* 13 बच्चो का अपहरण कीया
था
* 9 बच्चो का कत्ल कीया था
* बच्चो से भीख मंगवाई जाती थी
* कमाना बंद तो मीलती थी मौत
* माँ समेत दो बहेने कर रही थी ये काला काम
* भारत मे फांसी पानेवाली पहली महिला
“ कोल्हापुर की दो महिलाओं को 13 बच्चों का अपहरण करने और उनमें से नौ बच्चों का कत्ल कर देने के लिए 2001 में मौत की सजा सुनाई गई थी और उनकी दया याचीका राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने पिछले महीने खारिज कर दी थी इसीके साथ भारत में फांसी पाने वाली पहली महिला का नाम तय हो गया है ,ये भारत में फांसी पाने वाली पहली महिलाएं हो सकती हैं।“
“ रेणुका और सीमा अपनी मां अंजनाबाई गावित के साथ मिलकर बच्चों का अपहरण करती थीं और उन्हें भीख मांगने के धंधे में धकेल देती थीं। इनमें से कुछ बच्चों ने जब कमाना बंद कर दिया तो उन्हें कत्ल कर दिया गया। दोनों बहनें पुणे की येरवाडा जेल में बंद हैं ,अंजनाबाई की मुकदमे की सुनवाई के दौरान ही मौत हो गई थी , दोनों बहनों का पिता किरण शिंदे सरकारी गवाह बन गया था और उसे छोड़ दिया गया।“
“ पिछले महीने रेणुका शिंदे और उसकी बहन सीमा मोहन गावित ने राष्ट्रपती से दया याचिका दाखील की थी जिसे राष्ट्रपती ने खारिज कर दीया है और फांसी दिए जाने से पहले राज्य के गृह मंत्रालय को सभी संबंधित पक्षों को सूचित करना होता है , उसकी समय सीमा आनेवाले शनिवार को खत्म हो रही है।“
“ आजादी से अब तक भारत में जितने लोगों को फांसी दी गई है, उनकी संख्या को लेकर विवाद है। सरकारी आंकड़े कहते हैं कि अब तक 52 लोगों को फांसी दी गई है। पीपल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज की रिसर्च के मुताबिक असल में यह संख्या बहुत ज्यादा है। इस रिसर्च में उन्होंने पता लगाया है कि 1953 से 1963 के बीच ही 1422 लोगों को फांसी दी गई। हालांकि, अब तक किसी महिला को फांसी दिए जाने का कोई रिकॉर्ड नहीं है। “
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