" मै गरीबी हु ...मुझे कोई हरा नहीं सकता, मै हर रोज आम आदमी की जिन्दगी के केनवास पर अपनी भयानकता का चित्र बनाती हु ...हा हा हा ..मै गरीबी हु ।" गरीबी जोर जोर से हस रही थी और पप्पु चुपचाप बैठा उसकी बातो को सुन रहा था," देख मेरा साम्राज्य बढ़ रहा है मगर तू तो क्या अब कोई मुझे रोक नहीं सकता है पता है क्यों ? क्यों की तुम लोग "मेरी बहेन महेंगाई" की जाल में फंस चुके हो जिसका चक्र्व्युव बहुत ही भयानक है ..हा हा हा ,मेरी बहेन " महेंगाई " को हटाना इतना आसन नहीं है दोस्त क्यों की उसके जन्म दाता तुम्हारे ही चुने हुवे नेता जो है ..जो खुद आज हवस में लीन है ।"
" जब पूरा विश्व मुझे हटाने के प्रयाश कर रहा है तब तुम्हारे ही नेता मुझे तेजी से फैलने का आमंत्रण दे रहे है जिसका अंदाजा तू भी तो लगा सकता है पागल ...जब उसने तुझे २८ रुपयों में अमीर बना दिया था ..अपनी आँखे खोल पागल मै कम नहीं हो रही हु मगर बढ़ ही रही हु ...तुम्हे झूठी तसल्ली देकर मेरे नाम पर खरबों रुपयों की सब्सिडी और मदद मंजूर करती है ये सरकार मगर वो मदद आप तक नहीं पहुंचती है तो मै हटू कैसे ? ..ये ..ये चित्र में जो लम्बी कतार दिख रही है न वो कतार है भूख से तड़पनेवालो की ..देख उनके चहेरो को ठीक से देख ..हर चहेरे में मेरा ही दर्द और मेरी ही सूरत नजर आएगी ..हा हा हा ...एक एक नीवाले के लिए फैले हाथ देख ....मै किसीको नहीं बक्षती हु ..चाहे वो बच्चा हो या बुढा ..तुम्हे तो मै बर्बाद करके ही रहूंगी ..क्यों की मेरे आका यही जो चाहते है ....हा हा हा ये कतार यूँही बढती रहेगी और तू भी एक एक निवाले के लिए तडपेगा एक दिन ..क्यों की मेरी ताकत का अंदाज़ा तुझे जो नहीं है ।"
" जरा आँखे खोलकर देख तेरे भारत में ४६,००,००,००० लोग पेट भरकर खाना भी नहीं खा सकते है और २४,००,००,००० लोग भूखे रहते है ..और ये सच ही है "यूनिसेफ " का दावा गलत नहीं है ,की मेरा साम्राज्य भारत में बढ़ रहा है मगर सच ये भी है की तू लोग यूनिसेफ की घोषणा को नजर अंदाज़ कर रहे हो ...अरे ५००० से भी ज्यादा बच्चे अच्छा भोजन न मिलने से रोज मरते है और सुनना चाहोगे की भूख से मरनेवालो का अंक कितना था ?....२१ करोड़ ..जी हाँ २१ करोड़ लोग भूख से तड़प तड़प कर मरे थे ...और यही बात मेरे आका और तेंदुलकर समिति तुमसे छुपा रही है गरीबी का वास्तविक अंक ३७% नहीं मगर ७७% है मेरे दोस्त ..जरा यूनिसेफ की बात को पढ़ना तो सही और फिर कहेना की मेरा साम्राज्य कितना बढ़ा है ।"
" आफ्रिका के २६ देश से भी अधिक गरीब भारत के सिर्फ ८ राज्यों में रहते है ..हा हा हा मेरा तांडव देख जहाँ आफ्रिका के २६ देशो में ४१ करोड़ गरीब रहते है वही पर भारत के ८ राज्य में ४२ करोड़ १० लाख गरीब रहते है ...देख आफ्रिका के २६ देश पर मेरी वजह से भारत के ८ राज्य भारी पड़ रहे है ..हा हा हा मैंने कहा था ना की मेरा साम्राज्य बढ़ रहा है ..एक दिन ..एक दिन तेरे इस झोपड़े को भी ले उडूँगी मै फिर रहेना खुले आसमान के निचे ।"
" पता है मेरा भाई कौन है ? ...नहीं ना ? ना तुम मुझे हटा सकते और ना ही मेरे जन्म दाता नेता को हटा सकोगे क्यों की मेरा भाई भ्रष्टाचार हर वक़्त जो उन्हें बचा लेता है ...गरीबी हटाने के झूठे आश्वाशन ही देते है ये नेता कभी उनके द्वारा किये गए वादों पर उन्होंने अमल नहीं किया ...क्यों की तुम्हारे आंसू जो गरीबी की दलदल में पीसकर निकलते है वही तो उनकी तिजोरी जो भरते है ...अगर मै हट जाऊ तो उनकी तिजोरी भरेगी कैसे ?और कौन देगा उन्हें १०० और ५०० रुपये के बदले वोट ? ...हा हा हा ..मै जो दबे पाँव आती हु ।"
" ना बन्दुक से मरती हु मै , ना तोप के गोलों से क्यों की मुझे मारने में तुम्हारे ही नेता राजी नहीं है मेरे सहारे ही तो वो आपको लुट पाते है ...सोचो तुम्हारे देश में सब कुछ है, एक खेती प्रधान देश आज भूख से तड़प क्यों रहा है ? तुम्हे विदेशी सहायता की जरूरत ही नहीं है ..मगर फिर भी तुम लाचार और बेबश हो ..और ये सब मेरी वजह से ही और मै सुक्रिया अदा करती हु इस देश के नेताओ का जिसने मुझे इतनी बड़ी बनायीं ...हा हा हा ...मै जो दबे पाँव आती हु ।"
" जब तक मेरा भाई " भ्रस्टाचार " है तब तक तुम ना ही नेता का बाल बांका कर सकते हो और ना ही मेरी बहेन " महेंगाई " को काबू में रख सकते हो ...अगर मुझे तू भागना ही चाहता है तो मेरे दोस्त पहले मेरे भाई " भ्रस्टाचार,नेता और मेरी बहेन महेंगाई " पर विजय प्राप्त कर ...मै खुद ब खुद हट जाऊंगी ..ये भयानक गरीबी का वादा रहा मेरे नन्हे सुमन ।".....कहेकर गरीबी ने पप्पु के सर पर हाथ रखा ...पप्पु ने अपने आंसू पोंछे और कहा ................"
" सुक्रिया गरीबी ...मुझे एक सही रास्ता दिखलाने के लिए ..मै वादा करता हु की मै तुम्हारे भाई " भ्रस्टाचार " को जरूर मिटाऊंगा ....मै लडूंगा उन भूखे बच्चो के लिए ...उन भूखे लोगो के लिए जो एक एक दाने के लिए मोहताज है ...क्यों की मै जानता हु गरीबी क्या होती है ...भूख क्या होती है ।" इतना कहेकर पप्पु पलटकर बोला " ये आलेख पढनेवाले मेरे मित्रो ..ये आलेख पढ़कर भूल मत जाना की ये सभी की जड़ है देश में फैला भ्रस्टाचार ...मै तो लडूंगा ही भ्रस्टाचार के खिलाफ मगर क्या आप भी है मेरे साथ ? आओ हाथ से हाथ मिलाये ...कंधे से कन्धा मिलाये और मुकाबला करे भ्रस्टाचार का ...मेरे लिए नहीं मगर उन लोगो के लिए जिनके नसीब में एक वक़्त की रोटी भी नहीं है ....उन लोगो के लिए जिनको सरकार २८ रुपये में अमीर बना रही है.....आओ दोस्तों मिलकर बनाये साफ़ सुथरा देश और साफ़ सुथरी सिस्टम ।"
चित्रों के लिए " गूगल बाबा का शुक्रिया " और खास तौर पर शुक्रिया " सुरेन्द्र जी" का
आपने इसे पढ़ा क्या ?
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