राहुल गांधी, नाम मे क्या रखा है ?
शेक्सपीयर ने कहा
था " नाम मे क्या रखा है " मगर यहाँ तो नाम मे ही सबकुछ रखा है और नाम
ही काफी है किसीके चहेरे पर मुस्कुराहट लाने के लिए , जी हाँ भारत मे एक नाम ऐसा है जिसका नाम सुनते ही लोग मजे
लेने लग जाते है वो नाम है काँग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी |
Gk का मतलब ?
अब क्या बताये की
इस बंदे का GK ( जनरल नॉलेज )
इतना पावरफुल है कि देश की जनता सोच में पड़ गई है कि इस नॉलेज को क्या नाम दु ?
GK याने good
knowledge ( गुड नॉलेज ) या फीर GK
याने ghatiya knowledge ( घटिया नॉलेज ) ?
क्या ये है भारत
का सबसे बड़ा फेंकू ?
मगर एक बात तो है
कि बंदे को कुछ पता नही होता है मगर फेंकता है तो भी छाती ठोककर लंबी लंबी फेंकता
है कभी किसीको शिकंजी बेचनेवाला बना देता है तो कभी किसीको ढ़ाबेवाला , बंदे में इतिहास बदलने का बहुत जबरदस्त दम है
अब इस बात पर सोश्यल मीडिया कहे रहा है कि इतिहास बदलने की सोच और ताकत उन्हें
अपने पूर्वजों से मिली है यहां तक कि दादा का नाम फीरोज खान था मगर इतिहास बदल गया
और खान से गांधी बन गए , बदला की नही
इतिहास ?
अध्यादेश की
ऐसीतैसी कर दी
काँग्रेस अध्यक्ष
बने इस बंदे ने तो टॉफी खाते खाते टॉफी मोडल की बात कर दी थी तो कभी देश का
बेशकीमती अध्यादेश भी फाड़ दिया था भाई क्या करे , बंदे में जोश बहुत है मगर देखा जाए तो राहुल गांधी का जोश
और सोच दोनों गलत दिशा की तरफ जाते नजर आ रहे है|
विदेसी जो शिकंजी
बेचता था उस पर गर्व है मगर एक देसी चायवाले पर गर्व नही है , ऐसा क्यों भाई ? शायद विदेसी लोगो की तरफ ऐसी चाहत की वजह से ही भूतपूर्व
प्रधानमंत्री को दो टके के पाकिस्तान में देहाती औरत कहने की हिम्मत आई थी |
मंदिर में जाते
है वो लड़कियाँ छेडते है
मंदिर जाते है वो
लडकीया छेडते है कहनेवाले राहुल बाबा गुजरात चुनाव के वक़्त खुद मंदिर मंदिर जाते
नजर आए तो जनता इस बात को क्या समजे ? दर्शन या फीर ....?
गरीबी को
मानसिकता बता दिया
गरीबो की गरीबी
पर भी इस बंदे ने अपना (अ)ज्ञान दिया कि गरीबी सिर्फ मानसिक स्थिति है। इसका खाना,
रुपये जैसी भौतिक वस्तुओं की कमी से मतलब नहीं
है। अब कौन बताये की भाई राहुल , तुम सोने की
चम्मच मुंह मे लेकर जन्मे हो कभी गरीबी देखी है ? कभी भूख देखी है ?
पंजाब और Up
को कहेता है
कभी ये बंदा
कहेता है कि पंजाब के 10 में से 7 युवा नशेड़ी है तो कभी UP के युवाओ को सलाह देता है कि कब तक आप
महाराष्ट्र में जाकर भीख मांगोगे ? , अरे भाई राहुल ये लोग भीख नही मांगते है ये जहां भी जाते है अपनी महेनत मजदूरी
की रोटी खाते है क्यों कि ये गरीब महेनतकश लोग है इन्हें घोटाले करके पेट भरना नही
आता है |
खयाली पुलाव में
माहिर
इस बंदे को खयाली
पुलाव बनाना आता है , किसीको गलत सलाह
का ज्ञान देना आता है मगर क्या करे ? विश्वेश्वराय बोलना नही आता ओर तो ओर जहां के वो सांसद रहे है वहां का विकास
भी करना नही आता |
लोग भाषण सुनने
नही आते मगर....
खुद को तीसमारखाँ
समझनेवाले राहुल गांधी का पूरे देश मे जिस तरह से मजाक उड़ रहा है उसे देखकर ऐसा
लगता है कि राहुल गांधी की रैली में लोग चुनावी भाषण सुनने नही मगर ये देखने जाते
है कि क्या वाकई में ये बंदा ऐसा है ?
शिकंजी से
कोकाकोला की तारीफ मगर चाय से प्रधानमंत्री बनानेवाले की बुराई ?
हैरानी इस बात की
है कि शिकंजी बेचकर कोकाकोला कंपनी के मालिक बननेवाले पर राहुल गांधी को गर्व है
मगर एक भारतीय जो चाय बेचते बेचते देश का प्रधानमंत्री बन गया उसका विरोध करते है ,
ये दोगलापन क्यों भाई ? ओह ! हम तो भूल गए कि राहुल बाबा को "भारतीय होने पर
भी शर्म आती है " , जब भारतीय होने
पर शर्म आती हो तो एक भारतीय चायवाले के प्रधानमंत्री बनने की आप खुशी कैसे मना
सकते है ?
कमाल की बात तो ये है की
जो भी मगर राहुल
गांधी का नॉलेज शक के दायरे में दीन ब दिन आ रहा है और काँग्रेसी नेता राहुल गांधी
में भविष्य का प्रधानमंत्री देख रहे है ये भी एक कमाल की बात है ना भाई ?
ये प्रधानमंत्री
बने या ना बने पर फेंकता है अच्छी अच्छी जिसकी वजह से देशवासियो के लिए राहुल
गांधी महज एक कॉमेडियन बन गया है |
तुलसीभाई पटेल
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13/06/2018
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