Sunday, December 11, 2011
अश्लीलता आ गई है लगे रहो : सत्यनाश हो इसका
"अश्लीलता आ रही है जनाब पहले इस देश में घूंघट था, मग़र अब कपडे उतरने की स्पर्धा मानो लगी है ..जिसे फेशन का नाम दिया जा रहा है ,मंदिरा बेदी ,फिल्म स्टार योगिता ,फिल्म स्टार पूनम पांडे ,विना मलीक ... और अब आई है एक पोर्न स्टार ..इन सब को बढ़ावा देने के लिए तैयार है हमारा "कलर चेनल " और वो भी एक कमाल के नाम के साथ "बिग बॉस "|"
" सलमान खान जितने मशहूर अपनी फिल्म में शर्ट उतारने के लिए है उतने ही मशहूर वो अपने अभिनय में भी है मग़र आज वो ऐसे शो का प्रतिनिधित्व कर रहे है जिसमे एक पोर्न स्टार काम कर रही है क्या ऐसे शो से भारत की अच्छी संस्कृति सुधरेगी या फिर .....सरकार फिल्म में सेंसर रखती है ..इश्तेहार में सेंसर रखती है मग़र ऐसे वाहियात शो में सेंसर कहा घास खाने गया था ? "
* तैयार हो जाओ पोर्न स्टार आ रही है |"
" ये सब किस लिए अपनी "टी आर पी" बढाने के लिए और देश की संस्कृति को मिटटी में मिलाने के लिए ही ना जहाँ नारी का सन्मान होता हो ..जहाँ नारी का असली गहेना उसकी इज्जत होती हो आज वही देश में कपडे उतारने की स्पर्धा लगी है फेशन के नाम पर क्या इस तरह से नारी आधुनिक हो सकती है ? क्या आधुनिकता इसीको कहते है ? की कभी भी कपडे उतारो और अपनी नंगी तस्वीरे लोगो को दिखाओ ? जो लोग ऐसी वाहियात बात को आधुनिकता कहते है उनसे मै यही कहेना चाहूँगा की आप भी ऐसी आधुनिकता पर अमल करो और आधुनिक बन जाओ |"
* आनेवाला कल कैसा होगा ?
" अगर ऐसा ही आधुनिकता के नाम तले चलता रहा तो वो दिन दूर नहीं की कल को हमारी बेटियाँ भी हमारे पास आये और बोले की " पापा ये मेरी न्यूड तस्वीर तो देखो मै कितनी सेक्सी लग रही हु ? ".. शायद ऐसा ही होगा हमारा आनेवाला कल ,क्यु की हम जरूरत से ज्यादा आधुनिक बनते जा रहे है अपनी संस्कृति को नष्ट करते करते ...ऐसी अश्लीलता भरी वाहियात बात का विरोध नहीं कर रहे है हम तो नतीजा यक़ीनन यही आएगा |"
* विदेश जैसा हाल होगा भारत में भी |
" आधुनिक फेशन के नाम पर जो खिलवाड़ हमारे साथ खेला जा रहा है उसका नतीजा विदेश जैसा भी हो सकता है जैसे विदेशो में शादी भी नहीं होती है और एक बच्चे की माँ बन जाती है लडकिया ..." मुबारक हो आप नाना बन गए |"..."मग़र बेटी तुम्हारी तो शादी भी नहीं हुई है " ..ओह कम ओन पापा ..तो क्या हुवा ? आप इतने ओल्ड फेशन भी मत बनो पापा |" ...शायद यही संवाद हमें भी सुनने मिलेंगे ..जैसे विदेश में मिलते है ..करो और स्वागत करो ऐसी अश्लीलता का ..कल यही अश्लीलता आपके घर पर भी हमला कर सकती है उस वक्त भी कहेना फेशन है |"
" मै मॉडर्न बनने के खिलाफ नहीं हु मगर मॉडर्न में जब अश्लीलता आ जाती है तो दर्द होता है ..क्या भारत की नारी इतनी कमजोर बन गई है की अब उनको अपनी इज्जत दाव पर लगाकर आधुनिक कहेलाना पड़ रहा है ? वाहियात फेशन के जरिये आप आधुनिक बन सकते है मग़र अपना जमीर ...अपनी इज्जत बेचकर ..फेशन के नाम पर कम वस्त्र पहेनना गलत नहीं है मग़र उन कम वस्त्र में अश्लीलता आ जाये तो ये गलत जरूर है |"
* फर्क देखिये :
" कम पढ़ी लिखी औरत अपनी इज्जत को अपना गहेना समजती थी और आज की पढ़ी लिखी औरते अपनी इज्जत को सरे आम लीलाम कर रही है |".... क्या इसे कहा जाता है आधुनिक ? ...बिकाऊ "नारी संघठन " अँधा भी है क्यु की इस बात का विरोध करने पर उनको पैसा नहीं मिलता है ...मग़र अपने अपने दिल से पुछो दोस्तों क्या जो आज की परिश्थिति में हो रहा है वो सही है या गलत ?
" आज "टीवी" देखो "तस्वीरे" देखो ..कल को यही अश्लीलता आपके घर में आती हुई भी देखो |"
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ढन्यवाद्
ReplyDeleteअरे भाई बातेन् छोदकर् आगे बढ़ो
कोई आन्दोलन् करो अन्न से भॆ आगे बढ़कर्
विश्वमोहन् तिवारी
इज़्ज़त गहना है भई, कर्ज़ को ही ज़िन्दगी समझने वाली सन्स्क्रति में कीमती गहने की नीलामी क्या नयी बात है, आवश्यक है नहीं तो कर्ज़ कैसे चुकेगा.....गहने होते ही हैं कठिन समय में काम चलाने(निकालने) के लिये...
ReplyDeleteविश्वास मोहन जी हम तो बगावत पर उतर आये है और इसके खिलाफ सिकायत भी दर्ज कर दी है ..मगर अफ़सोस की आप जैसे लोग सिर्फ बाते करके नीकल जाते है साथ नहीं देते हम सिकायत भी करते है और फिर यहाँ पर लिखते भी है जनाब
ReplyDeleteश्याम गुप्ता साहब ..माना की गहने बुरे वक़्त में कर्ज चुकाने के लिए काम आते है ..मगर अपनी संस्कृति को रोंदकर ? ...अपनी इज्जत को लुटाकर काम आनेवाले रुपयों पर कर्ज चुकाना क्या ठीक है ?
ReplyDeleteअधुनिक्त और नंगेपन में फर्क होता है| पता नहीं क्यों आजकल नंगा होना ही आधुनिक समझा जाता है? आधुनिकता के नाम पर नंगापन बर्दाश्त करने लायक नहीं है|
ReplyDeleteकल यही अश्लीलता आपके घर पर भी हमला कर सकती है उस वक्त भी कहेना फेशन है |"
ReplyDeleteसच है भाई इसका हर स्तर पर विरोध तो होना ही चाहिए जो हम आज बढ़ावा दे रहे हैं वः कल निश्चित ही हमें मुंह ढंकने पर मजूबर करेगी
भ्रमर ५
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ReplyDeleteविचारणीय आलेख है … समाज को आपके लेखन का लाभ मिले , यही कामना है ।
कमाल है ब्लॉग पर नारी स्वातंत्र्य और महिला क्रांति की बातें करने वाली मेरी भोली भाली बहनों में से कोई भी यहां कमेंट तक करने नहीं आई … !
भयावह है यह सच !!
sukriya bhramar ji aur rajendra ji :)
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