" गधे जैसे गधे को भी पता होता है की उसको जी जान से ज्यादा चाहनेवाले कुंभार के साथ कभी धोखा नहीं करना चाहिए जब की वो अपने मालिक के घर के हालात से अच्छी तरह वाकिफ होता है ।" पप्पु बोल रहा था गधे की तरफ उंगली उठाकर पप्पु बोला " ये जानता है की ..अगर राजा के सैनिक या खुद राजा भी उसे राजमहेल में लेकर जाये और शाही घोड़ो के साथ उसे रखे तो भी एक बात तो तय है की राजा उसका इस्तेमाल सिर्फ और सिर्फ महेनत के काम में ही करेगा ...क्यों की मेरा गधा जानता है की वो गधा है घोडा नहीं ।"..गाँव के मुखिया जी पप्पु की बात सुन रहे थे और रामलाल पप्पु की मार की वजह से दर्द से तड़प रहा था ।"
" ये सब तो सही है मगर पप्पु तुने रामलाल को मारा क्यों ? और वैसे भी गधे को सचिन कहने से क्या फर्क पड़ता है ।"...मुखिया जी ने कहा तो पप्पु उस पर तुरंत ही बोला " फर्क पड़ता है मुखिया जी ..बहुत फर्क पड़ता है क्यों की ये गधा है सचिन नहीं और मेरे गधे को पता है की अपने मालिक के प्रति वफादार रहेना चाहिए ...देश के गरीबो को चुस्नेवालो का साथ सिर्फ सचिन ही दे सकता है मुखिया जी ..और सचिन ही उन गरीबो के साथ धोखा कर सकता है जो उसकी सफलता के लिए मन्नत रखा करते थे ....मगर आज सचिन ने देश के गरीबो के सामने घोटाले और भ्रष्टाचार की लम्बी लिस्ट रखनेवालो के साथ हाथ मिलकर उसने ये साबित कर दिया की उसकी नजर से देश के गरीबो की कोई अहेमियत नहीं है और वो भी उन में से एक है जो अपने फायदे के लिए कुछ भी कर सकते है जिनका ईमान नहीं होता है ...सायद वैसे लोग ही सचिन कहेलाते है मगर मेरे गधे का ईमान मजबूत है ..और सचिन ने ये भी तो साबित कर दिया की अपने फायदे के लिए वो देशवासियों से भी धोखा कर सकता है ...मगर एक गधा कभी भी अपने फायदे की बात नहीं सोचता है ...और सचिन तो गधे से भी गयागुजरा निकला ..।"
" अब आप ही बताये की अगर मेरे गधे का कोई अपमान करे तो क्या मै सहेन करू ? कैसे करू भाई ..क्यों की गधा हमेशा गरीबो का ही साथ देता है ..गरीबो के खून चुस्नेवालो का नहीं ..सचिन ने साथ दिया तो भी किसका उन लोगो का जिसने गरीबो का ये हाल बनाया "...कहेकर पप्पु अपनी फटी चड्डी दिखाने लगा " लो जी ये हाल बनाया है उन लोगो ने गरीबो का ...कर लो गरीबी के दर्शन तुम भी भाई ।"...फिर पप्पु रामलाल की और बाधा और रामलाल को बोला " आइन्दा मेरे गधे को कभी भी सचिन मत कहेना ..क्यों की गधे कभी भी इतनी बड़ी गद्दारी नहीं किया करते है ....और मैंने क्या कहा ..............।" पप्पु के द्वारा इतना कहते ही सारा गाँव बोला ." ये गधा है मगर सचिन नहीं ..................। "
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जल्द आ रही है एक सन्नाटेदार ...हसी के गुलाब जामुन की तरह आप सबको हँसाने के लिए .......एक मस्त पोस्ट
" कैदी नंबर १०० हाजिर हो -( व्यंग ) " ...तब तक पढ़िए ये एक मस्त पोस्ट सायद आपने इसे पढ़ी नहीं है
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हा हा हा ... गधा तो है बस नया धोबी खोज लिया है
ReplyDeletebahut sahi likha hai sachin ne desh hit me kya kiya kewal dhan ke liye kriket khela.
ReplyDeleteउत्तम ब्लाग हे पहली वार आपके ब्लग पर आना हुआ हे मेने आपके ब्लाग को मेरे ब्लाग पर जगह दी है क्रपया मेरे ब्लाग पर जरूर पधाने आपका स्वागत है
ReplyDeleteyunik.blogspot.com