* अल कायदा की शपथ, भारत में 'इस्लामिक राज' लाएंगे
* अल कायदा के प्रमुख " अयमान अल जवाहिरी " ने कीया नया ऐलान
* भारत के खिलाफ खड़े होने वाले नए संगठन का नाम कायदात अल जिहाद होगा
* भारत के खिलाफ खड़े होने वाले नए संगठन का नाम कायदात अल जिहाद होगा
*अल कायदा की बनेगी भारतीय शाखा
" ये ऐलान भारत के लीये बड़ा खतरा बन सकता है क्यू की पढ़ीए ये पोस्ट ....... "
" ओसामा बिन लादेन के मारे जाने के बाद साल 2011 में अल कायदा के चीफ बने अल जवाहिरी ने कहा की भारतीय उपमहाद्वीप में संगठन न सिर्फ जिहाद का झंडा बुलंद करेगा, बल्कि इस्लाम का साम्राज्य भी स्थापित करेगा | "
" अपने 55 मिनट के विडियो में जवाहिरी ने अफगान के तालिबानी नेता मुल्ला उमर के प्रति अपनी वफादारी को दोहराया है ,जवाहिरी के ऐलान से साफ हो गया है कि अल कायदा अपनी पुरानी ताकत को फिर से हासिल करना चाहता है | "
" अल कायदा के इस कदम ने भारत सरकार को सजाग कर दिया है और प्राप्त सूत्रों के मुताबिक, भारतीय इंटेलिजेंस एजेंसियों ने विडियो की जांच के बाद उसे सही पाया है ,विडियो के सामने आने के बाद गुरुवार सुबह ही गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने सुरक्षा एजेंसियों की उच्च स्तरीय बैठक बुलाई थी बैठक में राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार, आईबी और रॉ प्रमुख ने गृह मंत्री को स्थिति से अवगत कराया है |"
" जवाहिरी के ऐलान के मुताबिक भारत के खिलाफ खड़े होने वाले नए संगठन का नाम कायदात अल जिहाद होगा , इस शाखा की कमान एक पाकिस्तानी आतंकवादी आसिम उमर को दी गई है। "
"'भारतीय उपमहाद्वीप में अल कायदा' के गठन को जवाहिरी ने बर्मा, बांग्लादेश, असम, गुजरात, अहमदाबाद और कश्मीर के मुस्लिमों के लिए अच्छी खबर बताया है , जवाहिरी ने कहा कि अल कायदा की यह नई शाखा मुस्लिमों को अन्याय और जुल्म से बचाएगी | "
' आतंकवाद से लड़ाई को समझने वाले विशेषज्ञों के मुताबिक अल कायदा के नेता इस वक्त नए लड़ाकों की भर्ती के संकट से जूझ रहे हैं | सीरिया-इराक के संघर्ष में आईएस ने मुस्लिम युवाओं को जोश से भर दिया है ।"
" इस्लामिक स्टेट (आईएस) नेता अबु अबु बकर अल बगदादी ने भी खुद को 'खलीफा' बताकर और मुस्लिमों से उसके प्रति वफादारी दिखाने को कहा है।"
" जवाहिरी से अलग होकर साल 2013 में आईएस ने सीरिया तक अपनी अलग पहचान बनाई । आतंकी संगठन ने इस देश में सिर कलम करने, फांसी देने और सामूहिक हत्याओं का एक नया दौर शुरू कर दुनिया में दहशत पैदा की ।"
" भारत में आईएस का वजूद भले न हो लेकिन जवाहिरी का ऐलान नई सरकार और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है ।"
" हालांकि, अफगान-पाक बॉर्डर तक सिमट चुका अल कायदा भारत में नेटवर्क फैला सकेगा, यह कहना जल्दबाजी होगी । स्थानीय आतंकी संगठनों से तुलना करने पर अल कायदा को लड़ाकों की संख्या और क्षेत्रीय भाषा की ही समझ जैसी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है ।"
धन्यवाद : NBT
ओह...क्या दिन आ गये हैं?
ReplyDeleteलोमड़ी भी शेर को फटकार ल गाने लगी अब तो!