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Tuesday, February 2, 2010

"सोनिया का पल्लु ,राहुल की मुस्कान और शरद पवार का झटका और ये लगा गरीबों को महेंगाई का फटका |"

" " इटालियन भाषा में सोनिया गाँधी को ख़त लिखना पड़ेगा ...की देख सोनिया " ये है भारत की असली सच्चाई ...रोज कमाकर, रोज़ का खाना खाती है तेरे देश की जनता , झोपड़ों में रहनेवाली इस जनता को मामूली मत समज ...ये वही जनता है जिनके पास भीख मांगने आपको और शरद पवार जैसे राजनेता को आना पड़ता है,अब बस कर ये महेनगा ...अब तो इनके बर्तन भी खाली हो गए है |"

" जब अमेरिका ने भारत पर प्रतिबन्ध डाला तब म्हेंगाई बढ़नी चाहिए थी, मगर उस वक़्त महेंगाई बढ़ी नहीं और आज " एक शरद पवार की "पॉवर" ने तुझे, झुका दिया..सिर्फ इस लिए की महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को आंच आये ? क्यों की शरद पवार की पार्टी की बदोलत टिकी हुई है महाराष्ट्र में आपकी सरकार ...यही सच्चाई है सायद ...सुना था की आपको " खुर्शी की या सत्ता की लालच नहीं है ...तो फिर क्यों आप शरद पवार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेती है शायद आपको भी सत्ता की लालच है ...वरना आपकी " आम आदमी की सरकार इस तरह आम आदमी को कुचलती नहीं ..जरा अपने घर से बहार आकर देखो तुम्हारे आम आदमी की हालत क्या है ? ... इस महेंगाई के ज़माने में तन को ढंकने के लिए कपड़ा नहीं ..और आज भी उनके अनाज के बर्तन खाली है ..क्या करैं आम आदमी ...३००० या ५००० कमानेवाला ये आम आदमी आज मर रहा है तुम्हारी दी हुई " महेंगाई " की चक्की में पीश कर...अच्छा कुचलदिया " आम आदमी को "|"
" गरीब के घर जाकर खाना खानेवाले राजनेता को सिर्फ अख़बार की सुर्खियों में स्थान मिलता है , मगर गरीब के घर जाकर उनकी सच्ची स्थिति जानकर उनकी मदद करने वालों को गरीब के दिल में स्थान मिलता है ,गरीब के घर खाना खाकर ..फोटो खिंचवाकर आते है आप लोग मगर ये नहीं सोचता की उनकी आमदनी क्या है ? ..क्या ये गरीब इतनी महेंगाई में ३००० या ५००० हजार में घर चला सकता है ? क्या ऐसा कभी सोचा आपने ? ..नहीं ..नहीं सोचा क्यों की अगर सोचते तो ..."वाकई में आपकी सरकार आम आदमी की होती ...इस तरह आप चुप नहीं बैठती ...मगर एक बात लिख लेना इस देश की जनता बड़े दिल वाली है... बर्ष के बाद आप जब भी भीख मांगने आओगे तो आपको इस देश का ये आम आदमी " भीख में जरूर या वोट देगा, क्यों की भारतवासी के घर पर मांगने आनेवाले को कभी खाली हाथ नहीं जाना पड़ता |"

"सब्जी से लेकर दूध तक ....दूध से लेकर अनाज तक ...सभी जगह महेंगाई ...क्या बात है ?....और अब पेट्रोल के दाम बढ़ने की सोच रहे है आप ...सोचो सोचो आपकी सरकार है ..ये आम आदमी कही का नहीं रहेना चाहिए ..रोटी से लेकर पानी के लिए भी मोहताज़ करदो इसे ..ताकि इस के बर्तन खाली के खाली ही रहे ..जो अंग्रेजो ने किया था वही तो आप कर रहे है की " लोगो को भूखा रखो और गुलाम बनाओ ",करो करो आपकी सरकार है |"

" कुछ अंधे लोग ये आलेख पढकर ये कहेंगे की भाई चार दीवारों में बैठकर कहेना आसान है ...हम कुछ नहीं कर सकते या आप क्या कर सकते हो ? ..तो उनको ये पता रहे की मै कम से कम बाज़ारों में और छोटे छोटे गाँव में घूम कर ऐसे आलेख लिखता तो हु ..जिस सच्चाई के दर्शन मैंने छोटे छोटे गाँव में या शहर की बाज़ारों में किये उसको आप तक पहुंचाता तो हु... किसी गरीब के घर जाकर देखना ..वो आपको चाय जरूर पिलाएगा ..मगर चाय भी आपको कड़वाहट भरी महेसूस होगी वजह पता है ? तो कम से कम लोग खाने वाले और आमदनी १०० रुपये |बर्तन खाली है सब ..फिर भी होठो पर मुस्कान लाकर कहते है " आओ " ,बड़ी मुस्किल से दो वक़्त की रोटी मिलती है इन्हें, क्यों की हर चीज़ महेंगी बन चुकी है ..इन्हें फ़िक्र है की कल क्या खायेंगे ? ..जाओ जरा देखो इन लोगो के घरो में ..की गरीबी क्या होती है ? "
"रास्ते पर ऐसे नज़ारे आपको देखने मिलेंगे जैसे ..... मैंने फोटो के जरिये आपके सामने रखा है , इन लोगो की हसी मत उडाना ये लोग हालत के मारे है ..आओ कभी सोचे इन गरीबों के बारे में ..उनके घरो को नहीं उनकी विवशता और उनकी आमदनी से लेकर उनकी वास्तविकता को देखो ..मै जानता हु की आप अंधे नहीं है ..आप ये देख सकते है |देखो गरीबी क्या होती है ?"
" इस महेंगाई के ज़माने में कैसे चलता है इन लोगो का घर ..कभी इन की जगह पर अपने आप को रख कर देखो ..इन अनपढ़ और गरीब लोगो को आपकी जरूरत है ये हम भी देख सकते है क्यों की हम अंधे नहीं है और इतने नासमज भी नहीं की इनको समज सके |"


" घर में अपनी धर्म पत्नी से सिर्फ ये सवाल करना की " आज कल तुम पैसे बहुत मांगती हो ? घर का खरचा कैसे बढ़ रहा है ? ..आपको भी पता चल जायेगा की महेंगाई क्या है ?|"



" माफ़ करना मै आपका दिल दुखाना नहीं चाहता हु ..मै तो सिर्फ कोशिश कर रहा हु की आप जैसे समजदार लोग ..आगे आकर वास्तविकता को समजे और इन गरीब लोगो की आवाज़ बने ..बाकी ये बात तो साफ़ है की महेंगाई नामक दानव आपके घर में भी पहुँच चूका है ..कम से कम हम इन गरीब लोगो की आवाज़ तो बन सकते है | बहुत सारे महारथी है हम ब्लॉगर भाई बहेनो के बीच जो मुझसे भी ज्यादा बेहतर लिख सकते है ..और अपनी आवाज़ को बुलंद कर सकते है |"


"चलता हु...मगर ये जानने की कोशिश जरूर करना की ३००० या ५००० हज़ार में घर कैसे चलता है इन गरीबों का ? |"

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27 comments:

  1. बहुत सही....
    आभार....


    नोट: लखनऊ से बाहर होने की वजह से .... काफी दिनों तक नहीं आ पाया ....माफ़ी चाहता हूँ....

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  2. मुझे आपका ये पोस्ट बहुत ही अच्छा लगा ! आपने बहुत ही सुन्दर लिखा है और बड़ा ही मार्मिक है ! आपने आज की परिस्थिति को मद्दे नज़र रखते हुए बिलकुल सही लिखा है और शीर्षक भी एकदम सही रहा! तस्वीरों ने ही सब कुछ बता दिया!

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  3. श्रीमान जी बहुत सारे लोग तो सौ रुपये रोज भी नहीं कमा पाते.

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  4. महाराज जूते भिगो कर दिये है, लेकिन 'आप' लगाकर इज्जत न ही दे ते अच्छा रहता

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  5. Garibi ki achchi Tasveer kheenchi hai.. Lekin Shashank ki baat bhi thik hai. Aap kyun laga diya.. Vaise ye bhi Badiya 'Joota' Hai..

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  6. ओह .. बडा दुर्भाग्‍यपूणर् है ये देख पाना .. सबकुछ जानते हुए और देखते हुए भी आम जनता बिल्‍कुल लाचार है !!

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  7. आप को क्या लगता है कि आपके खत लिखने से इन्हे पता चलेगा । यह लोग सब जानते हैं ,, यह साबित भी कर देंगे कि इनसे बड़ा और कोई खैरख्वाह नहीं है इन ग़रीबो का ,और आपकी चिंता को व्यर्थ साबित कर देंगे । आप तो बस लिख लिख कर कलम तोडते रहिये या फिर कबीर की तरह जागते रहिये और रोते रहिये ।

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  8. सामयिक लेख है । ये समस्या अगर इलीट क्लास की होती तभी तो कोई सुध लेता । गरीबों के लिये---

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  9. जो समझ के भी अंजान बने रहते हैं उनको समझाना बहुत मुश्किल काम है ............... पाँच सितारा सांस्कृति वाले ग़रीब का दर्द नही जान सकते .............

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  10. असली मरण तो माध्यम वर्ग झेल रहा है

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  11. सही है । नाईस धन्यवाद्

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  12. क्या लिखा है आपने , बोले तो एक दम धासू , आंखे खोल देने वाली पोस्ट रही । बधाई आपको

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  13. virodh ka prashn hi kaha uthta hai...apne ek bhi shabd galat kahan kaha hai....

    kya kaha jaay...hamare desh ke khewanhaaron ke kanon tak ye vilaap pahunch hi kaha payenge...

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  14. apne bilkul thik hi lakha hai
    lekin is aur kisi ka dhyan hi nahi hai

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  15. महंगाई ने ओढ़ रखी है रजाई

    बचो भाई बचो भाई महंगाई बेभाई

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  16. bahut bebaak likha hai aur bahut saccha bhi .. aaj ki sacchi aur asli tasveer ... desh ki yahi halaat hai .. neta ,lekin ye kahan dekh paate hai ji ..

    aapka aabhar itne ache lekh ke liye ..

    aapka

    vijay

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  17. महाशिवरात्रि की हार्दिक शुभकामनायें!

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  18. sacchi hai hindustan ki ye.......aanke khol dene wali post

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  19. मार्मिक पोस्ट!

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  20. शुक्रिया ,
    देर से आने के लिए माज़रत चाहती हूँ ,
    उम्दा पोस्ट .
    bahut dard bhri aawaz hai magar vicharniya hai.

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  21. Tuesday, February 2, 2010
    "सोनिया का पल्लु ,राहुल की मुस्कान और शरद पवार का झटका और ये लगा गरीबों को महेंगाई का फटका |"

    " " इटालियन भाषा में सोनिया गाँधी को ख़त लिखना पड़ेगा ...की देख सोनिया " ये है भारत की असली सच्चाई ...रोज कमाकर, रोज़ का खाना खाती है तेरे देश की जनता , झोपड़ों में रहनेवाली इस जनता को मामूली मत समज ...ये वही जनता है जिनके पास भीख मांगने आपको और शरद पवार जैसे राजनेता को आना पड़ता है,अब बस कर ये महेनगाइ ...अब तो इनके बर्तन भी खाली हो गए है |"


    " जब अमेरिका ने भारत पर प्रतिबन्ध डाला तब म्हेंगाई बढ़नी चाहिए थी, मगर उस वक़्त महेंगाई बढ़ी नहीं और आज " एक शरद पवार की "पॉवर" ने तुझे, झुका दिया..सिर्फ इस लिए की महाराष्ट्र की गठबंधन सरकार को आंच न आये ? क्यों की शरद पवार की पार्टी की बदोलत टिकी हुई है महाराष्ट्र में आपकी सरकार ...यही सच्चाई है सायद ...सुना था की आपको " खुर्शी की या सत्ता की लालच नहीं है ...तो फिर क्यों आप शरद पवार के खिलाफ कोई एक्शन नहीं लेती है ॥ शायद आपको भी सत्ता की लालच है ...वरना आपकी " आम आदमी की सरकार इस तरह आम आदमी को कुचलती नहीं ..जरा अपने घर से बहार आकर देखो तुम्हारे आम आदमी की हालत क्या है ? ... इस महेंगाई के ज़माने में तन को ढंकने के लिए कपड़ा नहीं ..और आज भी उनके अनाज के बर्तन खाली है ..क्या करैं आम आदमी ...३००० या ५००० कमानेवाला ये आम आदमी आज मर रहा है तुम्हारी दी हुई " महेंगाई " की चक्की में पीश कर...अच्छा कुचलदिया " आम आदमी को "|"
    " गरीब के घर जाकर खाना खानेवाले राजनेता को सिर्फ अख़बार की सुर्खियों में स्थान मिलता है , मगर गरीब के घर जाकर उनकी सच्ची स्थिति जानकर उनकी मदद करने वालों को गरीब के दिल में स्थान मिलता है ,गरीब के घर खाना खाकर ..फोटो खिंचवाकर आते है आप लोग मगर ये नहीं सोचता की उनकी आमदनी क्या है ? ..क्या ये गरीब इतनी महेंगाई में ३००० या ५००० हजार में घर चला सकता है ? क्या ऐसा कभी सोचा आपने ? ..नहीं ..नहीं सोचा क्यों की अगर सोचते तो ..."वाकई में आपकी सरकार आम आदमी की होती ...इस तरह आप चुप नहीं बैठती ...मगर एक बात लिख लेना इस देश की जनता बड़े दिल वाली है...५ बर्ष के बाद आप जब भी भीख मांगने आओगे तो आपको इस देश का ये आम आदमी " भीख में जरूर २ या ४ वोट देगा, क्यों की भारतवासी के घर पर मांगने आनेवाले को कभी खाली हाथ नहीं जाना पड़ता |"


    "सब्जी से लेकर दूध तक ....दूध से लेकर अनाज तक ...सभी जगह महेंगाई ...क्या बात है ?....और अब पेट्रोल के दाम बढ़ने की सोच रहे है आप ...सोचो सोचो आपकी सरकार है ..ये आम आदमी कही का नहीं रहेना चाहिए ..रोटी से लेकर पानी के लिए भी मोहताज़ करदो इसे ..ताकि इस के बर्तन खाली के खाली ही रहे ..जो अंग्रेजो ने किया था वही तो आप कर रहे है की " लोगो को भूखा रखो और गुलाम बनाओ ",करो करो आपकी सरकार है |"



    आवाज में दम है , दूर तक जा रही है..

    मेरी आवाज भी शामिल करें

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  22. भाई क्षमा करें मैंन जिन हिस्सों को कापी किया था वही लापता हैं..

    कुछ हिस्से बहुत दमदार थे खैर टिप्पणीकार भाई टेक्नीकल मिस्टेक को नजर अंदाज करें और टिप्पणी को स्वीकार करें

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  23. o sacchaayi.....kyaa bolu ab...tum to jaise mere bheetar se hi nikal kar aa rahi ho.... lekin is tarah bhi mujhe rula hi rahi ho....!!

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  24. bilkul sahi kaha aapne...
    aakhir kab tak aisa hota rahega...
    hamein aawaaz uthani hi padegi....

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