1971 के युद्ध में
हिंदुओं को चुन-चुनकर मार रही थी पाकिस्तानी फौज
पाकिस्तानी
फौज हिन्दुओ को चुनकर मार रही थी : 1971 एक किताब ने खोला राज़
“ कीताब मे लिखा है की पाकिस्तानी फौज
ने जानबुज कर हिन्दुओ का कत्ल किया था ओर इस बारे मे भारत सरकार जानती भी थी “
“ हाल ही मे रिलीज हुई एक किताब मे
ये साफ तौर पर कहा गया है की 1971 के युद्ध मे पाकिस्तानी फौज के निशाने पर बंगाली
थे ओर पाकिस्तानी फौज ने सिर्फ बंगालीयो का ही कत्ल किया है ओर इस किताब से एक नई जानकारी
सामने आई है की ये घटना से भारत सरकार वाकेफ थी की पाकिस्तानी फौज सिर्फ हिन्दुओ को
ही चुनकर मार रही है मगर फिर भी सरकार ने इस बात को गलत जानकारी देते हौवे लोगो तक
पहुंचाई थी | “
असली
बात कुछ इस तरहा थी :
“ बांग्लादेश की आज़ादी ( याने उस वक़्त
का पूर्वीय पाकिस्तान )की लड़ाई याने 1971 का युद्ध सरकार जानती थी की हिन्दू लोगो का
ही सिर्फ कत्ले आम हो रहा है फिर भी सरकार इस बात से परेशान थी की अगर ये बात का पता
“ जनसंघ ” के नेताओ को चलेगा तो देश मे अराजकता फ़ेल जाएगी ...हालकी ऐसे अनेक अहेम खुलासे
इस कीताब मे किए गए है | “
“ लेखक गरी जे. बास की किताब 'The Blood Telegram:
Nixon, Kissinger and a Forgotten Genocide में इस युद्ध के बारे में विस्तार से
लिखा है. प्रिंसटन
यूनिवर्सिटी में राजनीति और अंतरराष्ट्रीय संबंध के प्रोफेसर जे. बास के मुताबिक
वह युद्ध मूल रूप से पूर्वी पाकिस्तान में रह रहे हिंदुओं के खिलाफ था, इसके
बावजूद भारत ने इसे बंगालियों के खिलाफ संहार करार दिया था | “
“ जे. बास ने साफ साफ लिखा है कि “ भारतीय विदेश मंत्रालय का
तर्क है कि पाकिस्तान के जनरल चुनाव हार बैठे, क्योंकि उनके
देश में बंगालियों की तादाद ज्यादा थी ,पाकिस्तान की सेना लगातार हिंदू समुदाय को निशाना बनाती रही. किताब
के मुताबिक, भारतीय अधिकारी यह नहीं चाहते थे कि जनसंघ
पार्टी के हिंदू राष्ट्रवादियों को उग्र होने का मौका मिले|”
“ जे. बास ने अपनी
किताब में लिखा है कि तब रूस में भारत के राजदूत रहे डीपी धर के मुताबिक पाकिस्तानी
सेना ने पहले से हिंदुओं को ही जनसंहार के लिए निशाना बना रखा था. लेकिन इस बात से
हिंदू राष्ट्रवादियों का गुस्सा भड़कने का खतरा था | “
“ हाँ तो दोस्तो ऐसी है आपकी सरकार
जो एक धर्म को ही बकरा मानती है ...क्या अब वक़्त नहीं आ गया है की ऐसी सरकार को अलविदा
कहा जाए “
सोर्स- आज तक
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वास्तव में पाकिस्तानी सेना इस्लामिक सेना होने के कारन अपने कर्तब्य का पालन कर रही थी, रहा हिन्दू मंदिरों की बात ये तो हिन्दुओं की कायरता है जो सरकार की इतनी हिम्मत बढ़ रही है.
ReplyDeleteआप से सहेमत हु सूबेदार जी
ReplyDeletei'm agreed with all of you i'm spresding nessege already in the world as i'm a french tour guide
ReplyDeleteFir ham log kuchh karte Q nahi kya kare esa jo Bhaarat Bhaarat hi rahe India na bane
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