Saturday, July 9, 2011
"व्यंग - संसद ..तिहाड़ जेल, और सोनिया गाँधी | "
" सोनिया गाँधी आज कुछ परेशान दिखाई दे रही थी ..एक तो लगातार बज रहे फ़ोन की घंटियों की वजह से सर में दर्द था की अचानक दिग्विजय सिंह दौड़ते दौड़ते आये और कहा " माता सोनिया देवी की जय , माते आपके सभी कांग्रेसी भक्त सांसद आपके घर की और मोर्चा लेकर आ रहे है ..चलो १० जनपथ ..नारा लगाते लगाते |" इस बात पर सोनिया ने कहा " क्यों ? " , तो दिग्विजय ने बड़े ही अदब के साथ जुक कर कहा " माते , उनकी मांगे है कुछ आज कल ज्यादा तर सांसद तिहाड़ जेल में जो है उनको लेकर बचे हवे सांसद आप से कुछ मांग रहे है आप सीघ्र ही उन्हें दर्शन दे और उनकी मनोकामना पूरी करे अन्यथा ..ये नाराज सांसद अनसन पर बैठ जायेंगे और अगर आप उनकी मनोकामनाए पूर्ण नहीं करेंगी तो आपका महिमा कम हो जायेगा क्यों की आपने तो इन सभी सांसदों को बड़े बड़े घोटाले में भी आज तक बचा लिया है ..कुछ करो ,माते | "
" ये वार्तालाप हो ही रहा था की सभी सांसद मोर्चा लेकर सोनिया के घर पहुँच गए .." सोनिया देवी की जय " ..कहे कर दंडवंत प्रणाम एक एक सांसद करने लगे ..सोनिया ने अपना दया हाथ उप्पर उठाया की सभी लोग शांत हो गए " हे भक्त जन , आखिर ऐसी क्या मुसीबत आई की आप सब इतने परेशान हो ? "..तभी सभी सांसदों के मुखिया " कपिल सिम्बल " आगे आये और बोले , "माते , ये अन्ना हजारे और बाबा रामदेव ने हमारी नींद हराम कर दी है , आज जहाँ भी जाते है लोग यही कहते है की ..स्विस बैंक के मालिक जा रहे है | "
" वत्स , चिंता न करो " सोनिया ने कहा , " माते , हमारी एक प्राथना है की " संसद भवन के पास में ही तिहाड़ जेल की एक ब्रांच खोल दी जाये ,ताकि संसदों को आने जाने में दिक्कत न उठानी पड़े वैसे तिहाड़ में उनको पूरी सुविधाए मिल रही है अभी अभी कलमाड़ी और राजा का फ़ोन आया था और उन्होंने कहा है की वो काफी खुश है ..इस नए "राज महल " में | " ...इस बात पर सोनिया ने कहा " ये आप की कैसी मांग है वत्स ? " इस बात का उत्तेर देते हुवे कपिल सिम्बल बोले " माते ... कलमाड़ी , राजा , कनिमोजी ,तिहर जेल में है और अब चिदंबरम , मारन ,भी तो इसी "तिहाड़ राज महल" में जाने के लिए तैयार हुवे है..और फिर न जाने कितने लोगों को तिहाड़ राज महल में जाना पड़े ..ये सब देख ते हुवे ही आप से एक बिनती ही माते की संसद भवन के पास ही एक तिहाड़ राजमहल जेल की एक ब्रांच खोल दी जाये | "
" ओह , सही कहा आपने ..मगर ये "मनमोहन " कहा है " सभी संसद मनमोहन को ढूंडने लगे मगर मनमोहन सिंह , कही दिखाई नहीं दिए ..सोनिया गुस्से से लाल हो गयी थी तभी " शरद पवार " की आवाज़ आई , " माते , ये यहाँ बैठा है .." सोनिया ने जब गुस्से में मनमोहन को पुचा की कब से मै चिल्ला रही थी की मनमोहन कहा है ...आप ने जवाब क्यों नहीं दिया ? क्या आपको सुने नहीं दे रहा था ?बोलो जवाब दो " ..मनमोहन ने दो हाथ जोड़कर कहा " प्रणाम माते ,..आपके हर अल्फाज़ को मै सुन रहा था और मैंने अपना हाथ भी उप्पर उठाया था मगर ...."..मगर क्या ? सोनिया गरजी ," हाथ उप्पर उठाया मगर बोल नहीं सकते थे क्या ? .." मगर , आपने सिर्फ कहा था कहाँ है ? आपने मुझे कहाँ कहा था की जहाँ भी हो आवाज़ दो और कुछ बोलो " मनमोहन ने कहा ...सोनिया मनमोहन के इस जवाब पर बहुत ही खुश हुई और ढेरो आशीर्वाद भी दिए मनमोहन सिंह जी को... और कहा की आप एक पेपर पर दस्तखत करो और संसद भवन के सामने ही " तिहाड़ जेल की एक और ब्रांच खोलने के लिए एक प्रस्ताव संसद भवन में पास करो | "
" " ये सुनते ही १० जनपथ में ख़ुशी की लहर दौड़ गयी ..सभी सांसद " सोनिया ..माते की जय ,जय हो सोनिया माते ...कहेकर दंडवंत प्रणाम करने लगे आज उनके चहेरे पर एक अनोखी ख़ुशी थी ..तभी दिग्विजय सिंह ने माइक में अनाउंस किया " जय माते सोनिया देवी ...भाइयो मै कहेता था न की सोनिया देवी बड़ी ही दयालु है ...अब आपको चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है और कोशिश करूँगा की अगला " मानसून सत्र भी " तिहार जेल के नए खोले जानेवाले ब्रांच में ही हो ...सभी सांसदों से नम्र बिनती की मेरे साथ जोर से नारा लगाये " बोलो कस्टभंजन , करुनामई ,सोनिया देवी की जय | " सारा हॉल इस नारे से गूंज उठा मगर देश इस नारे से परेशान हो गया | "
इस देश में आज के हालात ध्यान में रखकर ये व्यंग लिखा है ..सायद आपको पसंद आये
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एकदम सन्नाट मारा है हमेशा की तरह । बहुत ही धारदार तुलसी भाई । लिखते रहें
ReplyDeleteतारीफ के लिए शब्द कम हैं मेरे पास॥ क्या खूब लिखते हैं आप तो।
ReplyDeleteतुलसी भाई ... मज़ा आ गया ... बस एक विनती है ... कुछ शब्दों में दोष है ... ज़रा उस पर ध्यान दें ... बाकी तो आपका अंदाज़ एक अलग ही समां बाँध देता है !
ReplyDelete" अजय भाई , इस पोस्ट के लिए मै आपको सुक्रिया कहेना चाहूँगा ...इस पोस्ट की प्रेरणा मुझे आप ही के एक स्टेटस से मिली थी
ReplyDelete" शिवम् भाई , मुझे ख़ुशी हुई की आपको ये पोस्ट पसंद आई और हाँ आगे से मै इस बात का ध्यान भी रखूँगा की सब्द कोष में गलती ना हो ..तहे दिल से सुक्रिया आपका
ReplyDelete" धीरज भाई , ये आज की सच्चाई है मेरे दोस्त ...क्यों की आज भारत देश के अच्छे अच्छे नेता ..तिहार जेल में जाने के लिए लें लगाकर खड़े है ..तो इनकी मांग जायज ही है .....ही ही ही | "
ReplyDeleteवाह क्या बढ़िया व्यंग्य लिखा है|
ReplyDeleteवैसे तिहाड़ यात्रा कपिल सिब्बल,राबर्ट वाड्रा आदि के मुकद्दर में भी लिखी है|
बढिया है।
ReplyDelete------
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जय हो माते ईप्रुर सुंदरी की
ReplyDeletevery nice.
ReplyDeleteThanks.
बहुत बढ़िया और सटीक!
ReplyDeleteवाह तुलसी भाई, क्या छक्का मारा है...
ReplyDeleteसच में जितनी प्रशंसा की जाए कम है|
बिलकुल यह व्यंग हमे बहुत पसंद आया| आपसे अनुरोध है कि ऐसे और भी व्यंग लिखें व हमे लाभान्वित करें|
हंसने व खुश रहने का कोई तो बहाना मिले|
दिवास सर ... मुझे खुसी हुई की आपको ये आलेख बहुत ही पसंद आया और ...आगे ही आपको ऐसे ही आलेख पढने मीले ये मै कोशिश करता रहूँगा ..आपका स्नेह बस यूँही बना रहे
ReplyDeleteक्या इस तरह के व्यंग जिनके लिए है उन तक पहुच रहे है ? यदि हाँ तो उन्हें चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए.तुलसी भाई उम्दा व्यंग .चोट करते रहो कभी तो समझ आयेगी.
ReplyDeleteव्यंग्य पढकर स्वत: ही हंसी आ गयी। हंसते हुए देख कर श्रीमती जी बोली -" इंटरनेट सिर चढकर बोल रहा है। पागलपन के लक्षण दिख रहे हैं। अकेले बैठे हंसे जा रहे हो। अब इलाज कराना जरुरी हो गया।" कमाल है तुलसी भाई।
ReplyDeleteहा हा हा हा
तुलसी जी ने सोनिया जी के जायकेदार लस्सी तैयार की है। कोई और मत पी लेना।
ReplyDeletesirf likhane aur wah wah karne se kuch hone wala nahi hai ab waq aa gaya hai ki kuch kiya jaaye.mera manna hai ki ye wayng soniya ji aur unki sarkaar ke longo ko mile,taki unki kaano mein juuu rengana suruuu kare kam sa kam.wayng wakii aaj ki sarkaar ki prista bhooomi par kara prahaar hai..very nice keep it up...
ReplyDeleteneeraj sir aapko ye vyang pasand aaya yahi mere liye kaafi hai aur ek din janta ki aawaz buland hogi is baat me bhi koi shak nahi hai
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