Sunday, November 13, 2011
माल्या की टोपी बचाने निकले मनमोहन |
" मालिया की टोपी बचाने नीकले मनमोहन सिंह |"
" देश में लाखो गरीब बिना घर के और भूखे मर रहे है तड़प रहे है और हमारे आदरणीय प्रधान मंत्री जी को चिंता है "लिकर किंग विजय माल्या" की जिसकी ऐयास्सी से पुरा देश वाकेफ है मग़र फिर भी हमारे प्रधानमंत्री को उनकी चिंता है देश के तडपते गरीब की नहीं |"
" विजय माल्या देश के उद्योगपती है इस का मतलब ये नहीं की उनके धंधे में आई खोट को भारत सरकार मदद करके पूरी करे ..ऐसे में कल कोई और दूसरा उद्योगपती खड़ा हो जायेगा तो क्या मनमोहन सिंह उसकी भी मदद करेंगे ? "
" गरीब लोग ५ लीटर केरोसिन के लिए मर रहे है देश में और सरकार को गरीब पर रहेम नहीं आता है मग़र जैसे ही विजय माल्या जैसे उद्योगपती को तकलीफ पड़ी सरकार ने अपनी सारी ताकत उसे बचाने में लगा दी ..क्या बात है ? गरीब लोगों को रहने के लिए अगर आवास लोन चाहिए तो उसके ब्याज दर में कमी नहीं करनेवाली हमारी सरकार विजय माल्या के लिए १३ बैंको को इकठ्ठा कर रही है ..गरीब के झोपड़ों को जलाकर लिकर किंग विजय माल्या को बचाने निकली इस सरकार को क्या कहेना चाहिए ..गरीबों के लिए फंसी का फंदा और माल्या जैसे लोगों के लिए हमदर्दी.. कितना अजीब है ,जब कोई गरीब अपने सपनो का घर बनाने के लिए रात दिन महेनत कर रहा है और उसे बैंकवाले धक्के खिला रहे है और माल्या के लिए देश के प्रधान मंत्री तक को चिंता है |"
" देश में गरीब कोई नहीं सिवा विजय माल्या के : सरकार की नजर से
" देश में गरीबी बढ़ रही है ..भूख बढ़ रही है जिसका गवाह "विश्व फ़ूड संस्था" भी है जो कहे रही है की देश में गरीब के साथ गरीबी भी बढ़ रही है मग़र इस सरकार को उसकी चिंता नहीं है क्यु की ये सरकार २६ और ३२ रुपयेवालो को भी अमीर समजती ही तो फिर गरीब कौन है ?...विजय माल्या, जिसे भारत सरकार मदद करने के लिए बेताब है ...शायद हर भारतीय अब २०१४ का इंतज़ार कर रहा होगा ..ताकि ऐसी बेकार और झूठ की बुनियाद पर टिकी सरकार को सबक सिखा सके ..५ राज्यों में हुई करारी हार के बाद भी सुधरी नहीं कांग्रेस जिसे गरीब का गला काटने के लिए ही दिखाता है और माल्या जैसे लोग ,कसाब ,अफ़ज़ल ,राजा ,चिदंबरम ,कलमाड़ी जैसे लोग बहुत प्यारे लगते है क्या बात है ? "
" गधे को गधे ही प्यारे लगते है |"
" गरीबी की दलदल में पिसते हुवे गरीब जिसे दिखाई ना दे और ऐयासी माल्या नजर आये ...५ लीटर केरोसिन जिसके नसीब में ना हो ..वो दिखाई नहीं देता ही मग़र विजय माल्या के "किंगफिशर" के लिए उधार पेट्रोल दिखाई देता है ...साबास आदरणीय प्रधानमंत्री जी ..देश में गरीब अपने बच्चों को पढ़ाने के लिए तड़प रहा है ..अपने बच्चों को दूध तक नहीं पिला सकता है क्यु की देश में हर तरफ महेंगाई जो छाही हुई है ..मग़र प्रधान मंत्री को इस बात की चिंता नहीं है और विजय माल्या की चिंता है ..सच कहते थे बुजुर्ग गधे को गधे ही प्यारे लगते है |"
" २००० हजार करोड़ की जरूरत पूरी कर सकती है सरकार मग़र मग़र गरीब के लिए जीना हराम करनेवाली महेंगाई कम नहीं कर सकती है ..क्यु की गरीब तो उन्हें ५ साल में एक बार याद आता है बाकी ऐयासी करने के लिए विजय माल्या जैसे लोग बार बार याद आते है ...क्यु ना इस देश की सरकार ये भी सोचे की हर भारतवासी को भी पेट्रोल उधार मिलेगा उनकी गाड़ी के लिए ..भैया मनमोहन सिंह जी ..आपको अब आदरणीय कहने में भी शर्म आ रही है ..मग़र ये जरूर सोचना की विजय माल्या के साथ साथ भारतवासी को भी उनकी गाड़ी के लिए पेट्रोल उधार में मीले ..भाई इस देश के मतदाता का भी अधिकार है भले ही वो गरीब हो |"
Labels:
कांग्रेस,
किंगफिशर,
गरीबी,
मनमोहन सिंह,
विजय माल्या,
सरकार की नीती
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
Upto mark ji .Thanks.
ReplyDeletePoor Manmohan .... What else he can do....
ReplyDeleteक्या करे बेचारा...अभी चुनाव भी तो लड़ना है पूरी पार्टी को...
ReplyDeleteसही लिखा है ...आपने गरीब के झोपड़े को जलाकर ....अमीर के महल को रोशन करना कहाँ का न्याय है ...जबाब दो प्रधान मंत्री जी ....जबाब दो
ReplyDelete