"आजकल फ़ेशेन बन गया है " ब्रेड " इस्तेमाल किए जाते हर चीजको खाना गेहूं की रोटी गले नही उतरती है अपने बच्चो को , सायद हम कुछ भूल रहे है ......आजकल इंग्लैंड में भी भारतीय खाने की जोरदार मांग है और हम भारतीय अंग्रेज वाला ब्रेड को सिने से लगाकर बैठें है ..माफ़ करना अंग्रेज का ब्रेड इस लिए कहा की दरअसल हमारा खाना है ...गेहूं की रोटी ,ज्वर की रोटी , मगर हम अपने बच्चो को वही सिखा रहे है जो उनके स्वास्थ के लिए हानिकारक है ..."
" ब्रेड स्वास्थ के लिए कितना हानिकारक है ये आप अपने फॅमिली डॉक्टर से भी पुछ सकते है ...डॉक्टर भी यही कहेंगे की "ब्रेड" स्वास्थ के लिए हानिकारक है आप चाहे कौन से भी सहर में रहते हो जरा देखना की आजकल "ब्रेड" हमारा सबसे चाहिता खुराक बन गया है फ़िर चाहे नास्ता हो ब्रेड कभी भी गेहूं की बराबरी कर नही सकता आप चाहे विज्ञानं की द्रष्टि से देखे या फ़िर आयुर्वेद की "
"अपने बच्चो को अच्छा खाना जो प्रोटीन युक्त हो वो खाने की आदत दलवाओ, नही की ब्रेड की .....ब्रेड की बनावट क्रिया को आप सब जानते ही होगे फिरभी ये गलती हम न करे तो हमारे बच्चो के स्वास्थ के लिए अच्छा रहेगा ...... ब्रेड इस्तेमाल किए जाने वाले कोई भी फ़ूड को आप ले ....देखना उस खाने में गरम मसाला कितना है ..बहुत सारा होगा ...अंग्रेज हो या अमेरिका आज सब जंक फ़ूड से परेशां है बड़े बड़े वैज्ञानिको ने भी कहा है की ब्रेड स्वास्थ के लिए अच्छा नही है फ़िर हम क्यों अपने बच्चो को ऐसा खाना या नास्ता दे जो उसके स्वास्थ के लिए सही न हो ? "
" अपने देश का देशी खाना धीरे धीरे लुप्त हो रहा है ....कहाँ है दूध , मख्हन ....अपने बच्चे मख्हन लगाते है मगर ब्रेड पर फ़िर चाहे वो "पावभाजी "हो या फ़िर "मस्कबन "...अरे आज कल तो" पिज्जा "आगया है ..ढेर सरे ब्रेड के साथ खाओ" पिज्जा " अपने बच्चो का स्वास्थ मत बिगाडो उसे रोको ऐसे खाने से जो उसके स्वास्थ के लिए हानिकारक है "
" इसे रोको " --- -- " ये खिलाओ "
" ब्रेड" --------- " दाल "
---------------- "चावल"
------ -------" हरिसब्जियाँ "
------ ----------" दूध "
------ -----------" घी "
-------------- " मख्हन "
" भारतीय खाना ही हमारे बच्चो की सेहत बना सकता है ये ब्रेड बच्चो की सेहत बिगाड ही सकता है "
" हमारे बच्चो के लिए हमे भी ये ब्रेड से दूर ही रहना होगा ताकि हम अपने बच्चो को ब्रेड से दूर रख सके "
" हमारे बच्चो का स्वास्थ ही हमारी खुसी है "
----- धन्यवाद्
रोज एक नई थ्योरी आ जाती है.
ReplyDeletenice
ReplyDeleteYE TO SAB KO PATA HAI ..... PAR AAJ KE BACHHE MAANE TO .... SUNDAR LEKH HAI .........
ReplyDeleteIs Upyogi Jaankaari ke Liye Aabhaar.
ReplyDelete( Treasurer-S. T. )
हमारे यहाँ मैदे का हमेशा से कम उपयोग रहा है इसका कारण यह था कि मैदे में जो सबसे पौष्टिक भाग छिलका होता है उसे निकाल दिया जाता है . इसलिए अब ब्राउन ब्रेड जो कि पूरे गेहूं से बनती है का प्रचलन बढ़ रहा है . बच्चे देखा देखि आदत सीखते हैं, माँ बाप को फुर्सत नहीं समझाने की
ReplyDeleteबहुत ही अच्छी और उपयोगी जानकारी दी है आपने! आजकल बच्चे बात कहाँ मानते हैं ! उन्हें खाने में जो अच्छा लगता है और जो पसंद करते हैं वही माँ पिताजी खरीदकर देते हैं और ये नहीं सोचते की सेहत के लिए ठीक नहीं ! बच्चों को अगर समझाया जाए तो वो समझ जाते हैं पर इतना फुर्सत कहाँ है आजकल बच्चों के माँ पिताजी को!
ReplyDeleteगर बचपनसे इस बात का ख़याल रखा जाय तो बच्चों को भी सही ग़लत खान पानकी आदत पड़ जाती है ..सही है ..कई बार माता -पिता अपना समय बचाने के लिए 'fast food' खिलवा देते हैं ...मैंने तो dietitians देखे हैं , जो सुबह के नाश्ते में एक slice ब्रेड कहने को कहते हैं !
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'एक सवाल तुम करो ' इस ब्लॉग पे टिप्पणी के तौरसे जो हौसला अफ़्ज़ायी कर रहें हैं ,इसके लिए तहे दिलसे शुक्रगुजार हूँ ..
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बहुत सही कहा आपने कि भारतिय बच्चो का सेहत तो भारतिय खानो मे छिपा है, । आपने इक ऐसे मुद्दे को सामने लाया जिसे हम अक्सर अनदेखाँ कर देते है। बहुत ढिया।
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