Monday, November 28, 2011
बोली लगाओ देश बिक रहा है : जियो मेरे लाल
" देश के टुकड़े करने पर तुले है हमारे नेता और आप कहते हो सब्र करो ..कोई देश वासी को "भिखारी" कहेता है तो कोई "आम आदमी " फिर चाहे किसी भी प्रांत के लोगो को भिखारी कहा जाए मगर दर्द तो हर एक भारतवासी के दिल मे होता है क्यू की एक भाई कभी दूसरे भाई को भिखारी कहे नहीं सकता और न ही उसकी ऐसी हालत देख सकता है मगर ...एक नेता कहेता है की भिखारी है तो हमारे देश का दुर्भाग्य देखो की हजारो बुद्धिजीवी लोग उसकी बेवकूफी भरी बात को समर्थन देते है ..यही बुद्धिजीवी लोगो की वजह से आज देश के ये हाल है की हम आज जहां भी जाए फिर चाहे वो "केरोसिन की लाइन" हो या फिर "पंचायत मे दाखला" निकाल ने के लिए लाइन हो ...बस्स खड़े ही रहते है और हमारे द्वारा चुने ये नेता हमे ही लूट कर मजे करते है ..वो हमे सारे आम पीट सकते है मगर हम उन्हे हाथ भी नहीं लगा सकते है ...क्यू भाई ? "
" चुनकर दिया था हमने उनको ताकि वो हमारे काम करे और नेकी से देश को चलाये मगर इनकी नेकी रंग लायी और "स्विट्जरलेंड " को मजबूत कर दिया फिर भी ये आदरणीय और माननीय कहेलाते है ..क्या अजीब तमाशा है ? तुम मरते हो तो मारो मगर हमारे और हमारी सरकार ने किए अन्य और भ्रस्ताचर के खिलाफ बोलने का आपको अधिकार नहीं है अगर बोलेंगे तो आपको बीच बाजार मे या फिर रामलीला जैसे मैदान मे या फिर फूलपुर जैसे मैदान मे सरा जाहेर पीटा जाएगा और आप हमारा कुछ बिगड़ भी नहीं सकोगे सायद ऐसा ही कहेना है ये सरकार का और हमारे देश के बुद्धिजीवी वर्ग का, हमारे बच्चे भूख मे तड़पे और विदेशो मे निर्यात ..|"
" जो बच्चा अपनी खुद की चड्डी भी ठीक से नहीं पहेन सकता है आज वो बच्चे को भी देश के हालात पता है और कहेता है ये सरकार जाए तो अच्छा है मगर हमारे बुद्धिजीवी वर्ग को ये मानना आज भी पसंद नहीं है ये सरकार आज भी चिदम्बरम जैसे को बचा रही है ..रामलीला मैदान मे लाठी चरग करवाने वाले को भी बचा रही है ...फूलपुर मे बड़े बड़े नेता द्वारा युवको की पिटाई करनेवाले भी बचा रही है ..मै कहेता हु की क्या कर लिया हमारे देश के बुद्धिजीवी वर्ग ने भाई ... आज देश मे भूख मारी बढ़ रही है ,महेंगाइ बढ़ रही है ,सरासर कानून का गलत इस्तेमाल हो रहा है ..काले धन को वापस लाने का कोई नाम नहीं ...जनलोकपाल को भी ये सरकार ..ऐसे ही हवा मे उड़ा देगी ...करोड़ो के भ्रस्ताचर के बावजूद भी पढे लिखे और समजदार लोग आज भी ऐसी सरकार को सही करार क्यू देते है भाई ...|"
" रही बात मेरे मुस्लिम भाई की तो उनको भी ये बता दु की ..राजस्थान मे यही सरकार थी ना जिनहोने सजदे मे रहे लोगो को भी नहीं छोड़ा था और यहाँ तक की मीडिया मे भी कुछ नहीं आने दिया था ..वो कत्ले आम पर नहीं है कुछ कहेना इस सरकार को ..? ..तमाशा बनाकर रख दिया है देश को ..हम जैसे बुद्धिजीवी लोगो ने ही ...आज भी देश मे करोड़ो गरीब परिवार है जिनको एक वक़्त की रोटी भी नसीब नहीं हो रही है कौन है इनका जिम्मेदार ..सरकार या फिर हम जैसे पढे लिखे लोग ?...बस्स एक नेता कहेता है और हम निकाल पड़ते है एक दूसरे को काटने को ..नुकसान किसका है ? हमारा ही ना ? यही मजबूरी का फायदा उठा रही है ये सरकार और पीश रही है हमे ही महेंगाइ की चक्की मे |"
" बात ये नहीं की तू हिन्दू मै मुसलमान ..बात यहाँ देश हीत की हो रही है मुझे पता है यहाँ पर भी कुछ बुद्धिजीवी लोग आएंगे और मुझे सलाह देंगे ..क्यू की सायद इसिकों भारत कहते है ..धर्म को राजनीति मे जो भी पक्ष लाये उसे सबक अगर हम नहीं सिखाएँगे तो आनेवाला समय यही होगा की हम गुलाम बनते ही जाएंगे ...आज है उस से भी ज्यादा ..लड़ो भाई और लड़ो ..आपके लड़ने से देश के हरामि नेताओ को अच्छा खाशा फायदा जो हो रहा है ..लगे रहो ..और चिल्लाते रहो ..महेंगाइ मार गयी की तरहा ...|"
" मैंने 2009 मे एक पोस्ट लिखी थी आप पढ़ना ..जरूर जो यहाँ पर हे ..इसे क्लिक करना
जिसका टाइटल था : भारत देश की लीलामी चालू है क्या आपको बोली लगानी है
इस पोस्ट को जरूर पढ़िएगा ..अगर आप इस देश से करते हे प्यार
" सुना है विदेशी कंपनिया भी आ रही है रिटेल बाजार मे ...ठीक है भाई पहले किशान आत्महत्या करते थे अब व्यापारी भी आत्महत्या करेंगे ...मगर फिर भी हम कुछ भी नहीं कहेंगे भले ही ये शुरुवात हो गयी हो देश बेचने की मगर हम कुछ भी नहीं कहेंगे ..क्यू की बुद्धिजीवी लोगो को सायद पसंद भी ना आए हमारा बोलना ..जय हो ...जय हो |"
सुक्रिया गूगल
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सही चित्रण है आज के हालात का!
ReplyDeleteसार्थक और सामयिक प्रस्तुति, आभार.
ReplyDeleteसार्थक पोस्ट यूं हीं चलता रहा, तो वो दिन दूर नहीं जब एक बार फिर हमारा देश गुलाम बन जाएगा। देखते हैं फिर कहाँ से आते है दुबारा भगत सिंग ,...और देश के अन्य महान स्वनतंत्रा सेनानियों जैसे लोग। क्यूंकि आज के हालातों को देखते हुए, तो यही लगता है कि हर कोई चाहता तो है, कि भगत सिंग पैदा हो, मगर पड़ोसी के घर मे...
ReplyDeleteसमय मिले कभी तो आयेगा मेरी पोस्ट पर आपका स्वागत है http://mhare-anubhav.blogspot.com/.
अच्छा आलेख.
ReplyDeleteआपकी इस उत्कृष्ट प्रविष्टी की चर्चा आज के चर्चा मंच पर भी की गई है!यदि किसी ब्लॉग की कोई पोस्ट चर्चा मे ली गई होती है तो ब्लॉगव्यवस्थापक का यह नैतिक कर्तव्य होता है कि वह उसकी सूचना सम्बन्धित ब्लॉग के स्वामी को दे दें!
ReplyDeleteअधिक से अधिक लोग आपके ब्लॉग पर पहुँचेंगे तो चर्चा मंच का भी प्रयास सफल होगा।
कल बेचा था, बेच रहे, कल बेचेंगे
ReplyDeleteदाम मिला तो, जीवन अपना देदेंगे....
सार्थक लेखन...
सादर...
गुलामों को कोई हक नहीं बोली लगाने का, मालिक बंटाधार करने पर तुले है।
ReplyDeleteha ha ha sahi kaha sandip ji
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