"यमराज को हराने का शस्त्र अब मार्केट में उपलब्ध |"
" यमराज आखिर में हार ही गए , भाई ये कोई मामूली बात नहीं है क्यों की यमराज याने " काल " और काल भी जब हार जाता है तब तो भाई बात में दम है ,अरे हारेगा ही न , क्यों की यमराज को हराने का शस्त्र अब मार्केट में उपलब्ध है |"
" यमराज के खिलाफ ये शस्त्र इस्तेमाल करने से आप १००% जीत जायेंगे तो दोस्त ,देर किस बात की आज ही खरीदो ये शस्त्र और भगाओ यमराज को ............| "
" दुःख की बात है की लोग पैसा कमाने के चक्कर में क्या क्या भूल जाते है पहले "हैंजवालों" ने ग्लूकान की एडव्हरटाइस में "सूर्य देव" को भगाया था, अब आया है "यमराज" को हराने फेविकोल ....और हम पागल है की हमारे ही देवी , देवता के अपमान को मनोरंजन के रूप में लेकर ऐसी कंपनीवालों की तिजोरी उनकी प्रोडक्ट लेकर भर रहे है | हैंज तो खैर विदेसी कंपनी है मगर फेविकोल तो स्वदेसी है और फेविकोल का मालिक "राम भगवान का भक्त" भी है फिर भी उसकी बेहूदी हरकत देखो ..चन्द रुपयों के लिए भगवान को भी मजाक बनानेवाले ऐसे करोड़पति को अब क्या कहे ये आप बताओ , अरे इस से अच्छी तो वेश्या ए होती है जो पैसों की लालच में कम से कम भगवान का मजाक तो नहीं उड़ाती है ..ये उद्योगपति तो उस से भी गए गुजरे निकले |"
" पहले सरस्वती देवी को नंगा दिखाया ,आज यमराज को भी नहीं छोड़ा .. सिर्फ फेविकोल लिखा हुवा "टी शर्ट " पहेनो यमराज भी भाग जायेगा क्या गजब का आईडीया है भाई, ये कार्टूनिस्ट जो भी हो मगर उसने अपना जमीर बेचा है ये बात तय है आप खुद ही ये चित्र देख लो ..जो सिर्फ हसने की बात नहीं है मगर सोचने की बात है की हम इंसान पैसों के पीछे कितने पागल है आज "भगवान" को नहीं छोड़ रहे है कल सायद हमारे "माँ बाप" को भी मजाक बना देंगे |"
" फेविकोल के मालिक को सायद यमराज की ताकत का पता नहीं, या फिर वो पैसों के पीछे पागल है आपको याद होगी फेविकोल की अड़वरटाई ..जो फिल्माई गयी थी माँ और बेटे के उप्पेर ..ये पागल फेविकोल का मालिक " माँ " को भी मजाक बना डालता है तो फिर भगवान को क्या छोड़ेगा ..और हम लोग उसकी हर बात को मजाक मानकर हस्ते है तो पागल कौन भाई ? किसे समजे हम समजदार और किसे समजे हम अनाड़ी ?"
" फेविकोल ऐसा जुड़ जाये यमराज भी इसे तोड़ ना पाए "
- चित्र गूगल से लिया गया है |
हम हैं अनाडी। मस्त पोस्ट। बधाई।
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ReplyDeleteएकदम मस्त पोस्ट। धन्यवाद|
ReplyDeleteऐसे विज्ञापन बनाने वाले तथा ऐसे विज्ञापन को बनवाने वाले कंपनी के मालिकों को जूते से पीटा जाना चाहिए तथा ऐसे विज्ञापन वाले उत्पाद का बहिष्कार किया जाना चाहिए.....ये विज्ञापन सामाजिक मर्यादा तथा तर्कसंगत व्यवहार दोनों को ख़त्म करने का काम करते हैं......इस तरह के बेबकूफी भरे विज्ञापन बनाने और बनवाने वालों को हर तरह से सामाजिक स्तर पर अपमानित करना ही इसका हल है.....
ReplyDeletei disagree.....creativity is creativity...yaha kisi ka mazak nahi udya ja raha...one of the best ads..fevicol may not have enough money to make commercials but they are rich in ideas
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