मोदी को STAR नेता बनाया किसने ? ये सवाल बिल्कुल ऐसा ही है जैसे कटप्पा ने बाहुबली को क्यों मारा ? जैसे बाहुबली के इस सवाल का जवाब मिल गया था ठीक वैसे ही अगर मोदी को स्टार नेता किसने बनाया इस सवाल के जवाब को ढूंढे तो जवाब में आता है कांग्रेस ने वो कैसे तो आइए देखते है
*मोदी .. बाजपाई और गुजरात
नरेंद्र दामोदरदास मोदी #RSS में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे और ये शख्स चहीता था करिश्माई नेता स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी का , स्व. अटल जी ने नरेंद्र मोदी को गुजरात भेजा तब तक नरेंद्र मोदी को कोई जानता नही था मगर गुजरात आ कर मोदी ने राजकोट से चुनाव लड़कर अपनी पारी की शुरुवात की और आगे जा कर बन गए गुजरात के मुख्यमंत्री
*एक सत्य जिसे कोई नकार नहीं सकता
यहां तक तो सब ठीक ही था मगर मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने बिजली के लिए तड़प रहे गुजरात को बिजली सड़क और पानी से रोशन कर दिया , गुजरात मे आन्तर्राष्ट्रीय समिट होने लगी जिसमे विदेशी निवेशकार भी आने लगे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी जो काँग्रेस के लिए सिरदर्द बन रही थी मगर मोदी को गुजरात बाहर कोई जानता नही था ऐसे में एक घटना हुई " गोधरा कांड "
*मौका मिला और फंसा दिया
काँग्रेस को मौका मिला मोदी को फ़साने का और काँग्रेस ने हर माध्यम से मोदी को बदनाम करना शुरू कर दिया , हालांकि ये नेगेटिव पब्लिसिटी हो रही थी देश का छोटा मीडिया केंद्र से लेकर बड़े मीडिया घरांने ने दिन रात मोदी को कोसना शुरू कर दिया था , तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी की भले ही ये नेगेटिव पब्लीसीटी हो रही हो मगर दिन रात हर एक मीडिया , हर एक काँग्रेसी के मुंह से निकलता हुवा एक शब्द मोदी लोगो के दिमाग मे जगह बनाता गया
*मीडीया , घोटाले और काँग्रेस
सोश्यल मीडिया ने भी इस मुद्दे को खूब चगाया और कभी कोर्ट से तो कभी सोश्यल मीडिया से लोगो के सामने सच्चाई आती गई और इन सच्चाई के बीच आज तरोताजा काँग्रेस के घोटाले भी आने लगे जहां एक तरह मोदी की नीति से गुजरात की जनता और विश्व मंच खुश थे वहां दूसरी तरफ काँग्रेस के घोटालो से देश की जनता त्रस्त थी
*मोदी के नाम से
मानो देश का हर नेता पब्लीसीटी पाने के लिए मोदी के नाम का सहारा लेने लगा था , देश मे जहां भी जाओ या फिर कोई भी चेनल लगाओ या अखबार देखो उस मे मोदी की नेगेटिव खबर ना हो ऐसा हो ही नही सकता था
*जनता ढूंढने लगी
काँग्रेस और साथी पक्षो द्वारा फैलाई गई इसी नेगेटिव पब्लीसीटी की वजह से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी में भारत के भावी प्रधानमंत्री की छबि को देश की जनता ढूंढने लगी जिसका असर 2014 की लोकसभा में साफ दिखाई दिया और काँग्रेस की सरकार को इतिहास में सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी महज 44 सीट पर सिमट गई काँग्रेस
*कुल्हाड़ी मार दी
झूठ और मुस्लिम वोट बैंक पाने के चक्कर मे काँग्रेस ने खुद अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी शायद काँग्रेस भूल गई थी कि जिस मुस्लिम समाज को वो आजादी के बाद से झूठे सपने दिखा रही थी उन मुस्लिम भाई बहेनो को भी दिमाग है और वो भी अपने परिवार के लिए सोच सकते है क्यों कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी मीडिया ने जब एक सर्वे किया था कि भारत मे सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान कहा है तो सर्वे के नतीजे चौकानेवाले आये थे नतीजो में था कि सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान पूरे भारत मे अगर कही है तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के गुजरात मे , और यही गुजरात को काँग्रेस मुसलमान विरोधी बताने में कोई कसर नही छोड़ रही थी
*ये हाल हो गया है (देखिये विडीओ )
नेगेटिव पब्लीसीटी ने ही देश की जनता का ध्यान मोदी की ओर खींचा था और आज भी यही मंजर है कि कांग्रेसी नेता अपना नाम भूल रहे है अपना काम भूल रहे है चुनाव में अपना प्रचार भूल रहे है जिसका एक उदाहरण यहां पर है
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*मोदी .. बाजपाई और गुजरात
नरेंद्र दामोदरदास मोदी #RSS में अपना जीवन व्यतीत कर रहे थे और ये शख्स चहीता था करिश्माई नेता स्वर्गीय अटल बिहारी बाजपेई जी का , स्व. अटल जी ने नरेंद्र मोदी को गुजरात भेजा तब तक नरेंद्र मोदी को कोई जानता नही था मगर गुजरात आ कर मोदी ने राजकोट से चुनाव लड़कर अपनी पारी की शुरुवात की और आगे जा कर बन गए गुजरात के मुख्यमंत्री
*एक सत्य जिसे कोई नकार नहीं सकता
यहां तक तो सब ठीक ही था मगर मुख्यमंत्री बनते ही उन्होंने बिजली के लिए तड़प रहे गुजरात को बिजली सड़क और पानी से रोशन कर दिया , गुजरात मे आन्तर्राष्ट्रीय समिट होने लगी जिसमे विदेशी निवेशकार भी आने लगे उनकी लोकप्रियता बढ़ रही थी जो काँग्रेस के लिए सिरदर्द बन रही थी मगर मोदी को गुजरात बाहर कोई जानता नही था ऐसे में एक घटना हुई " गोधरा कांड "
*मौका मिला और फंसा दिया
काँग्रेस को मौका मिला मोदी को फ़साने का और काँग्रेस ने हर माध्यम से मोदी को बदनाम करना शुरू कर दिया , हालांकि ये नेगेटिव पब्लिसिटी हो रही थी देश का छोटा मीडिया केंद्र से लेकर बड़े मीडिया घरांने ने दिन रात मोदी को कोसना शुरू कर दिया था , तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी की भले ही ये नेगेटिव पब्लीसीटी हो रही हो मगर दिन रात हर एक मीडिया , हर एक काँग्रेसी के मुंह से निकलता हुवा एक शब्द मोदी लोगो के दिमाग मे जगह बनाता गया
*मीडीया , घोटाले और काँग्रेस
सोश्यल मीडिया ने भी इस मुद्दे को खूब चगाया और कभी कोर्ट से तो कभी सोश्यल मीडिया से लोगो के सामने सच्चाई आती गई और इन सच्चाई के बीच आज तरोताजा काँग्रेस के घोटाले भी आने लगे जहां एक तरह मोदी की नीति से गुजरात की जनता और विश्व मंच खुश थे वहां दूसरी तरफ काँग्रेस के घोटालो से देश की जनता त्रस्त थी
*मोदी के नाम से
मानो देश का हर नेता पब्लीसीटी पाने के लिए मोदी के नाम का सहारा लेने लगा था , देश मे जहां भी जाओ या फिर कोई भी चेनल लगाओ या अखबार देखो उस मे मोदी की नेगेटिव खबर ना हो ऐसा हो ही नही सकता था
*जनता ढूंढने लगी
काँग्रेस और साथी पक्षो द्वारा फैलाई गई इसी नेगेटिव पब्लीसीटी की वजह से गुजरात के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी में भारत के भावी प्रधानमंत्री की छबि को देश की जनता ढूंढने लगी जिसका असर 2014 की लोकसभा में साफ दिखाई दिया और काँग्रेस की सरकार को इतिहास में सबसे बड़ी हार झेलनी पड़ी महज 44 सीट पर सिमट गई काँग्रेस
*कुल्हाड़ी मार दी
झूठ और मुस्लिम वोट बैंक पाने के चक्कर मे काँग्रेस ने खुद अपने ही पैर पर कुल्हाड़ी मारी शायद काँग्रेस भूल गई थी कि जिस मुस्लिम समाज को वो आजादी के बाद से झूठे सपने दिखा रही थी उन मुस्लिम भाई बहेनो को भी दिमाग है और वो भी अपने परिवार के लिए सोच सकते है क्यों कि पाकिस्तान की सबसे बड़ी मीडिया ने जब एक सर्वे किया था कि भारत मे सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान कहा है तो सर्वे के नतीजे चौकानेवाले आये थे नतीजो में था कि सबसे ज्यादा सुखी मुसलमान पूरे भारत मे अगर कही है तो तत्कालीन मुख्यमंत्री मोदी के गुजरात मे , और यही गुजरात को काँग्रेस मुसलमान विरोधी बताने में कोई कसर नही छोड़ रही थी
*ये हाल हो गया है (देखिये विडीओ )
नेगेटिव पब्लीसीटी ने ही देश की जनता का ध्यान मोदी की ओर खींचा था और आज भी यही मंजर है कि कांग्रेसी नेता अपना नाम भूल रहे है अपना काम भूल रहे है चुनाव में अपना प्रचार भूल रहे है जिसका एक उदाहरण यहां पर है
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आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (02-12-2018) को "अनोखा संस्मरण" (चर्चा अंक-3173) पर भी होगी।
ReplyDelete--
सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
धन्यवाद आदरणीय श्री
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