एक चोंकानेवाली खबर है, दिल थाम के पढिये,
खबर ये है की पप्पूने जो टोफी मोडेलकी बात बताईथी वो बिलकुल सही नीकली है, अदाणीको मुन्द्रामें १.२० रूपिया प्रति चो.मी. और १.५० रूपिया प्रति चो.मी. जमीन दी गई है ये बात बिलकुल सही है और ये भी सही है की ये गुजरात सरकार द्वारा दी गई है!
खबर ये है की पप्पूने जो टोफी मोडेलकी बात बताईथी वो बिलकुल सही नीकली है, अदाणीको मुन्द्रामें १.२० रूपिया प्रति चो.मी. और १.५० रूपिया प्रति चो.मी. जमीन दी गई है ये बात बिलकुल सही है और ये भी सही है की ये गुजरात सरकार द्वारा दी गई है!
लेकिन कौनसी सरकारें?
१९९३ में कोंग्रेस के मुख्यमंत्री चीमनभाइ पटेल द्वार अदाणीको ९४० हेटर जमीन लिझ पर दी गई प्रति चोरस मीटर सिर्फ १.५० रूपये के दरसे, और उसके बाद १९९७में कोंग्रेस समर्थीत रा.ज.पा. की सरकार जीसके मुख्यमंत्री थे शंकरसिंह वाघेला, जिन्होने अदाणीको पोर्ट के लिये १२० हेक्टर जमीन प्रति चोरस मीटर १.२० रूपये के दरसे लुटाई!
उसके बाद १९९९में तत्कालीन मुख्यमंत्री केशुभाई पटेलने अदाणीको और ७०० हेकटर जमीन प्रति चोरस मीटर १०.५० रूपये के दरसे दी. सबसे आखीरमें २००५में नरेन्द्र मोदीने ५५९० हेक्टर जमीन पोर्ट के लिये प्रति चोरस मीटर १४.५० रूपये के दर से दी है.
मतलब साफ है, पप्पूकी टोफी मोडेल वाली बात बिलकुल सही है, बस, फर्क इतना है की गुजरात को टोफी मोडेल बनाकर टोपी पहनाने वाले दोनो मुख्यमंत्री कोंग्रेसी या कोंग्रेस समर्थित थे!
फैसला आपके हाथ मे है अब
अब की बार मोदी सरकार
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