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देशप्रेमी मुसलमान ने लिखा प्रधानमंत्री मनमोहन को खत
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09.12.2012 की बात ?
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मनमोहन को नहीं है अल्पसंख्यको के बारे मे सही जानकारी
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गुजरात को कॉंग्रेस निशाना क्यू बनाती है ?
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वोट बेंक की राजनीति खेल रही है कॉंग्रेस
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2002 से भी खतरनाक दंगे देशभर मे हुवे है
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गुजरात के वर्ष 2002 दंगे और कौन है कुत्बुदिन अंसारी ?
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बेस्ट बेकरी केस का उत्तरप्रदेश का एक गवाह श्री तौफेल अहमद सिद्दीकी वापस गुजरात
क्यू आया ?
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शाहीन दांन्डा का परिवार मुंबई छोड़कर गुजरात मे क्यू आया ?
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दंगो के बाद किसने खोली दुकान और बटोरा पैसा ?
* उत्तर प्रदेश का मुद्दा क्या था ?
* राजस्थान का मुदा क्या था ?
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आसाम का मुद्दा क्या था ?
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पिछले 10 सालो मे गुजरात मे न कोई सांप्रदायिक दंगा हुवा न CURFEW लगा है
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देश मे अल्पसंख्यक सबसे ज्यादा सुखी कहाँ है ?
आइये
ये सब सवालो के जवाब आपको यहाँ मिलेंगे ...... पढ़िये
विषय
: गुजरात के वंसदा टाउन ( vansada town )
मे आपके द्वारा चुनाव प्रचार के
दौरान दिए गए भाषण मे गुजरात मे अलपसंख्यकों को असुरक्षित बताने के संबंध मे |
महोदय
,
“ मुझे आपको यह जानकारी देते हुवे अत्यंत
प्रसन्नता हो रही है की मै एक मुसलमान हु , जिनहे भारत मे अल्पसंख्यक समुदाय कहा जाता है |
पिछले ग्यारह साल से मै गुजरात के अहमदाबाद शहर मे अपने परिवार के साथ सुख और
शांती से जीवन व्यतीत कर रहा हु | “
“ आज अखबारो के माध्यम से मुझे यह
जानकारी मीली है की आपने कल दिनांक 09.12.2012 को गुजरात राज्य के नवसारी जिले के
वंसदा टाउन मे चुनाव प्रचार के समय यह कहा की “ हमे इस बात की बराबर शिकायते आ रही
है की गुजरात मे अल्पसंख्यक समुदाय अपने आप को असुरक्षित महसूस करते है |
“
“ आपका ये बयान भारत के प्रधानमंत्री के
पद की गरिमा के विरुद्ध ही नहीं बल्कि वास्तवीक तथ्यो से भी पूर्णतया परे है |
चूंकि आप देश के प्रधानमंत्री है और आपको देश के कोने कोने की समस्त सही जानकारी
होनी चाहिए परंतु आपके इस बयान से ऐसा प्रतीत होता है की आपको यह जानकारी नहीं है
की देश के विभिन्न प्रदेशो मे अल्पसंख्यकों के साथ कैसा दुर्व्यवहार और अमानवीय
बर्ताव हो रहा है ,कितने अल्पसंख्यक लोग अन्य प्रदेशों मे पिछले कुछ
सालो से सांप्रदायिक दंगो एवं पुलिस द्वारा बर्बरता के भी शिकार हुए है |
“
“ एक जागरूक नागरीक के रूप
मे तथा आपके प्रधानमंत्री बनने मे मेरे एक वोट का भी योगदान है ,उस
अधिकार से मै मात्र आपकी जानकारी हेतु कुछ तथ्य आपके सामने प्रस्तुत कर रहा हु |
इन तथ्यो के माध्यम से मुझे आशा ही नही पूर्ण विश्वास है की आप यह नीर्णय लेने मे
सक्षम होंगे की देश के किस राज्य मे अल्पसंखयक यानि मुसलमान सबसे ज्यादा सुरक्षित
है तथा बिना किसी डर या दबाव के शांति पूर्ण जीवन व्यतीत कर रहे है |
आपकी जानकारी हेतु बताना चाहता हु की
1.
उत्तर
प्रदेश राज्य मे श्री अखिलेश यादव सरकार के 260 दीनो मे 106 सांप्रदायिक दंगे हुवे
है ,जिनमे केवल मुसलमानो की ही संपत्ति को नुकसान पहुंचा है ,केवल
मुसलमान ही मारे गए है और बेघर हुवे है | जहाँ ऐसी बर्बरता से मुसलमानो को मारा गया हो ,क्या
उसके बावजूद भी आप यह कह सकते है की उत्तर प्रदेश मे अल्पसंख्यक समुदाय सुरक्शित
है और बिना भय के जी रहा है |
2.
राजस्थान
राज्य मे पिछले दो सालो मे अनेक सांप्रदायिक दंगे हुवे है ,जिनमे
भरतपुर जिले के गोपालगढ़ कस्बे मे सितंबर 2011 मे 17 मुसलमान भाइयो को पुलिस द्वारा
बर्बरता से मार डाला गया | दंगाइयो ने पुलिस की सहायता से उनके घर जला डाले |
जहाँ ऐसी बर्बरता से मुसलमानो को मारा गया हो ,क्या इसके बावजूद भी आप यह
कह सकते है की राजस्थान मे अल्पसंख्यक समुदाय सूरक्षित है और बीना भय के जी रहा है
|
3.
आसाम
प्रदेश मे जहाँ से आप राज्यसभा के सदस्य है, पिछले एक साल मे अल्पसंख्यक समुदाय के हजारो लोगो
के घर जला दिये गए है | मुस्लिम महिलाओ के साथ बलात्कार और उनकी हत्या की
गई है | हजारो मुसलमानो को आसाम छोड़ने के लीये मजबूर किया गया |
क्या आपकी नजर मे अल्पसंखयक लोग आसाम मे बहुत सूरक्षित महसूस करते है और अमन – चैन
की ज़िंदगी बसर कर रहे है |
4.
क्या
आपको यह जानकारी है की महाराष्ट्र राज्य मे पिछले 11 सालो मे 1192 सांप्रदायिक
दंगे हुवे है ,जिनमे 300 से अधिक संख्या मे अल्पसंख्यक लोग मारे
गए है ,उनकी संपत्ति को नुकसान हुवा है ,उन्हे सरकार से कोई राहत
नहीं मिली है | क्या आपकी नजर मे महाराष्ट्र राज्य अल्पसंख्यक
समुदाय के लिए सूरक्षित जगह कही जा सकती है ?
" मै
गुजरात के अलावा भारत के अन्य प्रदेशों मे अल्पसंख्यकों के साथ हो रहे अत्याचार
एवं दुर्व्यवहार के आंकड़े भी आपको दे सकता हु ,परंतु मै समजता हु की
पिछले 10 सालो मे गुजरात के अल्पसंख्यको की स्थिति की जानकारी आपको देना जरूरी
होगा,जिससे आप गुजरात के अल्पसंख्यको के बारे मे कोई भ्रमित प्रचार न
करे तथा उन्हे आजादी से वोट डालने दे और कुछ गुमराह एनजीओ द्वारा अपने स्वार्थ के
लिए गढ़े गए गलत तथ्यो के आधार पर अल्पसंख्यक वोटरो को डराने का प्रयास न करे"
आपकी
जानकारी हेतु गुजरात से संबंधित कुछ तथ्य प्रेषित है :-
1. पिछले 10 सालो मे गुजरात मे न कोई सांप्रदायिक दंगा
हुवा न CURFEW लगा है
2. गुजरात मे पतंग उधोग ,जो
पिछले 10 सालो मे 2000 करोड़ रुपए तक पहुँच गया है , जो 95 प्रतिशत उद्योग
अल्पसंख्यक समुदाय के हाथ मे है |
3. गुजरात मे हिन्दू परिवारों मे होनेवाली शादियो एवं
अन्य सामाजिक उत्सवो तथा कार्यक्रमों के समय महिलाओ को महेंदी लगाने के व्यवसाय मे
लगभग 80 प्रतिशत लड़कियाँ अल्पसंख्यक समुदाय की होती है ,जो
बिना किसी खौफ एवं डर के यह कार्य करती है |
5. गुजरात मे अन्य राज्यो की तुलना मे पुलिस विभाग मे
सबसे ज्यादा अल्पसंख्यक कार्यरत है |
6. गुजरात मे सबसे ज्यादा कार एवं ट्रक मैकेनिक का काम
करने वाले लोग अल्पसंखयक समुदाय से है
7. गुजरात मे अन्य राज्यो की तुलना मे अल्पसंख्यक
ज्यादा शीक्षित है
8. वर्ष 2002 के दंगो के बाद अल्पसंख्यक समुदाय का एक
बड़ा तबका प्रदेश छोड़कर अन्य राज्यो मे चला गया था ,वह कुछ ही सालो मे लौटकर
वापस गुजरात आ गया है और सुख शांति की ज़िंदगी बसर कर रहा है
9. गुजरात के वर्ष 2002 दंगो का वह व्यक्ति ,जिसकी
हाथ जोड़े आंखो मे भय दर्शाती तस्वीर ,इसका नाम है कुत्बुदिन अंसारी जिसे एक एनजीओ ने
पहले महाराष्ट्र ,बाद मे पश्चिम बंगाल मे स्थापीत करने की कोशिश की ,परंतु
इन जगहो पर अल्पसंख्यको का हाल देखकर वह कुछ ही समय मे अहमदाबाद लौटकर आ गया और आज
8 सालो से सुख शांति से जीवन व्यतित कर रहा है
10. बहुचर्चित बेस्ट बेकरी केस का उत्तरप्रदेश का एक
गवाह श्री तौफेल अहमद सिद्दीकी , जो दंगो के पश्चात उत्तरप्रदेश लौट गया था ,
वह स्वयं रोजगार की तलाश के लिए गुजरात मे आ गया है
11. अभी हाल मे फेसबूक पर कमेन्ट किए जाने पर महाराष्ट्र
पुलिस द्वारा शाहीन दांन्डा को हिरासत मे लेकर जेल भेजा गया ,वह
परिवार मुंबई छोड़कर गुजरात मे आ बसा है जहाँ वह अपने को सुखी और सुरक्षीत महसूस कर
रहा है | इस परिवार को मै बहुत समय से जनता हु |
12. आपकी जानकरी हेतु अहेमदाबाद ,सूरत,
बड़ोंदा जैसे बड़े शहेरो मे पार्क्स, गार्डन , शॉपिंग मोल , मे जो अल्पसंख्यकों की संख्या देखने को मिलती है
वह दिल्ली , मुंबई जैसे शहेरो मे दिखना भी असंभव है ,
जो इस बात का प्रमाण है की गुजरात मे अल्पसंख्यक सुख और शांति एवं बिना किसी खौफ
के जी रहे है |
13. वर्ष 2002 के गुजरात दंगो के पश्चात अनेक स्वयंसेवी
संस्थाओं ने अपनी दुकान खोल ली तथा देश विदेश से धन बटोरने के कार्य मे जुट गए है |
इन्ही संस्थाओ ने झूठे शपथ पत्र बनाकर न्यायालयों को भी गुमराह किया है |
“ यदि आपको इस बात की शिकायते
मिल रही थी की गुजरात मे अल्पसंख्यक डर और पीड़ा की ज़िंदगी जी रहे है ,तो
आपने गुजरात सरकार से जवाब तलब क्यो नहीं किया तथा उचित कार्यवाही का आदेश क्यो
नहीं दिया ? “
“ मैंने संक्षेप मे
महत्वपूर्ण जानकारी दी है ,जिससे यह आसानी से निष्कर्ष निकाला जा सकता है की
अल्पसंख्यक समुदाय गुजरात मे ही सबसे ज्यादा सूरक्षित है और आपका बयान अल्पसंख्यको
को डराकर कॉंग्रेस पार्टी के पक्ष मे वोट हासिल करने की नियत से दिया गया है , जो कानून के विरुद्ध है , जिस पर चुनाव आयोग को उचित कार्यवाही करनी चाहिए |
“
आपका
,
रईस
खान अजीज खान पठान
“
जागो दोस्तो और अपना वोट सोच समजकर डालो ....हटाओ इस कॉंग्रेस को जो झूठ की बुनियाद
पर खड़ी है ..... कॉंग्रेस को जनता की नहीं बल्कि सत्ता की पड़ी है ... याद है
सेंकड़ों लोगो को मारनेवाला “ कसाब “ जीसे कॉंग्रेस बिरयानी खिलाती थी ...तो क्या
कसाब ने सिर्फ हिन्दुओ को ही मारा था क्या ?.....
नहीं दोस्त उस दिन मरनेवालों मे
मुसलमान भाई भी थे .....सोचो दोस्तो ...और जागो “
“
आतंकी के बंदूक से निकलनेवाली गोली या बम कभी ये नहीं पूछता की तू हिन्दू है या
मुसलमान .... वो तो सिर्फ धमाका ही करता है ..... | “
“
बटाला हाउस के आतंकियो की लाश को देखकर कॉंग्रेस की आँख मे आँसू आ जाते है ... मगर
... अब जनता की लाशे सडको पर बिछी हुई होती है तब यही कोंग्रेसी “ कपड़े बदलने मे
या फ़ीर कोई फेशन शो “ देखने मे व्यस्त होते है .... ये कहाँ का न्याय है भाई ?
“
मेरा वोट कॉंग्रेस के खिलाफ है .... आपका ? “
सोचनीय। मुद्दा।
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