" इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन बचाएगी सोनिया और कांग्रेस को ..हम लोग चिल्लाते रहे जायेंगे और चोर अपना काम करके हमें लुटते रहेंगे विश्व मव कही पर भी मतदान मशीन से नहीं किया जा रहा है मग़र सिर्फ और सिर्फ भारत में ही ये प्रणाली आई है और आप ने देखा और पढ़ा भी होगा की महारास्ट्र में किस तरह से गड़बड़ी सामने आई है आप चाहे कौनसी भी पार्टी को वोट दो मग़र ७ में से ५ वोट कांग्रेस को ही जायेंगे |"
" ऐसे में भला आप ..मै और फेसबुक पर चिल्लाने वाले या फिर देश के वो गरीब जो महेंगाई की चक्की में पिस रहे है उनका भला क्या होगा ? उनकी आवाज़ शायद आवाज़ बनकर ही रहे जाएगी ..मैंने पिछले मेरे एक आलेख में भी कहा था की चुनाव पंच भी दे रहा है कांग्रेस को साथ ..शायद वो सच था और सच है | "
" चुनाव प्रणाली में इस्तेमाल किये जानेवाले मशीन में ही अगर गड़बड़ी की जाती है तो जाहिर है की कांग्रेस ही आएगी सत्ता पर ...जिसका तजा नमूना महारास्ट्र का नांदेड है ...तो ये बात साफ़ है की ये इलेक्ट्रोनिक मशीन ही अब कांग्रेस को जिताएंगे | "
इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ई. वी. एम्.) द्वारा किया गया मतदान, वर्तमान स्थिति में एक दम सुरक्षित मतदान नहीं है !
ReplyDeleteइलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन (ई. वी. एम्.) द्वारा किया गया मतदान, एक दम सुरक्षित मतदान नहीं है ! इस बारे में विभिन्न राजनैतिक दलों और सामाजिक कार्यकर्ताओ द्वारा शंका भी जाहिर करना वाज़िब है ! कुछ समय पहले भारतीय मूल के एक अमेरिकी नागरिक ने इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में होने वाली गड़बड़ियों के विषय में कुछ खुलासा किया था और जब वह भारतीय नागरिक उस मशीन को भारतीय मीडिया के सामने इन गड़बड़ियों को एक्सपोज करना चाहता था, तो भारत सरकार ने उस मशीन को जब्त करके उस नागरिक को बैरंग अमेरिका वापस भेज दिया था ...| जैसा कि सभी जानते हैं, कि इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन में भी मोबाइल टेलेफोन की तरह ही बहुत छोटे छोटे बिजली के सर्किट्स होते हैं, जो कि एक खास तरह से हर एक प्रत्याशी के वोटों को, इकठ्ठा करते होते हैं ! ऐसी मशीनों को बनाने वाली कंपनिया, अपने इन यंत्रों की आतंरिक संरचना के बारे में कभी भी पूरी खबर नहीं देती हैं अतः इस एकतरफा गोपनीयता के मद्दे नज़र, इनका इस्तेमाल पूर्णतया सुरक्षित नहीं कहा जा सकता है ! मिसाल के तौर पर, इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के अन्दर ही अगर एक मोबाइल टेलीफोन का एक छोटा सा सर्किट बना दें तो कोई भी व्यक्ति जिसके पास इस सर्किट का कोड हो, तो वह रिमोट कंट्रोल के द्वारा दूर से ही इसके अन्दर के तथ्यों को कभी भी बदल सकता है, और अपने मन चाहे प्रत्याशी को विजयी बना सकता है ! इसी प्रकार से ऐसी ही अनेकों संभावनाएं है, जिनको यूँ ही ख़ारिज नहीं किया जा सकता है ! हाँ, इसके साथ साथ यदि हर मतदाता की पुष्टि के लिए, उसके द्वारा डाले गए उसके मत की एक हार्ड कॉपी (मतपत्र) भी उसको उस मशीन द्वारा उपलब्ध करा दी जाये, और वह सत्यापित मतपत्र भी इसके साथ ही एक मतपेटी में रखा जाये, तो अवश्य ही उस हालत में यह स्वीकार्य हो सकता है ! इस सन्दर्भ में यह बात भी जग ज़ाहिर है कि कांग्रेस पार्टी ने हमेशा ही अपने मन चाहे चुनाव आयुक्तों को ही भारत का मुख्य चुनाव आयुक्त बनाया ( कुछ अपवादों को छोड़ कर ) है . जो कांग्रेस पार्टी के राजनैतिक हितों को बेशर्मी के साथ पूरा करते रहे हैं, और इस बात के भी सबूत रहे है कि इस प्रकार के चाटुकार चुनाव आयुक्तों को रिटायर होने के बाद कांग्रेस ने मंत्री पद सहित विभिन्न संवैधानिक और फायदे वाले पदों पर भी नियुक्त किया है..| इस सन्दर्भ में मेरा सुझाव है कि देश के सभी राजनैतिक दलों को इस मुद्दे पर आवाज़ उठानी चाहिए तथा चुनाव आयोग पर इस बात का दबाव डालना चाहिए कि वह इलेक्ट्रानिक वोटिंग मशीन के साथ मत पत्र द्वारा मतदान की व्यवस्था करे, ताकि किसी भी श़क शुदा इलेक्ट्रोनिक वोटिंग मशीन के सन्दर्भ में यदि कोई शिकायत प्राप्त हो, तो मतपत्रों की गणना द्वारा न सिर्फ चुनावी धांधली से ही बचा जा सके, बल्कि मतदाताओं के हितों की रक्षा भी की जा सके..| इस विषय में हमें याद रखना चाहिए कि देश के गृह मंत्री श्री पी. चिदंबरम लोक सभा का चुनाव हार गए थे किन्तु हेरा फेरी से दुबारा की गई मतगणना के बाद उनको विजयी घोषित कर दिया गया था जिसके सन्दर्भ में मामला आज भी अदालत में विचाराधीन है...|
आदरणीय भाईसाहब
ReplyDeleteकांग्रेस अब पूरी तरह से तानाशाही पर उतर आई है| मैं तो कहता हूँ कि कांग्रेस को अब खुद को गद्दाफी की नाजायज़ औलाद घोषित कर देना चाहिए|
सच ही है, आप और हम फेसबुक पर कितना ही चिल्ला लें, भले ही देश का अंतिम व्यक्ति भी कांग्रेस के खिलाफ ह जाए, किन्तु उससे क्या फर्क पड़ेगा, जब सत्ता की लड़ाई सत्य से नहीं छल से जीती जा रही है?