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Wednesday, August 19, 2009

" माँ भी किसी की बेटी थी -- ३ "

" बेटी अनमोल है |"


" हम पढ़े लिखे लोगो के पास बहुत से ऐसे कार्य है जिससे हमें "सुकून " मिलता हो ,मगर सायद आज कल पढ़ाई का मतलब बन गया है ...खूब सारा पैसा कमाना ...मै भी मानता हु की बिना दौलत के इंसान का इस दुनिया में कोई काम नही |क्यु हम जैसे पढ़े लिखे लोग पैसो के पीछे दौड़ते है जब की हम जानते है की पैसो से हम सच्ची मुस्कान या सुकून नही खरीद सकते |आपके पास चाहे कितना भी पैसा हो मगर "संतोष " नही है ,थोड़ा और पैसा कमालु ...पैसे कमाने के रस्ते हम बना लेते है मगर कभी सोचा नही की चलो आज कोई नेक काम करले जो दिल को सुकुन....और बस सुकुन ही दे | "


"पैसा कमाकर ईट पर ईट रखकर घर या मकान बनाना जानते है हम ,मगर क्या कभी रोटी पर रोटी रखकर किसी भूखे इंसान की भूख मिटने का सोचा है ?... यकीनन नही ...बहुत से मेरे दोस्त यही कहेंगे की ये कार्य हमारा नही ......मगर मेरे भाई ,किसी भूखे को खाना खिलाकर तो देखो दिल को सुकुन जरूर मिलेगा ..अगर ये कार्य नही करना है तुम्हे तो और भी तो रस्ते है हम पढ़े लिखे लोगो के पास |"


"अपने आस पास रहते कोई अनपढ़ या गवार को ये सम्जाओ की " बेटियाँ अनमोल होती है |" ..अरे मेरे भाई किसी को समजा कर देखो तो सही आपके दिल को सुकुन कितना मिलता है ये फ़िर कहना |"


"दर्द नही प्यार बांटती है बेटियाँ ...इन्हे तुम प्यार दो दर्द नही ....चाँद पर जानेवाली भी किसी की बेटी थी ....देश की राष्ट्रपति भी किसी की बेटी है ...बेटी को कम समजो इन्हे मुर्जाने दो ...इन्हे फूल बनकर खिलने दो |जो डॉक्टर इन कलियों को खिलने नही देता है उसे सम्जाओ ..अगर समजने पर भी समजे तो उसे कहो की लानत है तेरी ऐसी डिग्री पर .... क्या दर्द होता है ..एक माँ के दिल को जब उसका अपना बच्चा गिराया जाता है |क्या बीतती होगी उस माँ के दिल पर ये कभी सोचा है ? "


" सरकार ने कदम उठाए है मगर जब तक हम नही समजते बेटियों का महत्त्व तब तक सब व्यर्थ है सायद ......अगर पढ़े लिखे लोग नही समजते है अपनी जिम्मेदारी तो अनपढ़ और गवार लोगो को दोष देकर क्या फायदा ...कोई हक नही है हम पढ़े लिखे लोगो को की अनपढ़ और गवार लोगो को दोष दे ...कोई हक नही .....अगर आप समजते है " बेटियाँ अनमोल होती है "तो अनपढ़ लोगो को सम्जाओ फ़िर सार्थक होगी आपकी पढ़ाई ....तुम्हे गर्व होगा अपने आप पर की चलो किसी की जिंदगी बचाई |"


"अपनी बेटी या बीवी से पूछना जिन पर ये हादसा बीत चुका है .....पूछना वो माँ से जिसके साथ ये हादसा हो चुका है .....क्या बीती थी उनपर ये भी पूछना ..... उस माँ की और आपकी आँख दर्द के मारे अश्को से भर जाए तो कहेना ....तो कहेना की मै झूठा हु ...|"


"गर पता होता मुजको ,तो डुबो देती नैया मेरी मज़धार में ,

की किनारे धोखा देंगे ,

मुझे पता है की आपको अपने ही धोखा देंगे |"


ये बात लिखी होगी उनकी हर अश्को की बूंद पर और हर बूंद चिल्लाकर कहेगी

"दर्द की बात छेडो ,ये दुनिया बड़ी जालिम है ,

वो छोड़ चुकी है संसार और हम तुम्हारी पलक छोड़ रहे है ,

दर्द की बात छेडो .....|"


अलविदा दोस्तों ....फ़िर हाज़िर होंगे बेटी की बिदाई की बात लेकर मगर एक बात कहू ...."बेटी अनमोल है "इस कार्य में आप सभी मुझे सहयोग करेंगे यही आशा ....मुझे इस काम से सुकुन मिल रहा है ....आपको भी मिलेगा ......कोई माँ या बेटी के चहरे पर मुस्कान देखकर ......ये वादा रहा ........|"


{शेष भाग अगली पोस्ट में }

इनके आभारी है : शमा, निर्मलाजी , राजेंद्र महेश्वरी साहब , डी.नास्वा साहब.

11 comments:

  1. बात आपकी बिल्कुल सही है। सच्चाई को उकेरती इक शानदार रचना। हमारे समाज मे फैले इस कुरितियो को मिटाने के लिए सबसे पहले हमे पहल करनी होगी, उसके बाद हम और किसी से उम्मीद कर सकते हैं।

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  2. बात तो सही है पर सच्चाई को मान लेना ज्यादा अच्छा है| आज अगर आपके पास पैसा नही है तो आपके अस्तीत्व को कोई और कुचल देगा|

    यह पहल तभी हो सकता है जब कोई खूब बडा पैसे वाला आदमी कोई एसा मिसाल दे जिसे लोग पैसे का नाम सुनते ही उसे याद करे कि "वो उतना अमीर जब पैसे को फेक दिया’ तब मेरे कमाने का क्या फायदा

    मेरा कहना समझ रहे है ना, गरीब प्रयास करेगा तो वह उसी तक सिमीत रह जाएगी और अमीर करेगा तो सिमीत नही रहेगा|

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  3. आज़ादी की 62वीं सालगिरह की हार्दिक शुभकामनाएं। इस सुअवसर पर मेरे ब्लोग की प्रथम वर्षगांठ है। आप लोगों के प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष मिले सहयोग एवं प्रोत्साहन के लिए मैं आपकी आभारी हूं। प्रथम वर्षगांठ पर मेरे ब्लोग पर पधार मुझे कृतार्थ करें। शुभ कामनाओं के साथ-
    रचना गौड़ ‘भारती’

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  4. "दर्द की बात न छेडो ,ये दुनिया बड़ी जालिम है
    सच कहा आपने दर्द मिटने की बात सब करना चाहते है पर पहल कोई नहीं करता, अब तो हमें नींद से जाग जाना चाहिए जब तक हम नहीं जागेंगे तब तक ऐसा होता ही रहेगा और हम यूँही एक दुसरे को कोसते रहेंगे

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  5. achhi or sachhi baat kahi bhai..
    jab tk samaj ko is dard ka ahsaas nahi hoga kuch nahi ho sakta..

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  6. PAISE KI KEEMAT AAJ KE DOUR MAIN TO HAI ........ AUR ISKI JAROORAT AUR BADHTI JA RAHI HAI.......

    AAPNE SACH KAHA ........ BETI SE HAR KHUSHI, PYAAR BAANTNA CHAAHIYE ........ AAPKE JAJBAAT KI KADR KARTA HUN .........

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  7. पहले तो मैं आपका तहे दिल से शुक्रियादा करना चाहती हूँ कि आपको मेरा ब्लॉग और कविता दोनों पसंद आए! मेरे एनी ब्लोगों पर भी आपका स्वागत है! मेरे शायरी के ब्लॉग पर वक्त मिलने से आइयेगा -
    http://seawave-babli.blogspot.com
    बहुत ख़ूबसूरत, लाजवाब और उम्दा रचना लिखा है आपने! बिल्कुल सच्चाई का ज़िक्र किया है आपने!

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  8. log aksar satya ka saath dete hain lekin ye satya bahut kadava hai jise hamein mitha banana hai betiyon ko bacha ke. aapka prayas sarahniya hai aur logon ko zati taur par iske liye sankalp lena zaruri hai .shukria.

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