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Friday, September 6, 2019

शून्य में शून्य : आखिर क्या है ?





शून्य भी बड़ा कमाल का है एक तरफ से देखो तो शून्य है मगर सबकुछ शून्य में समाया हुवा है और वैसे भी कहा जाता है कि अंत ही आरंभ है इस बात को समझना आसान नही है और जो समझ जाता है उसे संसार मे किसी बात का डर नही रहता है और संसार की हर मोह माया से परे हो जाता है । कुल मिलाकर देखा जाए तो शून्य एक रहस्य है जिसे सुलजाना जरूरी है हम सब शून्य के अंदर ही है और जो शून्य की सीमा बिना सोचे समझे लाँघता है वो फिर से शून्य बनकर जन्म लेता है याने शून्य बन जाता है ...... आई बात कुछ समझ मे या सब उप्पर से गया ? ....

अनुराधा चौहान जी की शून्य कलम शून्य के परिध से कुछ कहे रही है आज जो सीधे शब्दों में साफ साफ बता रही है कि ......

शून्य से आए हैं
शून्य में समा जाएंगे
शून्य के रहस्य को
हम फिर भी न समझ पाएंगे

" पोएट्री बाय अनुराधा " एक बेहतरीन ब्लॉग है मगर उस ब्लॉग की ये रचना ईश्वर की खूबसूरत रचना को याने इंसान को बहुत कुछ समझाती है कि मत कर इतना अभिमान मत कर ये मेरा ये मेरा क्यों कि तू खुद एक शून्य है और तुझे उसी शून्य में समाना है ,.... जरूर पढियेगा इस पोस्ट को दोस्तो ।

 अनुराधा जी कलम यहाँ है और अनुराधा जी के लिए आपको एक कमेंट enoxo multimedia के यूट्यूब चैनल पर भी देना क्यों कि कुछ रचना दिल की गहराइयों से लिखी गई होती है और हाँ यूट्यूब चैनल को subscribe करके bell आइकॉन दबाना भूलियेगा नही



 शून्य के मायाजाल में हम सब फंसे हुवे है और इतनी गहराई में फसे है कि हम कभी कभी अपनो को भी भूल जाते है उन लोगो को भी भूल जाते है  जिन्होंने हमारे बुरे वक्त में हमारा साथ दिया होता है और भूलते भी ऐसे है की उनकी याद तक नही आती मानो शून्य में समा जाती है उसकी याद जी हाँ शून्य .... शून्य में अपनों को डालकर शुकुन की जिंदगी जीते है हम और खुद भी शून्य की तरफ प्रस्थान करते है तो कभी उस भुलानेवाले इंसान से पूछने का मन करता है कि ....... 

तू मुझे कैसे भूल जाता है ,
भूलकर कैसे सकून पाता है !

याद आती नहीं तुझे मेरी
फ़िक्र सताती नहीं तुझे मेरी
हमने बातों में इक सदी गुज़ारी थी
 वो सदी तू कैसे भूल जाता है !

तू मुझे  कैसे भूल जाता है !

जी हाँ वेणु जोया जी की कलम ने शून्य के मायाजाल में फंसे इंसान को कुछ पूछा है ...की तू मुझे कैसे भूल जाता है ? ...सच कहु तो यही शून्य का कमाल है और यही आरम्भ की वजह भी है जरूर पढियेगा इस रचना को दोस्तो .... और कमेंट में वेणु जी ने पूछे सवाल का जवाब दीजियेगा




शून्य का मायाजाल ही ऐसा है कि होकर भी साथ नही होता है जैसे आपके पास सबकुछ है मगर फिर भी कुछ भी नही है .... आपके पास अल्फाज है आपके पास ख्वाब है आपके पास ख्वाहिश है ,जुबां है मगर जैसे ही शून्य के परिध को आप टच करते है वैसे आप शून्य बन जाते है और शून्य के रास्ते पर चले जाते है ..... बात अभी भी नही समझे क्या तो भाई चलो ज्योति सिंह की कलम से कैद कुछ अल्फाजो को समझते है .....

होकर भी साथ नहीं

ख्वाब  वही 

ख्वाहिश  वही

अल्फाज  वही 

ज़ुबां  वही  ,

फिर  रास्ते  कैसे 

जुदा  है  सफ़र  के  ,

ज्योति सिंह की इस रचना ने चंद शब्दो मे बहुत गहराई भरी बात कर दी है आप जरूर पढ़ें इस रचना को और ज्योति दीदी की इस रचना पर कमेंट करना और उनके लिए यूट्यूब पर भी कमेंट करना भूलियेगा नही




शून्य में समाए इंसान की ख्वाइश बहुत रहती है मगर इंसान हरी पत्तियों को भी पतझड़ बना देता है अपनी ख्वाइशें पूरी करने के लिए अरे भाई हरि पत्तियां का मतलब अपने हरे भरे जीवन मे ख्वाईश का ढेर लगा देता है जब हारकर थक जाता है तब ... 

चंचल किरणें  शशि की
झांक रही थी पत्तियों से ,
उतर आई अब मेरे आंगन ,
जी करता इनसे अंजलि भर लूं
या  फिर थाली भर-भर रख लूं ,

जी हाँ कुसुम कोठारी की कलम ने इंसान की उस फितरत की बात की है जो शून्य में समाई हुई है मगर फिर भी वो मजबूत है ..... आप पढिये तो सही फिर आप भी कहेंगे कि वाह ! चाँद कटोरा , .... भाई वहाँ कमेंट करके ये जरूर बताना की शून्य में समाई हुई इंसानी फितरत कितनी मजबूत है और चांद कटोरा के लिए यूट्यूब चैनल पर भी एक कमेंट जरूर करियेगा ...


शून्य भी बड़ा कमाल का है कभी खलबली मची हुई थी .... कभी वैभव अपार था और ताकत इतनी थी कि देश को 70 साल से लूट रही सरकार को भी घर का रास्ता दिखाया था अरे ! भाई मैं 2014 के के पहले की बात कर रहा हु ब्लॉग जगत की मगर आज ना जाने उसका वो वैभव कहाँ गया और कहाँ खो गया वो अफाट शब्दो का खजाना .... ना जाने क्यों कई बेहतरीन लेखको की कलम शून्य हो गई ... ना जाने क्यों ?

शून्य क्या इसीको कहते है अंत अगर इसीको अंत कहते है तो दूसरी तरफ अंत को ही आरम्भ भी कहते है .... चलो दोस्तो एकबार फिर से प्राप्त करे वो वैभव जिसमे आप जैसे लेखको की तेज कलम के माध्यम से कैद होते अल्फाज हो

चलो ब्लॉग जगत की हालत पर हो जाये एक बात ..मेरे प्रिय बंधु और मार्गदर्शक श्री अजय झा जी की कलम आज फिर से कुछ बात कर रही है जरूर पढियेगा दोस्तो


* विडीओ ब्लॉग पंच के एपिसोड









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धन्यवाद ,

Sunday, September 1, 2019

ब्लॉग पंच और कश्मीर । बेस्ट ब्लॉग की चर्चा

दोस्तो ,आज आपको सीधा कश्मीर और ब्लॉग पंच से बेस्ट ब्लॉग पर लेकर चलता हूं तो चलिए मगर पहले ये बताओ कि क्या आप तैयार है अच्छे ब्लॉग पोस्ट की सफर के लिए ?

टिकट बिकीट की चिंता छोड़ो सिर्फ enoxo multimedia की गाड़ी में बैठ जाओ , अरे ! भाई आराम से आराम से बहुत जगह है गाड़ी में धक्कामुक्की मत करो भाई ।

अपने अपने सीट बेल्ट बांध लें क्यों कि हम जा रहे है शानदार ब्लॉग की सफर पर ...... तो चलते चलते वीडियो ब्लॉग पंच 4 की बात करते है मगर सबसे पहले अपनी सीट के आगे दी हुई स्क्रीन पर देखिये वीडियो ब्लॉग पंच 3 की एक झलक ।


तो देख ली झलक , चलिए बढ़ते है कश्मीर की ओर , आप देख सकते है कश्मीर की खूबसूरत वादियाँ और खूबसूरत बर्फीले पहाड़ और उसमें बहते हुवे झरने ......अरे रुकिए भाई माना कि कश्मीर के सेब बहुत ही मीठे होते है और बेहतरीन होते है मगर फल खरीदने से पहले कुछ जरूरी जानकारी भी आपको होनी चाहिए ताकि आपकी सेहत बनी रहे क्यो की आजकल रासायनिक तरीके से पकाये फल और सब्जी बहुत आ रही है और आप कैसे पहचानेंगे की ये फल रासायनिक तरीके से पकाया गया है या फिर प्योर तरीके से पके है ?

ब्लॉग पंच 4 यहाँ है 


ज्योति देहलीवाल दीदी आप कहाँ हो ? जरा इन सबको समजाओ की फल खरीदने से पहले हमे क्या क्या सावधानी बरतनी चाहिए , ताकि अच्छे फल खाये और इन सबकी सेहत बनी रहे ,ओह ! ज्योति देहलीवाल दीदी आप यहाँ हो ..... आप वही पर रहना मैं भेजता हु इन पाठको को ताकि आप समझा सके । चलो भाई स्टॉप आ गया है और हाँ ,आप गाड़ी की चिंता ना करे जब तक आप वापस नही आएंगे गाड़ी आगे नही जाएगी , आप बिंदास्त जाओ .......।

आ गए आप फल खरीदने से पहले की जानकारी लेकर तो चलो आगे बढ़ते है ...... शालिनी कौशिक दीदी भी आजकल कश्मीर में ही है आग उगलती अपनी कलम के साथ और ऐसा हो सकता है कभी की कश्मीर आये है हम और शालिनी दीदी को ना मिले ? चलो ढूंढते है शालिनी दीदी को ।

दोस्तो जब से मोदी और शाह की जोड़ी द्वारा कश्मीर से अनुच्छेद 370 व 35 A हटाया गया है सारे देश में एक चर्चा हो रही है वो क्या है चर्चा ये हम शालिनी कौशिक दीदी से ही पूछते है और जानते है कि क्यो शालिनी दीदी कहेती है कि क्या लड़कियां सम्पत्ति होती हैं ?

अब ये शालिनी कौशिक दीदी की बात सुनकर देश मे लड़कियों के बारे में वाहियात चर्चा करनेवालो को ये कहने को मन कर रहा है की तेरे जैसे कई हैं ‘उलूक’ बिना धागे के बनियान लिखते हैं ...... अरे ! भाई ये मैं नही मगर सुशील कुमार जोशी जी की कलम बोल रही है .... कमाल है ना ? कश्मीर की इतनी ठंड भी इन ब्लॉगरों की कलम की आग को ठंडा नही कर पा रही ना .... । 

अब कश्मीर पर आप खराब सोच रखोगे तो यही होगा ना ? आप ने देखी है कभी बिना धागे की बनियान ? नही देखी है तो यहाँ देख आओ तब तक गाड़ी आगे नही बढ़ेगी ये वादा रहा ।

यूँ ही कल झाड़ पोंछ में ज़हन की
वक़्त की दराज़ से निकल आये 
कुछ ख़्याल पुराने 

जी हाँ कश्मीर हमारा है मगर कश्मीर आये है तो कुछ ख्याल आया जाता है और वो है कश्मीरी पंडितों का .... कितनी तकलीफ हुई होगी उनके परिवार की जब अपना घर छोड़कर भागना पड़ा होगा ? उनसे कहना तो बहुत कुछ था मगर मौजूद नही थे आज सुनने के लिये , अरे मुझे कुछ नही कहना है मगर अमित मिश्रा जी की कलम को कुछ कहना था जो यहाँ पर कहे दिया है । चलो स्टॉप आ गया अमित मिश्रा जी की कलम ने क्या कहा है वो पढ़कर आओ ।

गए क्या सब ? तो चलो आगे बढ़ते है

कश्मीर की बात करने पर उसमे प्यार की बात ना आये तो सब व्यर्थ है , अरे ! भाई खूबसूरत वादियाँ देखकर मन मे प्यार का ख्याल आ ही जाता है ... मगर जैसे कश्मीर के प्यार में कश्मीरी पंडित परिवार को जहर पीना पड़ा था ठीक वैसे ही अनिता सैनी की गूंगी गुडिया भी कुछ कहे रही है प्यार के बारे में तो भाई चलिए गूंगी गुड़िया पर अनिता सैनी की कलम से कैद शब्दो के प्यार को समझते है

आ गए सब ..... चलो अब वापस अपने अपने घर चलते है और फिर मिलेंगे अगले एपिसोड के वक़्त तब तक enoxo multimedia को subscribe करके bell आइकॉन दबाना ताकि वीडियो ब्लॉग पंच 5 के अगले सफर में आपकी टिकिट कन्फर्म हो जाये ....... 

नोट : यूट्यूब चैनल पर जिसके ब्लॉग के लिए ज्यादा कमेंट पाठक द्वारा आएगी उसे दिया जाएगा बेस्ट ब्लॉग का बेस्ट ब्लॉग पंच एवार्ड 

विडीओ ब्लॉग पंच के एपिसोड 

Part 1 : ब्लॉग पंच 

Part 2 : ये मोदी फिर से खेल गया 

Part 3 : दांतो के दर्द का घरेलू 100% इलाज 

Part 4 : ब्लॉग पंच 4 


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फिर मिलेंगे नए सवाल के जवाब के साथ तब तक हँसते रहिये ,स्वस्थ रहिये और अपने प्यारे से परिवार को जी भरकर प्यार देते रहिये

धन्यवाद ,

Wednesday, August 14, 2019

भावनाओं के प्रसव की उपज है कविता ... विडियो ब्लॉग पंच 5 लिंक

भावनाओं के प्रसव की उपज है कविता ... विडियो ब्लॉग पंच 5 लिंक



भावनाओं के प्रसव की उपज है कविता ..... वाह ! क्या बात है जबदस्त कविता है ये इस कविता को मानो सुधा देवरानी ने दिल की गहराई में कलम डुबोकर लिखी है 

इस कविता में ओर भी एक पंक्ति है जो बयाँ करती है एक कवि की भावना और वो... इस प्रकार है...

फिर कागज पे कलम से बुन लूँ
बन जाये कोई कविता
जो मन को लगे सुहानी

अरे ! आप तो कविता में खो गए मैं थोड़े ही यहाँ पूरी कविता प्रस्तुत करनेवाला हु .....अगर आपको सुधा देवरानी द्वारा लिखी गई ये पोस्ट पढ़नी है तो आपको यहाँ जाना होगा तो चलो लिंक पर क्लिक करो दोस्तो और हाँ सुधा देवरानी जी की कलम के बारे में उनके ब्लॉगपर जा कर दो शब्द कमेंट के रूप में कहना जरूर |


तो चलिए अब बढ़ते है चन्द पंक्तियाँ की ओर कौन कहता है कि कविताएं बस यूँ ही .... बन जाती है भाई अरे कविता लिखनेवालों को पूछो की दिल की गहराई के समंदर में डुबकी लगाकर स्मृति पटल पर उभरे शब्दो को कागज पर कैद करना कितना आनंद और दर्द से भरा होता है ?

खैर बात निकली ही है चन्द पंक्तियाँ की तो करते है चन्द पंक्तियाँ में उभरे दर्द की और उस दर्द में छुपे सुगंध की सुबोध दीक्षित की कलम आज कहती है चन्द पंक्तियाँ ..... जो इस प्रकार है

माना कि ... पता नहीं मुझे
पता तुम्हारा,
पर सुगन्धों को भला
कब चाहिए साँसों का पता
बोलो ना जरा ...

इस पोस्ट में लिखी गई इस बात की गहराई में कभी जाना दोस्त आपको कलम और महोब्बत की ताकत का अंदाजा हो जाएगा और उनके ब्लॉग पर जा कर दो शब्द कमेंट के रूप में कहना जरूर चन्द पंक्तियों में

सुबोध सिन्हा जीकी कलम को यहाँ पढ़िए

नोट : सुबोध जी की हम माफी चाहते है कि हमसे अनजाने में उनका नाम सुबोध सिन्हा की जगह सुबोध दीक्षित हो गया था । 


चलो अब आगे बढ़ाते है कारवाँ ब्लॉग पंच 3 का और बात करते है जमीन घर पेड़ और पानी की ओह ! बात नही भाई गुफ्तगू करते है कहो । पम्मी सिंह की कलम जब भी किसी मुद्दे पर गुफ्तगू करती है ना तो दिल बाग बाग हो जाता है मगर गालो पर सबक के चांटे की उंगलियां साफ दिखाई देती है । ऐसा ही एक सबक उनकी कलम ने हम सबको दिया है .... जल संरक्षण के नाम से

उनकी कलम कहती है कि .......

एहतियात जरूरी है,घर को बचाने के लिए।
पेड़-पौधे ज़रूरी है,ज़मीन को संवारने के लिए।।

कर दिया ख़ाली ,जो ताल था कभी भरा ।
 मौन धरा पूछ रहीकिसने ये सुख हरा।।

पड़ा ना सबक का चांटा अरे भाई हमने तो पहले ही कहे दिया था कि सबक का चांटा पड़ता है पम्मी सिंह की कलम से तो आगे से ये बात याद रखना और पानी याने जल संरक्षण जरूर करना वर्ना अब की बार मौन धरा नही बल्कि पम्मी सिंह की कलम बोलेगी की ..... किसने ये सुख हरा तो अब उनके ब्लॉग पर जा करदो शब्द कमेंट के रूप में कहना जरूर ।


वीडियो ब्लॉग पंच 3 के कारवाँ को आगे बढ़ाते है और अब आपको लेकर चलते है जल से सीधा चाँद पर तो क्या आप तैयार है अरे ! भाई जाना नही है मगर यहीं से ही चाँद को कुछ सुनाना है और मुझे यकीन है की रेणु जी की कलम की आवाज चाँद को भी सुनाई देगी ।


 सुनो चाँद !..

अब  नहीं हो! दुनिया के लिए,
 तुम तनिक भी अंजानेचाँद!
 सब जान गए राज तुम्हारा
 तुम इतने भी नहीं सुहानेचाँद!

चाँद से भला कौन प्यार नही करता क्यो की वो तो पूरी दुनियाँ के मामा है और मामा शब्द में तो दो माँ आती है ,तो उनके ब्लॉग पर जा कर दो शब्द कमेंट के रूप में कहना जरूर तो जाइये और कमेंट दीजिये इंतजार किस बात का भाई ?

चलो अब बहुत हुवा पहले एक कवि का हृदय देखा फिर एक मोहब्बत से भरी कलम की सुगंध को देखा उसके बाद जल संरक्षण देखकर चाँद पर भी जा आये तो भाई अब चाँद से वापस नीचे आ जाओ क्यों कि जीवन मे थोड़ा परिवर्तन भी जरूरी है । तो चलो चलते है परिवर्तन की ओर ....... क्या बात है चलो चलते है कहने पर आप अकेले चल दिए ? , रुको भाई हम भी तो आ रहे है ओमकार जी के गाँव मे हमे भी देखना है कि किस परिवर्तन की बात वो करते है ।


मेरे गाँव में अब
पढ़े-लिखे रहते हैं,
हिंदी समझते हैं,
पर अंग्रेज़ी कहते हैं.

सच तो कहा है ओमकार जी की कलम ने क्यों की इतनी मीठी हमारी राष्ट्रभाषा है मगर आज भी अंग्रेजी बोलकर लोग रुबाब झाड़ते है अंग्रेजी बोलने से कुछ नही होता बंधु जो होता है वो बुद्धि से होता है और अपनेपन से होता है ..... भला ये अंग्रेजी में कहाँ है अपनापन ?



विडीओ ब्लॉग पंच 3 के एपिसोड में इन लिंको की प्रस्तुति करके चर्चा की गई है कृपया एक बार जरूर देखें और कमेंट के रूप में वहां अपना आशीर्वाद दर्ज करे





नोट : अगर आप भी अपने ब्लॉग को विडीओ ब्लॉग पंच में शामिल करना चाहते है तो आपके ब्लॉग की लिंक हमे हमारे ईमेल आईडी पर भेजे हमारा ईमेल आईडी हमने वीडियो ब्लॉग पंच 3के विडीओ में दिया है ।

आप मुझे यहाँ मिलिए :






धन्यवाद ,

Tuesday, August 6, 2019

ब्लॉग पंच आखिर है क्या ? एक खुशखबर हर ब्लॉगर के लिए

ब्लॉग पंच आखिर क्या है ? जो भी है मगर ..... ब्लॉग पंच सभी ब्लॉगर भाई बहनों के लिए एक खुशखबर है, इस बात में कोई संदेह नही है वो कैसे ये मैं बताता हूं और कैसे आपको फायदा होगा ये भी बताऊंगा । तो चलिए चलते है ब्लॉग पंच की दुनियाँ में .......... और कैसे पा सकते है शानदार अवार्ड ?

अब हर ब्लॉगर को होगा फायदा ,ब्लॉग पंच के सहारे

■ ज्ञान बांटने से बढ़ता है 
दोस्तो ,हम सब हमारी पोस्ट लिखने में जी जान लगा देते है , और जितना भी हमे उस विषय पर पता है वो सब हम कीबोर्ड और हमारी उंगलियों के सहारे कम्प्यूटर में शब्दो के रुप में कैद कर देते है और उसे हमारे ब्लॉग पर पोस्ट करते है । मन में यही ख्याल रहता है कि इस पोस्ट को सबसे ज्यादा लोग पढ़ेंगे और पोस्ट को पसंद करेंगे ,क्यों कि हमने लिखे हुवे विषय पर हमारा सारा ज्ञान शब्दो के रूप में एक मस्त पोस्ट बनाकर लोगो तक पहुंचाने का काम किया कर दिया है कहते है ना कि ज्ञान बाँटने से बढ़ता है

■ आँकड़े मायूस कर देते है 

ऐसा ही होता है जब हम उस पोस्ट को कितने लोगों ने देखा ये जब देखते है और सोचने लगते है कि क्या कमी रहे गई इस पोस्ट में जो ज्यादा पाठक तक पहुंच ना सकी मानो एक तरह की निराशा आपके मन को घेर लेती है ऐसे में कही न कही आपका बुलंद हौसला टूटता नजर आता है । 

■ ब्लॉग पंच लाया अनोखा तरीका 

पहले लोग सिर्फ ब्लॉग के बारे में जानते थे और उनके पास यही एक सोश्यल मीडिया का विश्वस्नीय प्लेटफार्म था मगर आज सोश्यल मीडिया अनेक रुप से फैल चुका है । ऐसे में आपकी लिंक सिर्फ ब्लॉग और फेसबुक तक सीमित हो जाती है ऐसे में हमारी टीम आपके लिए लाई है एक शानदार तरीका जिससे आपके ब्लॉग के पाठक बढ़ेंगे । ऐसा करने का कारण क्या है , तो .......

पाठक वर्ग पर हावी हो रहा है दर्शक ? एक सर्वे

ये भी एकसच्चाई ही है दोस्त , क्यों कि आजकल वीडियो का जमाना आ गया है । यूट्यूब पर विडीओ देखने मे ज्यादा लोग कार्यरत है और हमारी enoxo multimedia की टीम ने देखा और एक सर्वे किया जिस में हमने देखा की यूट्यूब पर वीडियो में दिए गए लिंक ज्यादा लोग पढ़ते है , याने आपके ब्लॉग की लिंक enoxo multimedia के ब्लॉग पंच वीडियो में और डिस्क्रिप्शन में शेयर करने से आपको आपके ब्लॉग के लिए पाठक मिल सकते है ।

आपका ब्लॉग जीत सकता है अब ब्लॉग पंच का खिताब 

जी हाँ हमने शुरू किया है ब्लॉग पंच , एक वीडियो में सिर्फ आपके लिंक की चर्चा होगी और आपके ब्लॉग की और जिस ब्लॉग के लिए दर्शक ज्यादा कमेंट हमारी चेनल पर करेंगे उसे दिया जाएगा " ब्लॉग पंच " का शानदार अवार्ड ।

याद रहे हमारी चेनल पर किये कमेंट ही काउंट होंगे इसलिए आपको 3 महीने याने 90 दिन का वक़्त दिया जाएगा ताकि दर्शक ही चुन सके बेस्ट ब्लॉग पंच का बेस्ट ब्लॉग , तो यहाँ दी है पहले ब्लॉग पंच विडीओ की पहली लिंक

कहीं आपका ब्लॉग तो इस ब्लॉग पंच विडीओ में शामिल तो नही है ना ? जरा देखिये तो सही 

अगर आपका ब्लॉग इस ब्लॉग पंच के विडीओ में शामिल है तो शेयर कीजिये इस वीडियो की लिंक और आप भी कमेंट करे और अपने ब्लॉग पाठक, अपने दोस्तों और परिवार के सदस्यों को भी कहे कि आपके ब्लॉग पंच के विडीओ पर आपके ब्लॉग पोस्ट की लिंक के लिए आपके ब्लॉग के नाम के साथ कमेंट करे ताकि आप जीत सके ब्लॉग पंच का अवार्ड

तो देर किस बात की है मेरे दोस्त ? चलो चेक करो कि आपका ब्लॉग इस वीडियो में शामिल है या नही ? और कीजिये आपके पसंदीदा ब्लॉग पोस्ट के लिए कमेंट

ब्लॉग पंच

नोट : ब्लॉग पंच शुरू करने का एक मात्र उद्देश यही है कि मेरे सभी ब्लॉगर भाई बहनों के ब्लॉग पर दर्शक बढ़े और मैं धन्यवाद देना चाहूंगा https://eksacchai.blogspot.com को उन्होंने हमें सहयोग दिया

आपके ब्लॉग पोस्ट की लिंक हमे ईमेल के जरिये भेजना भूलियेगा नही ।

और हो सके तो हमारी चेनल enoxo multimedia को subscribe करके बेल आइकॉन दबाये ताकि आपको ब्लॉग पंच का अपडेट मिलता रहे 

आशा रखते है कि आप सभी का सहयोग मिलेगा

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Thursday, August 1, 2019

सायबर दोस्त आखिर क्या है ? सरकार का महत्वपूर्ण कदम आपके लिए

https://youtu.be/FqtZad2Zeyo

"  रोज हम अखबार में पढ़ते है कि बहु बेटियों को कभी कभी अश्लील संदेश या फिर अश्लील कमेंट , विडीओ , वोट्सअप और फेसबुक पर आ जाते है जिसको हम रोकना चाहते है मगर कैसे रोके ये पता नही होता है या फिर उनके खिलाफ शिकायत कैसे करे ये पता नही होता है ,ऐसे में मोदी सरकार द्वारा एक अच्छा कदम उठाया गया है । "

" जिसके चलते आप ऐसे अपराधों की शिकायत आराम से घर बैठे सरकार के द्वारा बनाये गए पोर्टल  पर कर सकते है गृहमंत्रालय का ये कदम काफी सराहनीय है । मानो निर्भया फंड का सही इस्तेमाल सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए राष्ट्रीय मिशन के तहत किया है ,जिससे पीड़ित /शिकायतकर्ताओं को सायबर अपराध की शिकायत  ऑनलाइन दर्ज करवा सके,यहाँ आपको बेनामी रिपोर्ट (अनाम रिपोर्ट) करने की सुविधा मिलती है "

" याद रहे कि ये पोर्टल ऑनलाइन बाल अश्लीलता / बाल यौन शोषण सामग्री  या यौन रूप से स्पष्ट सामग्री जैसे कि बलात्कार / गैंग रेप सामग्री से संबंधित शिकायतों को पूरा करता है। और सबसे बड़ी बात ये है कि इस पोर्टल पर दी गई शिकायतों को राज्यों / संघ राज्य क्षेत्रों के संबंधित पुलिस अधिकारियों द्वारा शिकायतकर्ताओं द्वारा प्रदान की गई शिकायतों में सूचना के आधार पर निपटाया जाता है। "

" आपको बता दु की इस पोर्टल पर सीपीओ / आरजीआर सामग्री की अनाम रिपोर्टिंग के लिए विकल्प मानो सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार सुओ मोटू रिट याचिका संख्या ३ / २०१५ के तहत प्रदान किया गया है। "

" माननीय सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार, सू की मोटू रिट याचिका के मामले के तहत बेनामी रिपोर्टिंग सुविधा प्रदान की गई है और 3/2015 इस प्रावधान का उपयोग ऑनलाइन चाइल्ड पोर्नोग्राफी / चाइल्ड सेक्सुअल अब्यूसिव मटीरियल या यौन रूप से स्पष्ट सामग्री जैसे रेप / गैंग रेप से संबंधित सामग्री / घटना की रिपोर्ट करने के लिए किया जा सकता है। "

" इसमें सबसे अच्छी बात ये है कि आप अपडेट प्राप्त करना चाहते हैं या ऑनलाइन शिकायत की स्थिति को ट्रैक करना चाहते हैं, तो आप होम पेज पर "रिपोर्ट और ट्रैक" बटन पर क्लिक करके रिपोर्ट भी  कर सकते हैं। "

 " गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा इसके लिए एक ट्विटर हैंडल बनाया गया है एवं साइबर क्राइम रोकने हेतु वेबसाइट भी आम जनता के लिए तैयार की गई है जहां सभी लोग इसके बारे में न केवल जानकारी ले सकते हैं बल्कि इसके बारे में रिपोर्ट भी कर सकते हैं तो इसका लाभ उठाएं और परिवार के साथ सुरक्षित रहे यही मंगल कामना । "

 " इस पर बना पूरा विडीओ आप एक बार जरूर देखें और समजे कैसे इस पोर्टल का इस्तेमाल कर सकते है आप enoxo multimedia पर Cyber-safety and Cybersecurity awareness ,maintained by Ministry of Home Affairs, Government of India सर्च करके भी देख सकते है और पूरी जानकारी भी ले सकते है । "

 शिकायत दर्ज करवाने के लिए इस पोर्टल का इस्तेमाल करे 

Official twitter handle of cyberdost : @cyberdost

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" फिर मिलेंगे नए सवाल के जवाब के साथ तब तक हँसते रहिये ,स्वस्थ रहिये और अपने प्यारे से परिवार को जी भरकर प्यार देते रहिये ।"

धन्यवाद

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Tuesday, July 30, 2019

मोब लिंचिंग की शुरुवात कहाँ से हुई ? पूरा इतिहास

आइये आज देखते है लिंचिंग का इतिहास और इसकी क्रूरता

"असल मे भारत का चरित्र नहीं है मॉब लिंचिंग, यह भारत को बदनाम करने वाला एक विदेशी चलन है जिसे कुछ बुद्धिजीवी बढ़ाचढ़ाकर भारत के सर लिंचिंग का ताज रखना चाहते है अगर आप विराट भारत का प्राचीन इतिहास उठाकर देखेंगे तो आपको इस बात का अंदाजा हो जाएगा कि भारतीय सनातन संस्कृति के विपरीत है ये लिंचिंग क्यों कि सनातन संस्कृति में कही पर भी हिंसा का नही कहा गया है । "

लीचिंग की शुरुवात विलियम लिंच ने की थी

' लिंचिंग’ ये शब्द अमेरिका से ही आया है इस बात में संदेह नही है , कुछ लोग जिसे विलियम लिंच के नाम से जानते है तो कुछ चार्ल्स लिंच के नाम से उसने एक क्रांति के दौरान अपनी निजी अदालतें बिठानी शुरू की और अपराधियों तथा विरोधी षड्यंत्रकारियों को बिना किसी कानूनी प्रक्रिया के सजा देने लगा. धीरे-धीरे ‘लिंचिंग’ के रूप में यह शब्द पूरे अमेरिका में फैल गया । याद रहे इस निजी अदालत में विरोधी षडयंत्रकारियो को बिना कोई कानूनी प्रक्रिया के तहत सजा दी जाती थी । ओल्ड टेस्टामेंट के डीयूटेरोनॉमी नामक 21 वें चैप्टर में सामूहिक हत्या, हिंसा व अपराध के मजहबी प्रकार का वर्णन भी है।"

"वहीं से यह हिंसक व्यवहार यूरोप, अमेरिका, अफ्रीका और अरब के देशों में प्रचलित हुआ। उन देशों में कानून प्रक्रिया का अंग बना और रिलीजन व मजहब के व्यवहार में भी सम्मिलित हुआ। "

■ शुरू हुवा लिंच लॉ

" जिसको चार्ल्स लिंच ने 1782 में "लिंच लॉ" के नाम से वर्णित करते हुए कहा कि उनके सहयोगी ने इसके माध्यम से टोरिस और नीग्रो लोगों को निपटाया। (Waldrep, Christopher (2006). "Lynching and Mob Violence". In Finkleman, Paul (ed.).Encyclopedia of African American History 1619–1895. 2. New York City: Oxford University Press. p. 308.)"

" आप देखिये कि मॉब लिंंचिंग का समाानार्थी शब्द संस्कृत या हिंदी भाषा में नहीं है। क्योंकि किसी की हत्या का यह व्यवहार भारत की संस्कृति का कभी भी अंग नहीं रहा। भारत में न्याय शास्त्र अति प्राचीन है। "

■ कुछ ऐसा था

" मॉब लिंचिंग स्पष्ट रूप से विदेशी बर्बरता के चरित्र से पनपा हुआ हिंसक क्रूर व्यवहार है जिसकी जड़ें ओल्ड टेस्टामेंट में हैं। अमेरिका के स्टेट ऑफ वरजीनियाँ में चार्ल्स लिंच और विलियम लिंच के द्वारा ओल्ड टेस्टामेंट की इसी व्यवस्था के अनुरूप अपराध के आरोपों पर भीड़ द्वारा सामूहिक हत्या की परिपाटी आरम्भ की गई। स्वघोषित जज विलियम लिंच के द्वारा यह न्याय की परिपाटी आरम्भ हुई। "

" क्या ब्रिटेन से गए हुए श्वेत प्रवासियों ने अमेरिका में अश्वेत लोगों की हत्या के लिए लिंचिंग की प्रक्रिया आरम्भ किया ? ये भी एक सवाल है । "

" अगर सरकारी आंकड़े देखे तो 1882 से 1951 तक 69 वर्षों में सरकारी आँकड़ों के अनुसार 3437 अश्वेत लोगों की मॉब लिंचिंग हुई जबकि प्रत्युत्तर में 1293 श्वेत लोगों की मॉब लिंचिंग हुई थी । "

("Lynchings: By State and Race, 1882–1968". University of Missouri-Kansas City School of Law. )

■  क्या है द एमेनिसिपेशन एक्ट ?

"जब लोकतंत्र ने स्वरूप लेना आरम्भ किया तब उन्हें मताधिकार नहीं दिया गया जिसकी वजह थी श्वेत अश्वेत की भेद रेखा , ब्रिटेन में तो 1833 में द एमेनिसिपेशन एक्ट के माध्यम से श्वेत बहुलता वाले समाज में अश्वेतों की भागीदारी पर रोक लगा दिया गया था। "

" अगर आप भूले नही है तो दक्षिण आफ्रिका में इसी रंगभेदी लिंचिंग की मानसिकता के विरुद्ध नेलशन मंडेला का बहुत लंबा संघर्ष चला जो विश्व इतिहास में अत्यंत महत्वपूर्ण है और रहेगा । "

" अमेरिका में चलाया गया कु क्लक्स क्लान (KKK) भी श्वेत प्रभुत्व के लिए संचालित, संगठित मॉब लिंचिंग का ही आंदोलन था और ऐसे में हम हिटलर को कैसे भूल सकते है ? हिटलर की तानाशाही भी तो लोगों की क्रूरतम सामुहिक हत्या के कारण ही विश्व इतिहास में जानी जाती है और इसी मॉब लिंचिंग के दौर में यूरोप में लिंचर्स के नए समुदाय का जन्म हुआ जिसे मार्क्सवाद के नाम से हम जानते हैइन लोगों ने हथियार बंद भीड़ के द्वारा इसी प्रकार की लिंचिंग प्रक्रिया चलाई जिसे इन लोगों ने " विप्लव " कहा।"

" यूरोप के अनेक देशों के साथ साथ रशीया और चाईना इससे विशेष रूप से प्रभावित हुए है तो ऐसा कहना उचित ही है कि मार्क्सवादियों का यह विप्लव भी एक प्रकार का मॉब लिंचिंग ही था। मओत्से तुंग के द्वारा चलाया गया माओवादी हिंसा जिससे भारत भी प्रभावित हुआ और झुलसा, उस माओवाद की हिंसात्मक प्रवृति भी एक प्रकार की मॉब लिंचिंग ही तो है। "

" यह हिंसात्मक गतिविधि यूरोप से होते हुए अमेरिका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया, न्यूजीलैंड, रशीया, चाईना, अरेबियन कंट्री इत्यादि देशों से होते हुए भारत मे आई किंतु हैरानी तब होती है जब उनकी इस मॉब लिंचिंग की हरकतों का कोई उन्हीं की भाषा में प्रत्युत्तर दे दे तो वही लोग भारत में मॉब लिंचिंग को लेकर छाती पीटते नजर आते हैं। यद्यपी भारत का बहुसंख्यक समाज किसी भी प्रकार की हिंसा के विरुद्ध है। "

" याद रहे जिनकी पीढ़ियाँ उनके देशों में मॉब लिंचिंग, क्रुसेड, तहररूस, विप्लव करती आई हैं भारत में मॉब लिंचिंग और इनटॉलेरेंस का नाम लेकर इस देश को बदनाम करने का अभियान चलाती हुई नजर आती हैं।"

" क्यों कि भारत की विराट संस्कृति जीव दया में मानती है किसीको सहारा देने में मानती है हिंसा में नही "

" कड़वी है मेरी कलम इसलिए आपको अच्छा ना भी लगे मगर देश के लिए सच लिखता हूं कोई फॉलो करें या ना करे मैं तो बस्स ! कड़वा हु और कड़वा ही रहूंगा क्यों कि सच को जो चाहता हु ।"
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" फिर मिलेंगे नए सवाल के जवाब के साथ तब तक हँसते रहिये ,स्वस्थ रहिये और अपने प्यारे से परिवार को जी भरकर प्यार देते रहिये "

धन्यवाद ,

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Tuesday, July 16, 2019

ईश्वर , दुख, CCTV और इन्सान | क्या है इसका कनेक्सन ?

" ईश्वर , दुख, CCTV और इन्सान ... क्या है इसका कनेक्सन ? आजके जमाने मे इन्सान कभी किसी से नहीं डरता चाहे वो भगवान ही क्यू ना हो ? मगर उसे डर लगता है किसी मोल मे या किसी जगह पर लगे CCTV केमेरे का , आखिर ऐसा क्यू ? "
https://youtu.be/6RJDovJXu5Q

" इन्सान अपने द्वारा बनाई गई हर चीज से डरता है यही सत्य है और इसका अनुभव आपने भी किया होगा ,आखिर ऐसा क्यू होता है की अपने द्वारा किए गए आविष्कार से डर लगता है मगर उसे जिसने बनाया उससे डर नहीं लगता ? या फिर जो दीखता है उसीसे डर है और जो नहीं दिखता फिर भी है उससे डर नहीं है | जिसने इन्सान को बनाया उसे और उसकी ताकत को हल्के मे ले रहा है मगर खुद के आविष्कार को महान बताने की व्यर्थ कोशिश कर रहा है इन्सान | "

" इन्सान इतना व्यस्त है की उसके पास समय नहीं है बाकी सबकुछ है , मै उस समय की बात कर रहा हु जिस समय मे वो ईश्वर के सामने खड़ा रहे सके , बस्स ! यही समय की कमी है मगर फिल्म देखने या मोबाइल पर चेटिंग का समय है ,इन चीजो से क्या होता है और कहाँ से उसके जीवन मे दुख प्रवेश करता है ये उसे भी पता नहीं चलता और वो पायमाल हो जाता है बर्बाद हो जाता है  ........ तब वो उसे बनानेवाले याने परम तत्व परमात्मा जिसे हम ईश्वर कहते है उससे सिर्फ एक बात कहेता है .....

और वो बात यहाँ पर है 
यहाँ क्लिक करे आप भी कहेंगे सच है ये बात 

 watch this video also ,
गोल्डन मिनट : इस तरह से करे आपकी मनोकामना पूरी


Mother's day | Don't Abuse| Sexual Abuse|  Maa aur bahen ko gali | Gali kyu dete ho | Mother


Main Bhi Chowkidar/मैं भी चौकीदार


Historic ball but Not from cricket|magic ball


how to renew #amrutam card/અમૃતમ કાર્ડ ને રિન્યૂ કેવી રીતે કરવું ?


Thank you ,

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Tuesday, June 11, 2019

#Tech : चलो आज कुछ सिखते है ( दिल बोले हर हर महादेव )

महादेव महादेव ...आइये आज बात करते है महादेव की, जिनका आप भी बना सकते है एक खूबसूरत विडीओ वो भी अपने एंडरोइड फोन से जिसे देखकर हर किसिका दिल कहेगा की " हर हर महादेव " दोस्तो हमने सोशयल मीडिया मे देखा है की अलग अलग इफेक्ट के साथ विडियो बनाते है जिसे देखकर हम कभी सोचने लग जाते है की ये बनाया कैसे ? बनानेवाले की नजर से वो आसान रहेता है मगर हमारी नजर से कठिन |

तो चलिये दोस्तो आज एक ऐसे ईफेक्ट के बारे मे बता रहा हु जिसे देखकर हर कोई कहेगा की वाह ...... इस इफेक्ट को आप अपने मोबाइल से भी बना सकते है, तो चलो शुरू करते है

https://youtu.be/5zXN5jC08Bk

सबसे पहले आपको एक #PNG फोटो लेना है और अगर आपको PNG फोटो बनाना नहीं आता है तो आप इस वीडियो मे दिखाई #APP का इस्तेमाल करे और आपको चाहे वैसा विडीओ बनाए ....विडीओ बनाने की आसान टेक्निक यहाँ है जिसे देखकर आप बनाए अपना खुद का वीडियो

आपका मार्गदर्शक बनेगा ये वीडियो जिसे जरूर देखे 

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Monday, June 3, 2019

चलो खुदाई करते है ( पप्पू धमाल )


आजकल #JCBKiKhudai बहुत चल रहा है और उस पर लंबी लंबी बाते भी हुई है मगर आज हम कोई बात वीत नहीं करेंगे क्यू की आज तो हम सीर्फ हसेंगे और हसाएंगे ...... तो चलो आज भी किसिकी बजाते है #JCB को बाहर निकालता हु तब तक ठहेरियीगा आपके बिना वो जगह कौन बताएगा जहां #JCBKiKhudai करनी है ? "

https://bit.ly/2WkjzZV
 " अबे JCB की चाबी कहाँ गई रे पप्पू , क्या तू ले गया था ? "  उसपर #पप्पू बडे आराम से बोला " मै बताता हु " और उसने अपने कुर्ते की बाहे चड़ाई " हाँ तो आपका सवाल क्या है ? " पप्पू बोला मैंने इधर उधर चाबी ढूंढते कहा की " क्या तूने JCB की चाबी ली है ? "

" ना जी ना ... मै भला JCB की चाबी क्यू लू ? " वो बड़ा मासूम होकर बोला " वो तो मै यहाँ से खेत मे जाने के लिए निकला तो चाबी भी मेरे साथ साथ आने लगी थी " .... ये सुनकर मै चौंक गया और बोला " अबे क्या चाबी के भी पैर आ गए क्या ? " मेरी इस बात पर पप्पू बोला " मै बताता हु , असल मे चाबी को कोई पैर बीर नहीं आए थे मगर चाबी मेरे साथ चल रही थी " ....  "अबे, चाबी कैसे चल सकती है ? " .... पप्पू बड़े आराम से बोला " मै बताता हु " कहेकर पप्पू कुछ सोचने लगा मगर मेरी उत्तेजना बढ़ रही की क्या वाकई मे चाबी भी चलकर दूर निकल गई ? " तभी #पप्पू बोला " वो क्या हुवा ......चाबी को पैर नहीं आए थे मगर चाबी मेरी मुट्ठी मे थी और मै चल रहा था " ये सुनकर मुझे गुस्सा आया मैंने पास मे पड़ा 6 फीट लंबा गन्ना उठाया जिसे देखकर वो तुरंत बोला " ओह , मुझे तो पता ही नहीं था की बांस इतने पतले भी होते है ? "

" तू रुक तुझे बता हू की ये बांस जब पड़ता है तो कैसा लगता है ? " और मै वो बांस लेकर उसके पीछे पड़ा ...... पप्पू आगे दौड़ रहा था और मै वो हरा ताजा 6 फीट का गन्ना लेकर उसके पीछे दौड़ रहा हु ... आपको भी कही पप्पू मिले तो उससे पूछना JCB की चाबी कहाँ है ?

उस दिन से मैंने शुरू कर दिया है ये ट्रेंड #JCBKiKhudai जो आज भी चालू है क्या आप इस पर बना मजेदार विडीओ देखना चाहोगे ?

अगर विडीओ भी देखना है तो यहाँ क्लिक करो

कृपया कहीं पप्पू मिले तो उसे पूछना #JCB की चाबी कहाँ है ?

पप्पू का हुलिया कुछ ऐसा है
उम्र : 48 वर्ष का अधेड़ बालक
रंग : गोरा
आदत : कहीं पर भी आँख मारना
पप्पू की खोज : आलू से सोना बनाने की मशीन बनाई है
खासियत : हर बात मे कहेता है " मै बताता हु "
दिमाग : जिसके बारे मे खोज चालू है पता लगते ही आपको बताया जाएगा

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पप्पू मिले तो बताना जरूर 

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