" RTI " द्वारा दी गई गलत जानकारी : योजना आयोग कमाल
* 21 अप्रैल से 29 अप्रैल 2007 आहुवालिया के चीन ओर जापान दौरे की जानकारी
* RTI अर्जी क्रमांक RTI- 1317 / 2012 - RTI cell
* क्रमांक संख्या 33
* असल मे हुवा था 4,19,422 का खर्च
योजना आयोग ने दी "आरटीआई" में गलत जानकारी
" आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद को भेजे गए जानकारी में योजना
आयोग द्वारा
गलत
जानकारी दिया गया . जब गोपाल प्रसाद ने प्राप्त जानकारी पर संदेह व्यक्त करते हुए दोबारा पत्र
लिखा तो जनसूचना अधिकारी ने टाईपिंग भूल मानते हुए राशि के बारे में नई जानकारी दी , जो
पिछले जानकारी से सर्वथा भिन्न था।"
* बात कुछ ऐसी बताई गई थी
" आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद ने आरटीआई के तहत योजना आयोग
के
उपाध्यक्ष डा मोंटेक सिंह अहलुवालिया के
विदेशी यात्राओं के खर्चों की जानकारी मांगी थी . योजना आयोग के उप जन सूचना अधिकारी डा वाई
प्रभंजन कुमार
यादव द्वारा दिनांक 21 अगस्त 2012
को भेजे गए पत्र के पत्रांक संख्या :RTI -1317/2012-RTI Cell के अनुसार क्रमांक संख्या -33 में डा मोंटेक सिंह अहलुवालिया द्वारा 21-29 अप्रैल 2007 के मध्य की गई जापान और चीन की विदेश यात्रा का खर्च एक लाख
चार हजार ग्यारह
रूपए मात्र दर्शाया गया था | "
* ऐसे मे योजना आयोग की योजनाओ पर संदेह उठेगा ही " गोपाल प्रसाद द्वारा जब इस खर्च को पुनः
सत्यापित करने का अनुरोध किया गया तब योजना आयोग की अंडर सेक्रेटरी सुनीता बेक
ने इसे टाईपिंग भूल मानते हुए खर्च की राशि चार लाख उन्नीस हजार चार सौ बाईस
रूपए बताया। इस सन्दर्भ में आरटीआई एक्टिविस्ट गोपाल प्रसाद ने कहा की "ऐसे में योजना आयोग के उत्तर एवं आंकड़ों की
विश्वसनीयता पर संदेह
उठाना स्वाभाविक है।"
* सच्चा खर्चा ये रहा
" इसी आरटीआई के
एक अन्य जानकारी के अनुसार वर्ष 2007-11 के मध्य योजना आयोग के वार्षिक रिपोर्ट हिंदी के छपाई पर पांच लाख
सैंतालिस हजार चार सौ सोलह रूपए तथा वार्षिक रिपोर्ट अंग्रेजी पर सात लाख सतासी
हजार चार सौ इकतालीस रूपए खर्च हुए . बर्ष 2011-12 का खर्च अभी तक उपलब्ध नहीं होने की सूचना योजना आयोग ने अपने
जबाब में दिया |"
* गोपाल
प्रसाद स्वतंत्र पत्रकार एवं आर.टी.आई एक्टिविस्ट हैं . *
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जब इसमें सही आंकड़े नहीं दिये तो बाकी आंकड़े कैसे होंगे..
ReplyDeleteये है योजना आयोग का कमाल .... अब सोचो इसकी योजनाए कैसी होगी ?
Deleteअच्छी पोल खोली !
ReplyDeleteभीतर से कैक्टस, बाहर से३ पद्म |
अजीब है 'राजनीति का छद्म ||
हा हा हा ....देवदत्त जी क्या खूब कहा आपने
Deleteइस खुलासे के बाद योजना आयोग कि इमानदारी और विश्वनीयता दोनों संदेह के घेरे में आ गयी है !!
ReplyDeleteयोजना आयोग की कमाल तो बहुत देखि थी 28 मे अमीर .... ओर बहुमूल्य टॉइलेट भी मगर ऐसा कमाल भी आज देखने को मिला है :)
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