नई दिल्ली:- कोल ब्लॉक आवंटन मामले में आरोपों का सामना कर रहे पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर सिख दंगा मामले में कांग्रेस नेता जगदीश टाइटलर को क्लीन चिट दिलाने का आरोप भी लगाया जा रहा है। आर्म्स डीलर अभिषेक वर्मा ने सीबीआइ के समक्ष दिए गए बयान में कहा है कि वर्ष 2008 में जगदीश टाइटलर ने उसे बताया था कि प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से मिलने के बाद ही उसे 1984 के सिख दंगा मामले में क्लीन चिट मिली थी। इसके साथ ही राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला भी चल पड़ा है। भारतीय जनता पार्टी ने वर्मा के आरोप की जांच कराए जाने की मांग कर दी है।
सीबीआइ के समक्ष दिए गए मौखिक बयान में अभिषेक वर्मा ने कहा है कि सिख दंगा मामले के गवाह सुरिंदर सिंह को टाइटलर ने प्रभावित किया था। अभिषेक का आरोप है कि सुरिंदर को टाइटलर ने बड़ी राशि दी थी तथा उसके बेटे को विदेश में सेटल करने में सहायता की गई। हालांकि सीबीआइ का कहना है कि अभिषेक जिस समय की बात कर रहा है तब तक सुरिंदर सिंह की मौत हो चुकी थी। इसके बावजूद सीबीआइ ने इस बयान के आधार पर टाइटलर के खिलाफ दिल्ली के एक कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है।
इस मामले पर चिंता जताते हुए सीबीआइ के पूर्व डायरेक्टर डीके कार्तिकेयन ने कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मनमोहन सिंह ने सिख दंगा जैसे मामले में सीबीआइ को इस तरह से प्रभावित किया होगा
अधिक जानकारी के लीये यहा जाए
सीबीआइ के समक्ष दिए गए मौखिक बयान में अभिषेक वर्मा ने कहा है कि सिख दंगा मामले के गवाह सुरिंदर सिंह को टाइटलर ने प्रभावित किया था। अभिषेक का आरोप है कि सुरिंदर को टाइटलर ने बड़ी राशि दी थी तथा उसके बेटे को विदेश में सेटल करने में सहायता की गई। हालांकि सीबीआइ का कहना है कि अभिषेक जिस समय की बात कर रहा है तब तक सुरिंदर सिंह की मौत हो चुकी थी। इसके बावजूद सीबीआइ ने इस बयान के आधार पर टाइटलर के खिलाफ दिल्ली के एक कोर्ट में क्लोजर रिपोर्ट दायर कर दी है।
इस मामले पर चिंता जताते हुए सीबीआइ के पूर्व डायरेक्टर डीके कार्तिकेयन ने कहा कि मुझे यकीन नहीं हो रहा है कि मनमोहन सिंह ने सिख दंगा जैसे मामले में सीबीआइ को इस तरह से प्रभावित किया होगा
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