“ दंगाई जीतने गुनहगार होते है उससे भी ज्यादा गुनहगार होता है लोगो को दंगा करने के लिए उकसानेवाला, क्यू की वही होता है दंगाइयो का नेतृत्व करनेवाला, उसिकी भाषा से प्रेरित होकर लोग वो गुनाह करने के लिए नीकल
पड़ते है, जिस गुनाह से देश की शांति भंग होती है ओर बिचारे निर्दोष लोग बेमौत मर
जाते है मरनेवाले को ये भी पता नहीं होता है की आखिर उसका गुनाह क्या है ? क्या ये देश फिर से एक कौमी दंगे की ओर जा रहा है ?
”
* पुलिश हटाओ फिर देखो
“ हैदराबाद के हाल से
सभी वाकिफ है जहां कौमी दंगे आम बात हो गई है ,कभी मदिरो की सजावट नहीं करने दी जाती है कभी भगवा झण्डा लहेराने नहीं
दिया है मंदिरो पर क्यू की वहाँ अकबरुदीन ओवेसी जैसे सांसद की भाषा ही कुछ ऐसी है
ओर ताजूब्ब की बात ये है की इस देश का कानून भी अकबरुदीन का कुछ बीगाड़ नहीं पाता
है मगर कुछ समय पूर्व जब “वरुण गांधी “ ने ऐसी भाषा बोली थी तो उस पर मकोका जैसी गंभीर धारा लागू कर दी गई थी तो
आज भी वो कानून अकबरुदीन पर लागू नहीं हो सकता है क्या ? जो खुले आम कहे रहा है की पुलिस को हटाओ फिर देखो वो भी इकट्ठा भीड़ के सामने, तो क्या इस देश मे कानून जाती आधारित है ? जो अकबरुदीन के मामले मे चूप बैठा है कानून | “
*सांसद होकर लोगो को भड़का रहा है
“ एक सांसद का कर्तव्य क्या यही होता है की
अपने मजहब के लोगो को दूसरे मजहब के खिलाफ भड़काओ ओर कौमी एकता की जगह देश मे दंगे
फैलाओ क्या आज देश का कानून इस नेता के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेगा ?जो सारे आम लोगो को भड़का रहा है ओर मारने काटने की बात कर
रहा है ,अगर ऐसा ही देश का कानून मुक तमाशा बनकर भेदभाव
रखेगा तो वो दीन दूर नहीं जब देश एक ओर कौमी दंगे की ओर बढ़े मगर हैरत तो तब होती
है जब खुद केंद्रीय सरकार भी ऐसे भड़काऊ भाषण देकर देश को दंगे की ओर ले जानेवाले
के खिलाफ कोई कडक कदम नहीं उठा रही है तो क्या “यूपीए “ सरकार भी यही चाहती है की देश एक ओर भयानक दंगे की ओर बढ़े ? “
* अब ये सबूत है इंतज़ार फिर भी क्यू ?
“वैसे भी सरकार आसाम,राजस्थान ,मुंबई दंगो पर अब तक चूप ही रही है जहां सरेआम पाकिस्तान के झंडे लहेराए
गए थे ये भी तो भड़काऊ बातों का ही नतीजा
था ऐसा सरकार का कहेना था ओर ढेर सारी साइट भी सरकार ने बंद कर दी थी मगर अब तो
वीडियो है सबूत का की अकबरुदीन लोगो को भड़का रहा है तो क्या इस पर कोई कदम नहीं
उठाएगी सरकार ? “
* हर मजहब के लिए अलग कानून क्यू ?
“ मत करो इस देश मे दो कानून अलग अलग मजहब के लिए ऐसे मे तो अकबरुदीन जैसे
नेता, लोगो को सरेआम भड़का सकते है
अकबरुदीन कहेते है की पुलिश को हटाओ फिर देखो तो एक बात सायद अकबरुदीन भी भूल गए
है की एक कौम हथियार उठाएगी तो दूसरी कौम भी हथियार उठाएगी ओर ऐसी भड़काऊ भाषा एक
सांसद को शोभा नहीं देती है क्यू सांसद को संविधान के रक्षक कहा जाता है ओर जब यही
सांसद संविधान को तोड़ने की बात करे तो ये अच्छी बात नहीं है ये भी एक तरहा से
संविधान का अपमान ही हुवा क्यू उस धरती पर लाल खून बहाने की बात करते हो जो
तुम्हें रोटी देती हो ? “
* क्या यूपीए सरकार न्याय देगी जनता को या फिर एक ओर कौमी दंगा ?
“क्या इस देश की यूपीए
सरकार देश की जनता को न्याय देगी या फिर एक ओर कौमी दंगा ? ये तो आनेवाला वक़्त ही बताएगा मगर फीलहाल तो अकबरुदीन पर
रोक लगानी ही चाहिए अन्यथा नुकसान देश की बेकसूर जनता का ही होगा ,हजारो कफन मे लिपटी पड़ी होगी निर्दोष लोगो की लाशे ओर हजारो निर्दोष की
चिताए जल रही होगी किसी समशानघाट पर ,नुकसान तो आखिर निर्दोष
लोगो का ही है क्यू की लोगो को भडकानेवाले नेता खुद दंगे के वक़्त सुरक्षा के घेरे
मे रहते है फिर चाहे वो किसी भी मजहब का नेता क्यू न हो ?
उसे तो बस्स अपने वोट की पड़ी होती है ,अपनी कुर्सी की पड़ी
होती है मरनेवाला चाहे बेमौत क्यू न मरे | “
* क्यू इंतज़ार है अगले दंगे का सरकार को ?
“ क्या इस देश की सरकार अगले भयानक कौमी दंगे का इंतज़ार कर रही है
...कश्मीर,आसाम,राजस्थान,मुंबई ओर अब अकबरुदीन ओवेसि तैयारी करवा रहा है अगले दंगे के लिए ...... ? “
* आप क्या चाहते है ? क्या देश एक ओर भयानक दंगे की ओर बढ़े ये सही होगा ? क्या आपको अमन ओर शांति पसंद नहीं है ?
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जीनकारी के लिए शुक्रिया!
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