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Tuesday, May 19, 2020

क्या चाइना को आपका सपोर्ट है ? Tiktok का सच

क्या चाइना को आपका सपोर्ट है ?


ऐसे बहुत से लोग मैने देखे जो सोश्यल मीडिया पर चाइनीज सामान का बहिष्कार करने की जबरदस्त अपील करते है मगर जब वास्तविकता देखी तो पता चला ये भी "TIKTOK " के बिना नही रहे सकता ।

घंटा बनोगे स्वदेशी जो tiktok खुद चीन में नही उसे आप लोगो ने एक आदत बनाकर चीनी अर्थतंत्र को मजबूत बना दिया ....... याद रहे चाइना में Tiktok टोटली प्रतिबंधित है .....  

आइये देखते है चाइनीस कंपनी टिकटोक का इतिहास जिसे दुनियाँ की टॉप App बनाने में भारतीयों का जबरदस्त हिस्सा है ।

आईओएस और एंड्राइड सोशल मीडिया वीडियो ऐप Tiktok को 2017 में चीनी डेवलपर बाइटडांस द्वारा चीन के बाहर के बाजारों के लिए लॉन्च किया गया था। बाइटडांस ने पहले डॉयेन (सितंबर 2016 में चीन के बाजार के लिए) को प्रारम्भ किया। टिकटॉक और डॉयेन समान हैं लेकिन चीनी सेंसरशिप प्रतिबंधों का पालन करने के लिए विभिन्न सर्वरों पर चलते हैं। आखिर अपने देश के लिए अलग और दुनियाँ के लिए अलग क्यो ? याद रहे कि TikTok चीन में उपलब्ध नहीं है , और इसके सर्वर उन देशों में आधारित हैं जहां ऐप उपलब्ध है।
आइये करते है नजर इस App की स्पोर्टिंग भाषाओ पर 

150 से अधिक बाजारों और 75 भाषाओं में उपलब्ध है टिकटोक जैसे अरबी,बंगाली, बर्मी, केबुआनो, अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, ग्रीक, गुजराती , हिंदी, इंडोनेशियाई, इता, जापानी, जवानी, कन्नड , कोरियाई, मलय, मलयालम, मराठ , उड़िया, पोलिश, पुर्तगाली, पंजाबी , रूसी, सरलीकृत चीनी , स्पेनिश, स्वीडिश, तागालोग, तमिल , तेलुगु, थाई, पारंपरिक चीनी, तुर्की, यूक्रेनी, वियतनामी. वगैरा 

10 भाषा हिंदुस्तान की है और कुल भाषा 75 है इस बात से कुछ समजे आप या नहीं ? आखिर 150 से अधिक बाजार में 75 भाषा मे से 10 भाषा हिंदुस्तान की ? शायद इस एप्प के यूजर्स कहेगे की टिकटोक हिंदुस्तान की इज्जत करता है तो फिर उन यूजर्स को मैं पूछता हूं कि टिकटोक चीन में क्यों नही ? जब कि ये चाइनीस कंपनी है ।
हो सकता है आपका पर्सनल डेटा उनके लिए जरूरी हो या फिर कुछ और कारण हो मगर हम हिंदुस्तानी सिर्फ बोल सकते है कि चाइनीस माल का बहिष्कार करो मगर करते नही ।क्या आपने किया टिकटोक का बहिष्कार ? नही ना , पता था कि आप भी उन में से एक है जो सिर्फ सोश्यल मीडिया पर चिल्लाना जानता है कि स्वदेशी बनो चाइनीस माल का बहिष्कार करो .......चलो हटो हटो आप से ये बहिष्कार वहिष्कार नही हो पायेगा क्यो की आप चाइनीस कठपुतली जो हो।  

इंडोनेशिया में प्रतिबंध का कारण और क्या थी शर्ते ?

इंडोनेशिया ने 3 जुलाई 2018 को अश्लील वीडियो और ईश निंदा जैसी अवैध सामग्री के बारे में सार्वजनिक चिंता के बीच टीकटोक ऐप को अस्थायी रूप से बंद कर दिया। नकारात्मक सामग्री को हटाने, सरकारी संपर्क कार्यालय खोलने, और उम्र प्रतिबंध और सुरक्षा तंत्र को लागू करने सहित कई बदलाव करने के एक सप्ताह बाद ऐप को अनब्लॉक कर दिया गया था।

यूएस COPPA जुर्माना आखिर ये मामला क्या था ?

27 फरवरी 2019 को, संयुक्त राज्य संघीय व्यापार आयोग ने बाल ऑनलाइन गोपनीयता संरक्षण अधिनियम के उल्लंघन में 13 वर्ष से कम आयु के नाबालिगों से जानकारी एकत्र करने के लिए बाइटडांस यूएस $ 5.7 मिलियन का जुर्माना लगाया।बाइटडांस ने टिकटॉक में किड्स-ओनली मोड जोड़कर जवाब दिया जो वीडियो अपलोड करने, यूजर प्रोफाइल के निर्माण, डायरेक्ट मैसेजिंग और दूसरे के वीडियो पर कमेंट करने के दौरान ब्लॉक करता है, जबकि अभी भी कंटेंट को देखने और रिकॉर्डिंग की अनुमति देता है। चिल्लाते रहो स्वदेशी स्वदेशी और खुद ही चाइनीस कंपनी Tiktok को मजबूत बनाते रहो , कमाल करते हो ना आप ? 

ऐसे में देश मजबूत कैसे बनेगा मेरे दोस्त ? कभी तो सोचो कि चाइना में टिकटोक क्यो नही है ? भाई ये भी सोचो कि चाइना में टिकटोक का देसी वर्जन डॉयेन है मगर tiktok नही , क्यों कि चाइना में Tiktok टोटली प्रतिबंधित है ।
ये सब पढ़ने के बाद भी कुछ जम्बुरे यही कहेंगे छोड़ो यार आओ खेले Tiktok Tiktok , हेल्लो .... क्या आप भी tiktok के जम्बुरे है ? 

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Friday, September 6, 2019

शून्य में शून्य : आखिर क्या है ?





शून्य भी बड़ा कमाल का है एक तरफ से देखो तो शून्य है मगर सबकुछ शून्य में समाया हुवा है और वैसे भी कहा जाता है कि अंत ही आरंभ है इस बात को समझना आसान नही है और जो समझ जाता है उसे संसार मे किसी बात का डर नही रहता है और संसार की हर मोह माया से परे हो जाता है । कुल मिलाकर देखा जाए तो शून्य एक रहस्य है जिसे सुलजाना जरूरी है हम सब शून्य के अंदर ही है और जो शून्य की सीमा बिना सोचे समझे लाँघता है वो फिर से शून्य बनकर जन्म लेता है याने शून्य बन जाता है ...... आई बात कुछ समझ मे या सब उप्पर से गया ? ....

अनुराधा चौहान जी की शून्य कलम शून्य के परिध से कुछ कहे रही है आज जो सीधे शब्दों में साफ साफ बता रही है कि ......

शून्य से आए हैं
शून्य में समा जाएंगे
शून्य के रहस्य को
हम फिर भी न समझ पाएंगे

" पोएट्री बाय अनुराधा " एक बेहतरीन ब्लॉग है मगर उस ब्लॉग की ये रचना ईश्वर की खूबसूरत रचना को याने इंसान को बहुत कुछ समझाती है कि मत कर इतना अभिमान मत कर ये मेरा ये मेरा क्यों कि तू खुद एक शून्य है और तुझे उसी शून्य में समाना है ,.... जरूर पढियेगा इस पोस्ट को दोस्तो ।

 अनुराधा जी कलम यहाँ है और अनुराधा जी के लिए आपको एक कमेंट enoxo multimedia के यूट्यूब चैनल पर भी देना क्यों कि कुछ रचना दिल की गहराइयों से लिखी गई होती है और हाँ यूट्यूब चैनल को subscribe करके bell आइकॉन दबाना भूलियेगा नही



 शून्य के मायाजाल में हम सब फंसे हुवे है और इतनी गहराई में फसे है कि हम कभी कभी अपनो को भी भूल जाते है उन लोगो को भी भूल जाते है  जिन्होंने हमारे बुरे वक्त में हमारा साथ दिया होता है और भूलते भी ऐसे है की उनकी याद तक नही आती मानो शून्य में समा जाती है उसकी याद जी हाँ शून्य .... शून्य में अपनों को डालकर शुकुन की जिंदगी जीते है हम और खुद भी शून्य की तरफ प्रस्थान करते है तो कभी उस भुलानेवाले इंसान से पूछने का मन करता है कि ....... 

तू मुझे कैसे भूल जाता है ,
भूलकर कैसे सकून पाता है !

याद आती नहीं तुझे मेरी
फ़िक्र सताती नहीं तुझे मेरी
हमने बातों में इक सदी गुज़ारी थी
 वो सदी तू कैसे भूल जाता है !

तू मुझे  कैसे भूल जाता है !

जी हाँ वेणु जोया जी की कलम ने शून्य के मायाजाल में फंसे इंसान को कुछ पूछा है ...की तू मुझे कैसे भूल जाता है ? ...सच कहु तो यही शून्य का कमाल है और यही आरम्भ की वजह भी है जरूर पढियेगा इस रचना को दोस्तो .... और कमेंट में वेणु जी ने पूछे सवाल का जवाब दीजियेगा




शून्य का मायाजाल ही ऐसा है कि होकर भी साथ नही होता है जैसे आपके पास सबकुछ है मगर फिर भी कुछ भी नही है .... आपके पास अल्फाज है आपके पास ख्वाब है आपके पास ख्वाहिश है ,जुबां है मगर जैसे ही शून्य के परिध को आप टच करते है वैसे आप शून्य बन जाते है और शून्य के रास्ते पर चले जाते है ..... बात अभी भी नही समझे क्या तो भाई चलो ज्योति सिंह की कलम से कैद कुछ अल्फाजो को समझते है .....

होकर भी साथ नहीं

ख्वाब  वही 

ख्वाहिश  वही

अल्फाज  वही 

ज़ुबां  वही  ,

फिर  रास्ते  कैसे 

जुदा  है  सफ़र  के  ,

ज्योति सिंह की इस रचना ने चंद शब्दो मे बहुत गहराई भरी बात कर दी है आप जरूर पढ़ें इस रचना को और ज्योति दीदी की इस रचना पर कमेंट करना और उनके लिए यूट्यूब पर भी कमेंट करना भूलियेगा नही




शून्य में समाए इंसान की ख्वाइश बहुत रहती है मगर इंसान हरी पत्तियों को भी पतझड़ बना देता है अपनी ख्वाइशें पूरी करने के लिए अरे भाई हरि पत्तियां का मतलब अपने हरे भरे जीवन मे ख्वाईश का ढेर लगा देता है जब हारकर थक जाता है तब ... 

चंचल किरणें  शशि की
झांक रही थी पत्तियों से ,
उतर आई अब मेरे आंगन ,
जी करता इनसे अंजलि भर लूं
या  फिर थाली भर-भर रख लूं ,

जी हाँ कुसुम कोठारी की कलम ने इंसान की उस फितरत की बात की है जो शून्य में समाई हुई है मगर फिर भी वो मजबूत है ..... आप पढिये तो सही फिर आप भी कहेंगे कि वाह ! चाँद कटोरा , .... भाई वहाँ कमेंट करके ये जरूर बताना की शून्य में समाई हुई इंसानी फितरत कितनी मजबूत है और चांद कटोरा के लिए यूट्यूब चैनल पर भी एक कमेंट जरूर करियेगा ...


शून्य भी बड़ा कमाल का है कभी खलबली मची हुई थी .... कभी वैभव अपार था और ताकत इतनी थी कि देश को 70 साल से लूट रही सरकार को भी घर का रास्ता दिखाया था अरे ! भाई मैं 2014 के के पहले की बात कर रहा हु ब्लॉग जगत की मगर आज ना जाने उसका वो वैभव कहाँ गया और कहाँ खो गया वो अफाट शब्दो का खजाना .... ना जाने क्यों कई बेहतरीन लेखको की कलम शून्य हो गई ... ना जाने क्यों ?

शून्य क्या इसीको कहते है अंत अगर इसीको अंत कहते है तो दूसरी तरफ अंत को ही आरम्भ भी कहते है .... चलो दोस्तो एकबार फिर से प्राप्त करे वो वैभव जिसमे आप जैसे लेखको की तेज कलम के माध्यम से कैद होते अल्फाज हो

चलो ब्लॉग जगत की हालत पर हो जाये एक बात ..मेरे प्रिय बंधु और मार्गदर्शक श्री अजय झा जी की कलम आज फिर से कुछ बात कर रही है जरूर पढियेगा दोस्तो


* विडीओ ब्लॉग पंच के एपिसोड









एकबार अवश्य देखे और चुने अपनी पसंदीदा ब्लॉग

* आप मुझे यहाँ मिलिए 






धन्यवाद ,