* सेना में भी रिश्वत और भ्रस्टाचार
* १४ करोड़ की रिश्वत की ऑफर सेना अध्यक्ष को
* ७००० गाड़िया खरीदने के लिए हुई थी ये ऑफर
* ऑफर ठुकराने से सेना अध्यक्ष को फसाया गया
" १४ करोड़ की रिश्वत की ऑफर भारतीय सेना अध्यक्ष को हुई थी , ये सच्चाइ जानकर चौंक गए ना ? मग़र आज "जनरल वी.के.सिंह" ने दैनिक अखबार " ध हिन्दू " को एक इंटरवीव देते हुवे ये कहा जब भारत की जनता उनके नेताओं के द्वारा किये जानेवाले भ्रस्टाचार को सहे रही थी तभी ये चिंता जनक समाचार आये है की जो उनकी रक्षा करती है वो सेना भी आज भ्रस्टाचार से बच नहीं पाई है ...जी हाँ भ्रस्टाचार सेना में भी पहुँच चूका है ...आइये जाने कैसे ...."
" सेना अध्यक्ष वी.के.सिंह को सारा देश जानता है जो कुछ दिन पूर्व ही अपने उम्र के विवाद में फसे हुवे थे मग़र ये विवाद का खुलाशा करते हुवे जनरल ने कहा की दरअसल मुझे ७००० बेकार और बकवास गाड़िया खरीदने के लिए कहा गया था और बदले में मुझे १४ करोड़ की रिश्वत की ऑफर हुई थी और ये ऑफर करने वाला और कोई नहीं मग़र सेना का ही एक आदमी था और उसने साफ़ तौर से मुझे कहा था की " आप से पहले भी पैसे लिए जाते थे और आपके बाद भी पैसे लिए जायेंगे "...मैंने उनका ऑफर ठुकरा दिया मग़र मुझे पता चला की यही कंपनी की ७००० बेकार और बकवास गाड़िया पहले से ही लश्कर में मौजूद थी और अब और ७००० गाड़िया खरीदने का मुझ पर दबाव हो रहा था मैंने इस बात की सारी जानकर देश के " रक्षा मंत्री" को भी दी थी "
" जनरल को १४ करोड़ की रिश्वत की ऑफर करनेवाला इन्सान हाल ही में लश्कर से रिटायर हुवा है और सबसे बड़ी बात तो ये है इन दलालों की हिम्मत तो देखो की वो बिन्दस्त कहते है की अगर तुम पैसा नहीं लोगे तो कोई और लेगा और शायद उसकी बात सच भी है क्यु की इस से पूर्व भी वही कंपनी की रद्दी ७००० गाड़िया लशकर में मौजूद भी है और हैरत की बात ये है की ऐसे रिश्वत खोर और दलाल आज भी सेना में मौजूद है जो आज गाडियों का सौदा कर रहे है कल वही लोग पैसो की लालच में देश की ख़ुफ़िया जानकारी देश के दुश्मन को नहीं देंगे इस बात की क्या गरंटी है ? "
" जनरल ने ये भी कहा की जैसे ही मैंने इस ऑफर को ठुकराया मुझे जन्म तारीख के विवाद में घसीटा गया था मग़र जन्म तारीख का नियम बिलकुल स्पष्ट है अगर आप सरकारी नौकरी करना चाहते है और करतो हो तो सरकार आपकी १० वि का प्रमाण पत्र को ही मान्य रखती है और प्रमाण पत्र के मुताबिक मेरी जन्म तारीख १९५१ ही है ..मग़र मै जानता हु की ये विवाद भी उसी लोबी ने उठाया है जिसकी ऑफर को मै ठुकरा चूका हु और ये विवाद उठाने के लिए भी काफी पैसे खर्च किये गए थे उस लोबी के द्वारा "
" जनरल की ये बातो से ये साफ़ होता है की देश की जो सुरक्षा कर रहे है वही सेना में भी अब भ्रष्टाचार आ चूका है जो की देश की सुरक्षा के लिए घातक साबित हो सकता है और अगर आपको ये खबर अंग्रेजी में पढ़नी हो तो आप ये लिंक को क्लिक तो करे : ध हिन्दू
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जनरल बहुत ईमानदार व्यक्ति हैं. वे जो भी कह रहे हैं, सत्य ही होगा.
ReplyDeletesir sinh sahab sahi hai aur sahi kahe rahe hai ....risvat ki offer hui hi hogi
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