" आतंकी की गोली पर किसका नाम लिखा होता है ये कोई नही जानता | जिन्हें न कोई जात है ,न कोई धर्म है जो जानते है तो बस हिंसा फैलाना, उनकी गोली कभी पूछकर नही छुटती की आप हिंदू हो, या मुसलमान .....उनकी गोली जानती है बस हिंसा फैलाना |"
" हम क्या कर सकते है ? ये भी तो एक सवाल है .....हमारे काम से ही हमे फुर्सत नही मिलती मगर ...अगर हम सब ब्लॉगर भाई -बहेन मिलकर आतंकवाद के खिलाफ अगर जन जाग्रति अभियान चलाये तो ...तो सायद सब मिलकर कुछ न कुछ परिणाम जरूर ले आयेंगे | हमारे नेता सिर्फ़ मीटिंग कर सकते है ...अफज़ल जैसे आतंकी को हमारे मेहमान बना सकते है ..उन आतंकी के पिच्छे करोडो रुपये बरबाद कर सकते है जिन आतंकियोने हमारे बेटे ,......हमारी माँ,....हमारे भाई के सरीर से लाशो का ढेर बनाया |आतंकी की सेहत के लिए करोडो बरबाद करने वाले हमारे नेता के पास भारत की जनता का हाल पूछने के लिये वक्त नही ,.....भारत की जनता को महेंगाई से बचा नही सकते मगर इन कसाब जैसे आतंकवादी को जेल में भी बादशाह जैसा रखा जाता है |"
" ये बादशाही ठाठ न होता इन आतंकियों का अगर उन लाशो के ढेर में नेता लोगो के बेटे या बेटी होते ...मगर लाशो के ढेर थे तो हम लोगो के परिवार के .....जागो मेरे भाइयो ...आओ हाथ से हाथ मिलाकर करे आतंकवाद का सामना .....हम सब ब्लॉगर मिलकर कुछ तो कर सकते है ....|"
" ये मै इसलिए कहेता हु क्यों की जाकर कभी पुचना वो माँ से जिसने अपना बेटा खोया है | जागो .....कही टी.वि पर दिखने वाले लाशो के ढेर में कोई अपना न हो | सोचो की हमे क्या करना चाहिए आतंकवाद के खिलाफ |"
" दोस्तों ये मेरी राय थी की हम आतंकवाद के खिलाफ कुछ करे ...मैंने तो लोगो को जगाने का काम चालू कर दिया है .......आप सब से प्राथना है की अगर आप के पास कोई सुजाव हो तो बताना , लोग चाहे मुझे कुछ भी कहे मुझे फर्क नही पड़ता मै तो ब्लॉग के जरिये सच्चाई आप तक पहुँचा रहा हु बस आपका साथ चाहिए ...इस आतंकवाद के खिलाफ जन जाग्रति अभियान में |उम्मीद है की आप सब अपने अपने ब्लॉग में ये जाग्रति अभियान चालू करेंगे |"
बहुत खूब प्रशंसनीय प्रयास। जारी रखें
ReplyDeletebahut hi badhiyaa likhaa hai bhaayi.....isiliye hamne bhi yahaan kalam chalaayi......!!
ReplyDeleteak terfahai bat.
ReplyDeleteबहुत बढ़िया लिखा है आपने और बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया है जो प्रशंग्सनीय है! आपका हर एक पोस्ट मुझे बेहद पसंद है!
ReplyDeleteबहुत बडिया हम भी आपके साथ हैं धन्यवाद्
ReplyDeleteआवाज़ बुलंद होती रहे ,ये दुआ है !
ReplyDeleteशमाजी की पोस्ट के link दे रही हूँ :
http://lalitlekh.blogspot.com
http://shama-kahanee.blogspot.com
http://shamasansmaran.blogspot.com
150 साल पुराने कानून ,जिनके कारन सुरक्षा यंत्रणा के हाथ किस तरह बंधे हुए हैं ,इसका विमोचन बेहद अच्छे तरीके से किया गया है ...लोकतंत्र में हम क्या कर सकते हैं ,इसके भी सुझाव हैं ..!
एक गीत याद आ रहा है:( फ़िल्म: जागृती..."ऐसी फिल्मे अब बनती ही नही...अफ़सोस!)
"सदियों के बाद फिर उडे बादल गुलाल के,
इस देशको रखना मेरे बच्चों समभाल के,
भटका न दे कोई तुम्हें धोकेमे डालके"
' बारूद के एक ढेर पे बैठी है ये दुनिया,
ऎटम बमों के ज़ोरपे ऐंठी है ये दुनिया'
उठाना हर क़दम ज़रा देख भालके..."
SAB MIL KAR PRAYAAS KARENGE TO SAFALTA MILNI HI HAI .... AAPKA ACHHA PRAYAAS HAI .......
ReplyDeletebahut hi behtrin article......
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