दोस्तों आज कोई लम्बी पोस्ट नहीं मग़र एक छोटी सी बात कहेना चाहता हु |
" बोध कथा "
" गाँव या सहर की गलियों में जब कोई धारदार छुरा लेकर निकलता है तो उसे गुंडा या मवाली कहा जाता है ..मग़र अगर वही छुरा कोई डॉक्टर के हाथ में आ जाये तो उसे हम ...भगवान का दर्जा देते है |"
" छुरा वही है मग़र हाथों का फर्क है.......... दोस्तों कोई चीज ख़राब नहीं होती है बस उसका इस्तेमाल सही होना चाहिए जैसे डॉक्टर अपने "ओ. टी " में जब हमारे ही सगेवालों का ऑपरेशन करता है तो हम एक दुसरे को सांत्वना देते है की डरो मत ये डॉक्टर बहुत ही अच्छे है अन्दर डॉक्टर के हाथ भी तो चीरते है हमारे अपनों का शरीर... मग़र हमे उनके हाथों पे विश्वाश है ...|"
" वही छुरा अगर किसी गुंडे मवाली के हाथ आ जाये तो हम कांपने लगते है की ये किसी की हत्या कर बैठेगा ... ..वही तो हाथ ...हाथ में फर्क है इसी लिए मै कहता हु की कोई चीज ख़राब नहीं है मग़र अगर वो चीज किसी गलत के हाथ में, पड़ जाये तो बहुत ही भयानक परिणाम आ सकता है |"
धन्यवाद्
सही है.
ReplyDeleteइस कथा में सच्चाई है:)
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