per ...hum aapke aabhari hai ki aapko hamari ye rachana behad pasand aayi ."
ReplyDelete----- eksacchai { AAWAZ }
http://eksacchai.blogspot.com
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जहाँ दफ़न किया प्यार को तुने ,
ReplyDeleteउस मजार पर आज भी ढूंढ़ता हु ,
तेरी प्यार भरी मुस्कान को ,
वाह जी वाह बेहतरीन बहुत अच्छी लगी आपकी रचना
तु बेवफा थी , तेरी मुस्कान तो नही ,
ReplyDeleteतेरी मुस्कान ने .......,
शादी का जोड़ा किसी के नाम पहेनकर,
हमारे प्यार को क्यों "कफ़न" पहेना दिया,
तेरी मुस्कान को पाने हम आज भी ,
हमारे प्यार की मजार पर , पटक रहे है सर अपना.......
is poore stanza ne man moh liya........aapne bhaavnaon ko bahut hi achche aur sateek dhung se vyakt kiya hai....... ati sunder kavita......
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deri se aane ke liye maafi chahta hoon...... aaj din bhar net server down raha.... isisliye.....
बहुत ही ख़ूबसूरत और भावपूर्ण रचना लिखा है आपने ! दशहरे की हार्दिक शुभकामनायें!
ReplyDeleteदफ़न कर प्यार को किसी और की डोली में बैठकर जाने वाली की मुस्कान को भूल जाएँ ...दूसरो की जिंदगी में किस तरह मुस्कराहट लायें ...अपने जीवन को सुखी बनायें ...प्रण ले इस दशहरे पर बहुत शुभकामनायें ..!!
ReplyDelete" aap sabhi ka aabhar "
ReplyDelete----- eksacchai { AAWAZ }